Politalks.News/Amrit_Mahotsav:- देश भर में दांडी यात्रा की 91वीं वर्षगांठ एवं आजादी के 75वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर ‘अमृत महोत्सव’ का आयोजन किया गया. इस उपलक्ष्य में अहमदाबाद में स्थित साबरमती आश्रम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘अमृत महोत्सव’ की शुरुआत की. इस मौके पर पीएम मोदी ने साबरमती आश्रम पहुंच महातमा गांधी को पुष्पांजलि अर्पित की और ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के तहत सात जगहों पर डिजिटल तरीके से प्रदर्शनियों का उद्घाटन किया. इस दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रतीकात्मक दांडी यात्रा को हरी झंडी दिखाई, जिसके तहत 81 यात्री साबरमती आश्रम से रवाना हुए. इससे पहले पीएम मोदी ने महोत्सव को संबोधित करते हुए कहा कि किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है, जब वो अपने अतीत के अनुभवों और विरासत के गर्व से पल पल जुड़ा रहता है.
‘आजादी के अमृत महोत्सव’ के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि गुलामी के दौर में करोड़ों लोगों ने आजादी की सुबह का वर्षों तक इंतजार किया. ‘आज अद्भुत संयोग हुआ, अमृत महोत्सव से पहले आज देश की राजधानी में अमृत वर्षा भी हुई और वरुण देव ने आशीर्वाद दिया. आज आजादी के अमृत महोत्सव का पहला दिन है. यह अमृत महोत्सव, 15 अगस्त 2022 से 75 सप्ताह पूर्व शुरू हुआ है और 15 अगस्त 2023 तक चलेगा. हमारे यहां मान्यता है कि जब कभी ऐसा अवसर आता है तो सारे तीर्थों का एकसाथ संगम हो जाता है. आज एक राष्ट्र के रूप में भारत के लिए भी ऐसा ही पवित्र अवसर है.’
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि ‘दांडी यात्रा की वर्षगांठ पर बापू की कर्मस्थली पर इतिहास बनते भी देख रहे हैं और इतिहास का हिस्सा भी बन रहे हैं. आज अंडमान की सेल्युलर जेल, मुंबई का आजाद मैदान, पंजाब का जलियांवाला बाग, उत्तर प्रदेश का मेरठ, काकोरी और झांसी देश भर में ऐसे कितने ही स्थान पर आज एकसाथ इस अमृत महोत्सव का श्रीगणेश हो रहा है.’
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पीएम मोदी ने कहा कि ‘1857 का स्वतंत्रता संग्राम, महात्मा गांधी का विदेश से लौटना, देश को सत्याग्रह की ताकत फिर याद दिलाना, लोकमान्य तिलक का पूर्ण स्वराज्य का आह्वान, सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज का दिल्ली मार्च, दिल्ली चलो का नारा कौन भूल सकता है.’
अमृत महोत्सव के दौरान पीएम मोदी ने कहा, आजादी का अमृत महोत्सव यानी- आजादी की ऊर्जा का अमृत. आजादी का अमृत महोत्सव यानी – स्वाधीनता सेनानियों से प्रेरणाओं का अमृत. आजादी का अमृत महोत्सव यानी – नए विचारों का अमृत. नए संकल्पों का अमृत. आजादी का अमृत महोत्सव यानी – आत्मनिर्भरता का अमृत. इससे पहले पीएम मोदी ने आजादी के 5 स्तम्भों का भी जिक्र किया और कहा कि Freedom Struggle, Ideas at 75, Achievements at 75, Actions at 75, और Resolves at 75 ये पांचों स्तम्भ आजादी की लड़ाई के साथ साथ आजाद भारत के सपनों और कर्तव्यों को देश के सामने रखकर आगे बढ़ने की प्रेरणा देंगे.
