ग्लोबल राजस्थान की ओर बड़ा कदम: एक लाख करोड़ की संभावनाओं पर फोकस

सीएम भजनलाल शर्मा की पहल पर जेईसीसी में भव्य आयोजन: औद्योगिक प्रगति, सांस्कृतिक पहचान और निवेश का महाकुंभ बनने जा रहा पहला प्रवासी राजस्थानी दिवस, राजस्थानी डायस्पोरा से बेहतर संवाद व दीर्घकालिक साझेदारी की दिशा में बड़ा कदम

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राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की पहल पर आज (10 दिसंबर) राजधानी जयपुर के सीतापुरा स्थित जेईसीसी सभागार में पहले ‘प्रवासी राजस्थानी दिवस’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है. देश-विदेश में बसे प्रवासी राजस्थानियों द्वारा बड़े उत्साह के साथ इसमें भाग लिया जा रहा है. इस कार्यक्रम के लिए अब तक करीब नौ हजार लोगों ने पंजीकरण कराया है. उम्मीद है कि इसी मंच से राज्य में लगभग एक लाख करोड़ रुपए के निवेश प्रस्तावों की ग्राउंड ब्रेकिंग होगी. प्रवासी राजस्थानी नीति सहित विभिन्न निवेश प्रोत्साहन नीतियों का भी अनावरण किया जाएगा. सरकार का उद्देश्य इस आयोजन के माध्यम से एक ऐसे दीर्घकालिक मंच का निर्माण करना है, जो औद्योगिक प्रगति, सांस्कृतिक पहचान और वैश्विक स्तर पर राजस्थान की प्रतिष्ठा, तीनों को नई दिशा दे सके.

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उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पिछले वर्ष राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट के प्रवासी राजस्थानी कॉन्क्लेव में प्रत्येक वर्ष 10 दिसंबर को प्रवासी राजस्थानी दिवस मनाने की घोषणा की थी. उसी क्रम में इस वर्ष पहला प्रवासी दिवस आयोजित किया जा रहा है. इसका मुख्य उद्देश्य विश्वभर में फैले राजस्थानी डायस्पोरा को एक ही मंच पर लाकर उनकी जड़ों से जुड़ाव को मजबूत करना है. इसके लिए हैदराबाद, सूरत और कोलकाता में प्री-मीट और पर्यटन प्री-मीट भी आयोजित किए जा चुके हैं.

कई राज्यों के राज्यपाल और केंद्रीय मंत्री होंगे शामिल

कार्यक्रम में राजस्थान के राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े, पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, केंद्रीय बिजली-आवासन एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल, केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, केंद्रीय कौशल विकास एवं उद्यमिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जयंत चौधरी, राज्य के उद्योग मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौड़ सहित कई केंद्रीय और राज्यस्तरीय जनप्रतिनिधि शामिल होंगे. उद्योग जगत से वेदांता ग्रुप के चेयरमैन अनिल अग्रवाल और टाटा पावर के सीईओ एवं एमडी प्रवीर सिन्हा भी उपस्थिति दर्ज कराएंगे.

औद्योगिक निवेश और जुड़ाव पर होगा गहन मंथन

कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 10 बजे उद्घाटन सत्र से होगा जिसके बाद ‘प्रवासी राजस्थानी संवाद तथा उद्योग, ऊर्जा, जल, खान, शिक्षा, पर्यटन एवं स्वास्थ्य जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों पर आधारित सेक्टोरल सेशन आयोजित किए जाएंगे. इन सत्रों में विशेषज्ञ राजस्थान में बदलते औद्योगिक माहौल, निवेश संभावनाओं और भविष्य की योजनाओं पर विचार-विमर्श करेंगे. विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाले प्रवासी राजस्थानियों को सम्मानित भी किया जाएगा. शाम के सांस्कृतिक आयोजन में राजस्थानी संस्कृति और लोककला की समृद्ध झलक देखने को मिलेगी.

एक लाख करोड़ के निवेश की संभावना

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के नेतृत्व में राइजिंग राजस्थान में कुल 35 लाख करोड़ रुपए के निवेश समझौते हुए थे, जिनमें से लगभग 7 लाख करोड़ रुपए के एमओयू धरातल पर उतर चुके हैं. ‘प्रवासी राजस्थानी दिवस के दौरान एक लाख करोड़ के निवेश प्रस्तावों की ग्राउंड ब्रेकिंग के साथ यह आंकड़ा 8 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच सकता है. इस अवसर पर 10 से अधिक नई नीतियों का भी अनावरण किया जाएगा, जिनमें प्रवासी राजस्थानी नीति भी प्रमुख है. कार्यक्रम स्थल पर ‘प्रगति पथ थीम पर आधारित एक प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी, जिसमें राज्य के विकास और निवेश अवसरों को प्रदर्शित किया जाएगा.

दुनिया भर के 26 राजस्थानी चैप्टर की सहभागिता

कार्यक्रम में अंतरराष्ट्रीय व घरेलू – कुल 26 राजस्थानी चैप्टर के पदाधिकारी हिस्सा लेंगे. अंतरराष्ट्रीय चैप्टर में म्यूनिख, नैरोबी, दुबई, सिंगापुर, दोहा, टोक्यो, रियाद, मेलबर्न, कंपाला, काठमांडू, लंदन और न्यूयॉर्क शामिल हैं. घरेलू चैप्टर दिल्ली, रांची, गुवाहाटी, पुणे, भुवनेश्वर, मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, सूरत, बेंगलुरु, हैदराबाद, इंदौर, कोलकाता और कोयम्बटूर से जुड़े हैं.

प्रवासियों के लिए सिंगल प्वॉइंट कॉन्टेक्ट की सुविधा

इस दिवस का मूल उद्देश्य राज्य सरकार और प्रवासी राजस्थानियों के बीच भरोसेमंद, मजबूत और निरंतर संवाद की स्थापना करना है. इसके तहत सभी जिलों में प्रवासी परिवारों के लिए सिंगल प्वॉइंट कॉन्टेक्ट की व्यवस्था बनाई जाएगी, जिससे उनकी समस्याओं, निवेश योजनाओं और प्रस्तावों का त्वरित समाधान सुनिश्चित किया जा सके. इससे न केवल राजस्थान में निवेश की संभावनाओं को विकास के नए पंख मिलेंगे, बल्कि प्रवासी राजस्थानियों की राज्य के सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन में भूमिका भी सुदृढ़ होगी.

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