प्रवासी मजदूरों पर तेज हुई राजनीति, बीजेपी ने टीएमसी-कांग्रेस पर किया वार तो तृणमूल ने घेरा राज्यपाल को

बीजेपी प्रवक्ता ने सोनिया गांधी और ममता बनर्जी पर लगाया मजदूरों के पलायन पर राजनीति करने का आरोप, वहीं कैलाश विजयवर्गीय ने आर्थिक पैकेज को लेकर किया 'दीदी' पर पलटवार, वहीं बीजेपी ने की गवर्नर के बयान की निंदा

Mamta Banerjee (ममता)
Mamta Banerjee (ममता)

पॉलिटॉक्स न्यूज/पश्चिम बंगाल. देश में दिनों प्रवासी मजदूरों के पलायन पर तीखी राजनीति शुरु हो गई है. हालांकि इस बात से कोई बेखबर नहीं है कि पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव से पहले ही बंगाल सीएम ममता बनर्जी और बीजेपी के बीच सामान्य कुछ भी नहीं है. नागरिकता संशोधन बिल के बाद तो ममता पहले से कहीं अग्रेसिव मोड पर आ चुकी है. इसी बीच बीजेपी भी तृणमूल सरकार को घेरने का कोई मौका नहीं छोड़ रही. अब कोरोना संकट काल में प्रवासी मजदूरों पर राजनीति शुरु हो गई है. एक ओर बीजेपी ने ममता बनर्जी और सोनिया गांधी पर प्रवासी मजदूरों को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया, वहीं टीएमसी सांसद ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर तंज कसा है.

गौरतलब है कि कोरोना महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन के बीच प्रवासी मजदूरों का पलायन सबसे बड़ा मुद्दा बना हुआ है. सरकार इसे लेकर लगातार विपक्ष के निशाने पर है. इसी बीच बीजेपी प्रवक्ता संबित पात्रा ने मजदूरों के पलायन को लेकर संबित पात्रा ने पश्चिम बंगाल और कांग्रेस शासित राज्यों पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. संबित पात्रा ने कहा कि ममता बनर्जी और कांग्रेस शासित राज्य श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन बढ़ाने की इजाजत नहीं दे रहे हैं.

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पात्रा ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर श्रमिकों के मुद्दे पर राजनीति करने का आरोप जड़ दिया. पात्रा ने ये भी कहा कि ममता बनर्जी ने अजमेर दरगाह से फंसे लोगों को निकालने के लिए ट्रेन चलाई लेकिन अन्य जगहों से लोगों को निकालने में उनकी कोई रुचि नहीं है. बता दें, ममता सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिये 7 ट्रेनों की अनुमति दी है.

इधर, बीजेपी के महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी प्रवासी श्रमिकों के मुद्दे को लेकर बंगाल सीएम को घेरा. साथ ही कोरोना संकट काल में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज को लेकर ममता बनर्जी पर पलटवार किया. ममता ने पीएम मोदी के राहत पैकेज को ‘बिग जीरो’ बताया था. इस पर विजयवर्गीय ने बंगाल सीएम पर हमला करते हुए कहा, ‘बंगाल में एमएसएमई की इंडस्ट्री है कि नहीं. ममताजी थोड़ा-सा भी दिमाग चलाएंगी तो उन्हें पता चलेगा कि केंद्र सरकार द्वारा दिया गया पैकेज किसी सरकार के लिए नहीं था. यह पैकेज छोटे और लघु उद्योगों के लिए है.’

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बीजेपी नेता ने आगे कहा कि बंगाल की सारी एमएसएमई को आर्थिक पैकेज का लाभ मिलेगा. हां, ममताजी की जेब में यह रुपया नहीं जाएगा इसलिए उन्हें तकलीफ है. विजयवर्गीय ने कहा कि जो बंगाल को दिया जा रहा है, कम से कम वो तो ममता बांटें. प्रधानमंत्री ने बंगाल में हर व्यक्ति के लिए पांच किलो अनाज दिया, वह भी अभी तक नहीं बटा. उसे सभी टीएमसी कार्यकर्ताओं ने अपने घर पर रख रखा है. बीजेपी नेता ने कहा, ‘हमने छापे डलवाए, वीडियो भी बनवाए… ममताजी कम से कम अर्नगल आरोप ना लगाएं’.

बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस की इसी तनातनी में बंगाल के राज्यपाल जगदीप धनखड़ भी घेरे में आ गए. सत्तारूढ़ दल तृणमूल कांग्रेस की लोकसभा सांसद महुआ मोइत्रा ने राज्यपाल जगदीप धनखड़ पर तंज कसते हुए कहा कि देश में राज्यपाल के पद पर नियुक्ति के लिए संविधान की बुनियादी समझ जरूरी होनी चाहिए.

टीएमसी सांसद ने अपने अधिकारिक हैंडल पर एक ट्वीट करते हुए लिखा कि राज्यपाल की नियुक्ति के लिए कुछ जरूरतें होनी चाहिए. उन्होंने लिखा, ‘पश्चिम बंगाल में राज्यपाल की एक पोस्ट खाली. जरूरी योग्यता- 1. संविधान की बुनियादी समझ 2. पद की गरिमा रखने की क्षमता और बेवजह न बोलने की आदत 3. दैनिक जीवन में राजनीतिक मालिक की चापलूसी किए बिना थोड़ा बहुत आत्मसम्मान’ ये ट्वीट सीधे सीधे गवर्नर के पद और मर्यादा पर हमला है.

बता दें, ममता सरकार और राज्यपाल के बीच लगातार कोरोना वायरस से निपटने के साथ ही कई मुद्दों पर विवाद चल रहा है. राज्यपाल धनखड़ ने हाल में कहा था कि राज्य को निजी संपत्ति की तरह नहीं चलाया जा सकता. इस पर पलटवार करते हुए सीएम ममता बनर्जी ने गवर्नर पर प्रदेश सरकार के कामकाज में लगातार दखल देने का आरोप लगाया. दोनों के बीच लंबे समय से तनातनी चल रही है और दोनों ही टीवी पर आकर एक दूसरे के खिलाफ आरोप प्रत्यारोप जड़ चुके हैं.

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हालांकि टीएमसी सांसद के बयान पर राजभवन की ओर से फिलहाल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है लेकिन बीजेपी ने इस ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि सरकार और टीएमसी लगातार संवैधानिक पद का अपमान कर रहे हैं.

पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि राज्यपाल उचित बातें कर रहे हैं इसलिए टीएमसी इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रही है और लगातार राज्यपाल का अपमान कर रही है. साथ ही पद को नीचा दिखाने का प्रयास कर रही है. हम राज्यपाल के खिलाफ इस तरह के बयानों की निंदा करते हैं.

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