पीएम मोदी ने आगे कहा कि किसी राष्ट्र का भविष्य तभी उज्ज्वल होता है, जब वो अपने अतीत के अनुभवों और विरासत के गर्व से पल पल जुड़ा रहता है. फिर भारत के पास तो गर्व करने के लिए अथाह भंडार है, समृद्ध इतिहास है, चेतनामय सांस्कृतिक विरासत है. अपने सम्बोधन के दौरान नमक सत्यग्रह (दांडी यात्रा) का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि हमारे यहां नमक को कभी उसकी कीमत से नहीं आँका गया. हमारे यहाँ नमक का मतलब है- ईमानदारी. हमारे यहां नमक का मतलब है- विश्वास. हमारे यहां नमक का मतलब है- वफादारी. पीएम मोदी ने कहा कि हम आज भी कहते हैं कि हमने देश का नमक खाया है. ऐसा इसलिए नहीं क्योंकि नमक कोई बहुत कीमती चीज है. ऐसा इसलिए क्योंकि नमक हमारे यहां श्रम और समानता का प्रतीक है.
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अपने संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि देश के कोने-कोने से कितने ही दलित, आदिवासी, महिलाएं और युवा हैं जिन्होंने असंख्य तप-त्याग किए. याद करिए, तमिलनाडु के 32 वर्षीय नौजवान कोडि काथ् कुमरन को, अंग्रेजों ने उनको सिर में गोली मार दी, लेकिन उन्होंने मरते हुये भी देश के झंडे को जमीन में नहीं गिरने दिया. तमिलनाडु की ही वेलू नाचियार वो पहली महारानी थीं, जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. इसी तरह, हमारे देश के आदिवासी समाज ने अपनी वीरता और पराक्रम से लगातार विदेशी हुकूमत को घुटनों पर लाने का काम किया था.
वहीं नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि अंडमान में जहां नेताजी सुभाष ने देश की पहली आजाद सरकार बनाकर तिरंगा फहराया था, देश ने उस विस्मृत इतिहास को भी भव्य आकार दिया है. अंडमान निकोबार के द्वीपों को स्वतंत्रता संग्राम के नामों पर रखा गया है. जालियांवाला बाग में स्मारक हो या फिर पाइका आंदोलन की स्मृति में स्मारक, सभी पर काम हुआ है.बाबा साहेब से जुड़े जो स्थान दशकों से भूले बिसरे पड़े थे, उनका भी विकास देश ने पंचतीर्थ के रूप में किया है.
पीएम मोदी ने कहा कि ‘हमारे स्वाधीनता संग्राम में कितने आंदोलन हैं जो देश के सामने उस रूप में नहीं आए जैसे आने चाहिए थे. ये एक-एक संग्राम, संघर्ष अपने आप में भारत की असत्य के खिलाफ सत्य की सशक्त घोषणाएं हैं. अन्याय और शोषण के खिलाफ भारत की जो चेतना राम के युग में थी, महाभारत के कुरुक्षेत्र में थी, हल्दीघाटी के युद्ध में थी, शिवाजी के उद्घोष में थी, वही शाश्वत चेतना वही शौर्य आजादी की हर लड़ाई में अपने भीतर प्रज्जवलित करके रखा था.
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पीएम मोदी वोकल फॉर लोकल का जिक्र करते हुए कहा कि आज भी भारत की उपल्धियां सिर्फ हमारी अपनी नहीं हैं, बल्कि ये पूरी दुनिया को रोशनी दिखाने वाली हैं, पूरी मानवता को उम्मीद जगाने वाली हैं. भारत की आत्मनिर्भरता से ओतप्रोत हमारी विकास यात्रा पूरी दुनिया की विकास यात्रा को गति देने वाली है. कोरोना काल में ये हमारे सामने प्रत्यक्ष सिद्ध भी हो रहा है, मानवता को महामारी के संकट से बाहर निकालने में, वैक्सीन निर्माण में भारत की आत्मनिर्भरता का आज पूरी दुनिया को लाभ मिल रहा है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन के दौरान कहा कि आज दुनिया के देश भारत का धन्यवाद कर रहे हैं, भारत पर भरोसा कर रहे हैं. यही नए भारत के सूर्योदय की पहली छटा है. यही हमारे भव्य भविष्य की पहली आभा है.