पायलट के फैसले को पलटना भारी पड़ा सीएम गहलोत को, पंचायतों में पुनः लागू करनी पड़ी बैंकिंग व्यवस्था

पंचायती राज विभाग के मंत्री रहते सचिन पायलट ने फरवरी 2019 में ही सरकारी नोटशीट पर उचित कारण गिनाते हुए ग्राम पंचायतों के लिए पीडी खाते खुलवाने को उचित नहीं माना था, सरपंच संघ ने तालाबंदी कर जताया विरोध तो विपक्ष भी हुआ था मुखर

पायलट के फैसले को पलटना भारी पड़ा सीएम गहलोत को
पायलट के फैसले को पलटना भारी पड़ा सीएम गहलोत को

Politalks.News/Rajasthan. सरपंचों के दबाव में रविवार को प्रदेश में पंचायती राज और स्वायत्तशासी संस्थाओं के पीडी खातों को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पंचायतों को भुगतान की व्यवस्था को पूर्व की भांति बैंकों के माध्यम से ही जारी रखने के निर्देश दिए गए. जबकि पूर्व उपमुख्यमंत्री के साथ पंचायती राज विभाग के मंत्री रहते सचिन पायलट ने फरवरी 2019 में ही सरकारी नोटशीट पर उचित कारण गिनाते हुए ग्राम पंचायतों के लिए पीडी खाते खुलवाने को उचित नहीं माना था.

लेकिन जब प्रदेश में हुए सियासी घटनाक्रम के चलते सचिन पायलट को पंचायत राज विभाग और उपमुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया, तब पंचायत राज विभाग का काम देख रहे सीएम गहलोत ने पंचायतों में भुगतान के लिए पीडी खाते खुलवाने की व्यवस्था को लागू किया. इस निर्णय का सरपंच संघ द्वारा जबरदस्त विरोध किया गया जिसके चलते हजारों पंचायतों पर तालाबंदी तक कर दी गई. वहीं विपक्ष भी इस मुद्दे पर मुखर होने लगा तब रविवार को सीएम गहलोत ने अपने निर्णय को बदलते हुवे पूर्ववर्ती बैंकिंग व्यवस्था को लागू करने का निर्णय लिया.

यह भी पढ़ें: सरपंचों की मांग को सीएम गहलोत ने किया मंजूर, पंचायतों का भुगतान पूर्व की भांति बैंकों के माध्यम से ही होगा

पंचायत राज मंत्री रहते सचिन पायलट ने किया था पीड़ी खुलवाने से साफ इंकार

आपको बता दें, पंचायतों को पैसा सीधा उनके बैंक खातों में जाना चाहिए ये सोच थी राजीव गांधी की. इसके बावजूद कई सरकारें और नौकरशाही सरपंचों को कमजोर करने का प्रयास करती रही है और ये कुत्सित प्रयास तब भी हुआ जब सचिन पायलट उपमुख्यमंत्री रहते हुए पंचायतराज देख रहे थे. लेकिन उनकी सोच स्पष्ट थी कि पंचायतराज संस्थाओं के पी.डी. खाते खोलना उचित नहीं है. ऐसे में रविवार को सीएम गहलोत द्वारा पूर्व में लिए गए अपने निर्णय को निरस्त करने से यह सन्देश जाता है कि सचिन पायलट ने मंत्री रहते 11 हजार सरपंचों के हित में सही फैसला लिया था.

क्या कहा था सचिन पायलट ने

तत्कालीन पंचायती राज विभाग के मंत्री रहे सचिन पायलट ने नौकरशाही को जवाब देते हुए नोटशीट पर लिखा था कि, “वर्तमान में प्रत्येक ग्राम पंचायत बतर पर सामान्यतः एक कार्मिककार्यरत है तथा वह भी लेखा य वित्तीय नियमों की विशेषज्ञता नहीं रखता है, ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायतों के लिए PD खाते संचालित करना व्यवहारिक नहीं है. वहीं बैंकिंग चैनल के माध्यम से बैंक खातों में राशि हस्तातरित करने की बजाय पी.डी..लातों के माध्यम से राशि उपलब्ध कराने पर सरपंचगणों द्वारा भी अनेकों बार विरोध प्रकट किया गया है. अतः ग्राम पंचायतों के लिए उपयुक्त कारणों से पी.डी. खाते खुलगाना उचित प्रतीत नहीं होता है.”

सरपंचों ने पीडी खाते खोलने के विरोध में गहलोत सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

बीते सप्ताह 21 जनवरी को प्रदेश भर के सरपंचों ने ग्राम पंचायतों के पीडी खाते खोलने के विरोध में गहलोत सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया जिसके चलते प्रदेश की लगभग 11 हजार ग्राम पंचायतों पर तालंबदी कर दी थीं. सरपंचों ने सभी ग्राम पंचायत मुख्यालयों पर तालेबंदी के साथ प्रदर्शन भी किया था. सरंपच संघ का तर्क था कि ग्राम पंचायतों के पीडी खाते खोलने से उन्हें ब्याज नहीं मिलेगा, अब तक ग्राम पंचायतों के खुद के खाते होने से उनमें जमा पैसे का ब्याज पंचायतों की निजी आय होती थी, अब यह आय बंद हो जाएगी.

यह भी पढ़ें: लाठी-सरियों से पूर्व मंत्री पुत्र पर जानलेवा हमला, गहलोत सरकार समर्थक निर्दलीय विधायक पर लगे आरोप

सरपंच संघ ने बताया कि पंचायतों के पास अब निजी आय के साधन नहीं है. अब तक पंचायतों के खुद के खातों में पैसा रहने से विकास के काम तेजी से होते थे, अब पीडी खाते खोलने के बाद छोटे से छोटे काम का पैसा भी ट्रैजरी से लेना होगा. अगर सरकार के पास फंड की कमी हुई तो ट्रेजरी से पंचायतों को पैसा देरी से मिलेगा, इससे विकास के काम में देरी होगी. बता दें, वित्त विभाग के फैसलों के बाद सभी ग्राम पंचायतों के पीडी खाते खोले जा रहे थे, लेकिन सरपंच उन्हें एक्टिवेट नहीं करवा रहे थे.

विपक्ष भी हुआ मुखर: ग्राम पंचायतों के पीडी खाते खालने की व्यवस्था के विरोध में बीजेपी भी सरपंचों के समर्थन में आ गई थी, बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिश, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित ज्यादातर नेताओं ने बयान जारी कर सरकार के इस कदम का विरोध किया था.

Leave a Reply