Politalks.news/Rajasthan. लगता है प्रदेश की राजनीति में आया सियासी संकट इतना जल्दी खत्म होने वाला नहीं है. पिछले लगभग 20 दिन से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, सचिन पायलट, बीजेपी, राज्यपाल कलराज मिश्र, हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के बीच चल रहा सियासी चक्र देशव्यापी राजनीति में जमकर उछला. इसी बीच कथित तौर पर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह और पायलट ग्रुप के विधायकों के बीच की खरीद फरोख्त के ऑडियो टेप ने इस ड्रामे में भरपूर तड़का लगाया. अब कल यानी बुधवार को जैसे ही राज्यपाल ने 14 अगस्त को विशेष सत्र बुलाने की अनुमति दी और लगने लगा कि अब राजस्थान में सब कुछ शांत होने वाला है, इसी बीच विधानसभा स्पीकर सीपी जोशी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया जिसमें वे सीएम गहलोत के बेटे और आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत से प्रदेश की राजनीति और सियासी संकट पर बात कर रहे हैं. इस वीडियो के बाहर आने के बाद बीजेपी पूरी तरह हमलावर हो गई है. इसी कड़ी में प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने स्पीकर पर निष्पक्ष न रहने का आरोप लगाते हुए सीपी जोशी के इस्तीफे की मांग की है.
गौरतलब है कि बुधवार को सीपी जोशी का जन्मदिन था और आरसीए अध्यक्ष वैभव गहलोत जन्मदिन की बधाई देने सीपी जोशी के आवास पर पहुंचे थे. यहां आपसी बातचीत में राजस्थान की राजनीति पर चर्चा हुई तो ये बातें सामने आई. वैभव सीपी जोशी को अपना राजनीति गुरु भी मानते हैं और उनसे राजनीति के दांव पेंच सीख रहे हैं. जोशी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के संरक्षक भी हैं.
इस वीडियो पर प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि जिस तरह की बातचीत वीडियो में हमने सुनी है, उससे ऐसा लगता है कि विधानसभा अध्यक्ष कांग्रेस पार्टी से आते हैं और पार्टी के लिए पक्षपात कर रहे हैं जो कि एक स्पीकर को शोभा नहीं देता है. पूनियां ने कहा कि स्पीकर संजीदा व्यक्ति हैं और ऐसे व्यक्ति पर जब इस तरह के सवाल उठे तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा दे देना चाहिए.
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बीजेपी विधायक ने कहा कि स्पीकर किसी सामान्य व्यक्ति से बात नहीं कर रहे हैं बल्कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे से बात कर रहे हैं. ऐसे में साफ लगता है कि वह कांग्रेस का साथ दे रहे हैं, जबकि संविधान के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष को निष्पक्ष रहना चाहिए. पूनियां ने आगे कहा कि एक तरफ विधानसभा अध्यक्ष हाईकोर्ट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं कि हाई कोर्ट उनके विधायकों के नोटिस देने के मामले में लक्ष्मण रेखा पार कर रहा है. दूसरी तरफ वे खुद ही सारी मर्यादा तोड़ वीडियो में 30 विधायकों के उधर चले जाने और सरकार बचा लेने की बातचीत कर रहे हैं. पूनियां ने इसे असंवैधानिक करार दिया है और इस्तीफे की मांग की है.
दरअसल, सीपी जोशी और वैभव गहलोत की मुलाकात का एक वीडियो आया है जिसमें स्पीकर कह रहे हैं कि अभी हालात मुश्किल हैं. अगर 30 आदमी निकल जाते हैं तो आप कुछ नहीं कर सकते, वो सरकार गिरा देते. आइए जानते हैं वीडिया में दोनों नेताओं के बीच हुई बातचीत के कुछ अंश..
स्पीकर- मामला टफ है बहुत अभी
वैभव गहलोत- राज्यसभा चुनाव के बाद 10 दिन निकाला फिर वापस रखा.
स्पीकर- 30 आदमी निकल जाते हैं तो आप कुछ नहीं कर सकते. हल्ला करके रह जाते, वो सरकार गिरा देते. अपने हिसाब से उन्होंने कॉन्टेक्ट किया इसलिए हो गया. दूसरे के बस की बात नहीं थी.
इस वीडियो के बाहर आने के बाद बैकफुट पर टिकी बीजेपी अब हमलावर की मुद्रा में आ गई है. बीते दिनों एक ऑडियो में सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा था जिसमें विधायकों के खरीद फरोख्त की बात की जा रही थी. इस वीडियो में जो आवाज थी, उसे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत की बताया जा रहा था. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने खुद इस टेप को एसओजी को सौंपा था और जांच की बात की थी. जब जोधपुर सांसद पर बात आई तो प्रदेश बीजेपी उन्हें पाक साफ बताने के चक्कर में बैकफुट पर आ गई थी लेकिन जोशी-गहलोत के वीडियो वायरल होने के बाद शांत बैठी बीजेपी में हलचल शुरु हो गई. अब बीजेपी फिर से आक्रमण वाले रवैये में लौट आई है. बीजेपी ने नैतिकता के आधार पर सीपी जोशी के इस्तीफे की मांग की है.
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ये वीडियो किसने रिकॉर्ड किया और कैसे ये वायरल हुआ, फिलहाल इस बात का बता नहीं चल पाया है लेकिन राजस्थान के सियासी घमासान के बीच ये एक नया तड़का लग गया है. एक तरफ मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सरकार गिरने से बचाने के लिए अथक प्रयास कर रहे हैं ताकि अब कोई टूट फूट न होने पाए. यही वजह है कि 100 से अधिक कांग्रेसी विधायक पिछले 20 दिनों से बाडेबंदी में बैठे हैं. चूंकि विधानसभा का विशेष सत्र 14 अगस्त को बुलाया जा रहा है, ऐसे में निश्चित है कि अगले 15 दिन सभी विधायकों को होटल में ही रहना होगा. हां, ये जरूर है कि जब निश्चित तारीख पर विधानसभा का विशेष सत्र आरंभ होगा, इस वीडियो पर बीजेपी की ओर से हंगामा होना तय है.