महाराष्ट्र में मंदिरों पर गरमाई सियासत, आमने-सामने हुए उद्धव और गवर्नर, बीजेपी ने निकाला मोर्चा

राज्यपाल कोश्यारी ने लिखी मुख्यमंत्री ठाकरे को चिट्ठी, लिखा 'क्या आप हो गए हैं सर्कूलर तो उद्धव ठाकरे ने दिया जवाब-आपके सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है, प्रदेश में तेज हो रही धार्मिक स्थल खोलने की मांग, साधु संतों ने शुरु किया अनशन

Uddhav Thackeray Vs Governor
Uddhav Thackeray Vs Governor

Politalks.News/Maharashtra. महाराष्ट्र में मंदिर को खोलने की मांग को लेकर राजनीति शुरु हो गई है. बीजेपी धार्मिक स्थल खोलने को लेकर मोर्चा निकाल रही है, वहीं शिरडी में साधु-संत अनशन पर बैठ गए हैं. इधर, इसी मुद्दे को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आमने सामने हो गए हैं. धार्मिक स्थल खुलवाने की मांग को लेकर गवर्नर कोश्यारी ने सीएम उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर कहा कि क्या आप सर्कूलर हो गए हैं, जिसका जवाब देते हुए सीएम ठाकरे ने कहा कि हमें आपसे सर्टिफिकेट लेने की जरूरत नहीं है. इस बीच साईं मंदिर खोलने के लिए बीजेपी के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के महंतों ने शिरडी में एकदिवसीय अनशन शुरू किया है.

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शुरुआत करते हैं मंदिर बंद रखने की वजहों से जो कोरोना संकट की वजह से किया गया है. पिछले 7 महीनों से कोरोना संकट और प्रदेश में बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी धार्मिक स्थलों के द्वार को बंद रखा गया है. सूबे में सात महीनों से सभी मंदिर बंद है. एक तरफ सरकार ने शराब की दुकानें खोल दी हैं, मगर मंदिर बंद रखने से खफा साधु संतों ने अनशन शुरू कर दिया है. राज्य में मंदिर खोलने के लिए भाजपा आक्रमक नज़र आ रही है. आज पुणे के साथ कई शहरों में मंदिरों के बाहर आंदोलन किया जा रहा है.

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इस मुद्दे पर मंगलवार को राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे आमने सामने हो गए. महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चिट्ठी लिखकर धार्मिक स्थलों को खोलने के लिए कहा है. पत्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि एक जून से आपने मिशन फिर से शुरू करने की घोषणा की थी, लेकिन चार महीने बाद भी पूजा स्थल नहीं खोले जा सके हैं.

गवर्नर ने ये भी कहा कि यह विडंबना है..एक तरफ सरकार ने बार और रेस्तरां खोले हैं, लेकिन दूसरी तरफ, देवी और देवताओं के स्थल को नहीं खोला गया है. आप हिंदुत्व के मजबूत पक्षधर रहे हैं. आपने भगवान राम के लिए सार्वजनिक रूप से अपनी भक्ति व्यक्त की. क्या आपने अचानक खुद को धर्मनिरपेक्ष (सर्कूलर) बना लिया है? क्या इस शब्द से आपको नफरत है? इस का जवाब देते हुए सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘हमें आपसे हिंदुत्व का सर्टिफिकेट लेने की कतई आवश्यकता नहीं है.

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वहीं दूसरी ओर, राज्य में मंदिर खोलने के लिए बीजेपी भी आक्रमक नज़र आ रही है. आज पुणे के साथ कई शहरों में मंदिरों के बाहर आंदोलन किया गया. अनलॉक में कई व्यवसाय और सार्वजनिक सेवा बहाल की गई, लेकिन ऐसा होने के बाद भी राज्य सरकार ने अभी तक धार्मिक स्थल नहीं खोले. राज्य सरकार के इसी निर्णय के खिलाफ भाजपा ने प्रदर्शन किया. मंगलवार को मुंबई में प्रदर्शन किया. इसके अलावा शिरडी में साधु-संत अनशन पर बैठ गए हैं. इस बीच साईं मंदिर खोलने के लिए बीजेपी के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ के महंतों ने शिरडी में एकदिवसीय अनशन शुरू किया है.

पुणे शहर के ग्रामदैवत तांबड़ी जोगेश्वरी मंदिर के बाहर भजन कर बीजेपी ने प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर कुंभकर्ण की नींद में सोई सरकार का प्रतीकात्मक पुतला भी बनाया गया. भाजपा के शहर अध्यक्ष जगदीश मलिक के अलावा कई भाजपा कार्यकर्ता इस आंदोलन में सहभागी हुए. सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की गई है.

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इधर, प्रदेश में कोरोना से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. आंकड़ों की बात करें तो महाराष्ट्र में अब तक सवा पंद्रह लाख से भी अधिक कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हो चुकी है जिनमें से 13 लाख के करीब मरीज ठीक हो चुके हैं. फिलहाल 2.12 लाख मरीज अभी एक्टिव हैं. 40 हजार से ज्यादा की मौत हो चुकी है.

सरकार आंकड़ों के हिसाब से अब तक 77 लाख कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं और संख्या लगातार बढ़ती जा रही है लेकिन कोरोना का खतरा कम नहीं हो रहा. बीते दिन भी एक हजार से अधिक कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई है. इसी वजह से धार्मिक स्थल खोलने की इजाजत नहीं दी जा रही क्योंकि इनके खुलते ही भीड़ उमड़ेगी और संक्रमण का खतरा बढ़ जाएगा. देश के कई राज्यों में भी धार्मिक स्थल खोलने की अनुमति नहीं दी गई है लेकिन बीजेपी इसे मुद्दा बनाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही.

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