‘गिरिराज सिंह और शाहनवाज हुसैन जैसी भाषा स्वीकार नहीं’ राजद के वार के बाद कांग्रेस का पलटवार

महागठबंधन में पड़ने लगी दरार, राजद नेता शिवानंद तिवारी ने राहुल-प्रियंका पर फोड़ा हार का ठीकरा, दोनों नेताओं की राजनीति को बताया 'पिकनिक पॉलिटिक्स', बीजेपी नेताओं ने ली चुटकी

Shivanand Tiwari Rahul And Priyanka Gandhi
Shivanand Tiwari Rahul And Priyanka Gandhi

Politalks.News/Bihar/RahulGandhi. बिहार विधानसभा चुनाव में मिली हार महागठबंधन पचा नहीं पा रहा. कांग्रेस के बेहद लचर प्रदर्शन से राजद के नेता बेहद गुस्से में हैं, साथ ही अंदरुनी तौर पर राहुल गांधी और कांग्रेस पर हार ​का ​ठीकरा फोड़ रहे हैं. हार के बाद नेताओं की छुटपुट बयानबाजी भी यदाकदा सामने आ रही है. इसी बीच राहुल गांधी अपनी बहन और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के साथ शिमला स्थित उनके घर पहुंचे हैं और वहां पिकनिक का आनंद उठा रहे हैं. इसके बाद राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी के दिल का गुबार फूट पड़ा और राहुल गांधी एवं प्रियंका गांधी को राजनीति को ‘पिकनिक पॉलिटिक्स’ का नाम देते हुए तिवारी ने राहुल गांधी और कांग्रेस पर निशाना साध दिया. शिवानंद तिवारी ने राहुल और प्रियंका को हार का जिम्मेवार तक बता दिया.

तिवारी के बयान के बाद राजद और कांग्रेस के बीच तलवारें खींच गई हैं. कांग्रेस ने भी पलटवार करते हुए उन्हें गठबंधन धर्म की नसीहत दे दी. वहीं महागठबंधन में दरार आती देख बीजेपी के नेताओं ने चुटकी लेना शुरु कर दिया है.

दरअसल, बिहार में महागठबंधन की हार के बाद राजद के सभी नेताओं के दिल में उबल रहा है. वजह है कांग्रेस जो 70 सीटों पर चुनाव तो लड़ी लेकिन 19 सीटों पर जीत दर्ज कर सकी. इसके उलट वामदलों ने 27 सीटों पर चुनाव लड़ते हुए 16 सीटों पर कब्जा जमाया. राजद ने 144 सीटों पर चुनाव लड़ा और 50 फीसदी सीटों पर विजयश्री हासिल की. अब इस हार को लेकर राजद नेता कांग्रेस को पूरी तरह हार का जिम्मेवार बता रहे हैं जो काफी हद तक सही भी है.

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इसी कड़ी में राजद के वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी के क्रोध का ज्वालामुखी फट गया. शिवानंद तिवारी ने जब कांग्रेस को आईना दिखाना शुरु किया तो न राहुल गांधी को छोड़ा, न प्रियंका गांधी को. राजद नेता ने राहुल-प्रियंका की राजनीति को पिकनिक पॉलिटिक्स का नाम दिया. उनका आरोप है कि बिहार विधान सभा चुनाव में कांग्रेस नेता ज्यादा सक्रिय नहीं दिख पाए. प्रधानमंत्री मोदी ने जहां बिहार में 12 रैलियां कीं, वहीं राहुल गांधी ने बिहार में सिर्फ 6 रैलियों को संबोधित करके इतिश्री कर दी.

स्टार प्रचारक होने के बावजूद प्रियंका गांधी बिहार से दूर रही. सचिन पायलट को छोड़े कांग्रेस के बड़े नेता बिहार की चुनावी जमीं से दूर रहे. कुल मिलाकर पूरे चुनाव प्रचार में कांग्रेस केवल खानापूर्ति करती हुई दिखाई दी. साफ है कांग्रेस बीजेपी की तरह कड़ी मेहनत करती तो बिहार की तस्वीर बदल सकती थी. कांग्रेस की इसी नाकाफी राजनीति से शिवानंद तिवारी बेहद नाराज हैं.

शिवानंद तिवारी ने आड़े हाथ लेते हुए कहा कि राहुल गांधी की कार्यशैली की वजह से बीजेपी को मदद मिल रही है. कांग्रेस पार्टी महागठबंधन के लिए बाधा बन गई. कांग्रेस ने 70 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, लेकिन 70 रैलियां भी नहीं कीं. तिवारी यहीं नहीं रूके, उन्होंने कहा कि राहुल गांधी बिहार में केवल तीन दिन के लिए आए. प्रियंका गांधी नहीं आईं क्योंकि वो बिहार से उतना परिचित नहीं थीं. बिहार में चुनाव सरगर्मी तेज थी और राहुल गांधी शिमला में प्रियंका गांधी के घर पिकनिक मना रहे थे. क्या पार्टी ऐसे चलती है? कांग्रेस पार्टी जिस तरह से चलाई जा रही है, उससे बीजेपी को फायदा हो रहा है.

जैसे ही राजद नेता ने राहुल गांधी पर निशाना साधा तो अब कांग्रेस ने राजद पर पलटवार करते हुए गठबंधन धर्म की नसीहत दी. कांग्रेस नेता प्रेम चंद्र मिश्रा ने कहा कि राजद नेता शिवानंद तिवारी पर लगाम लगावें, तेजस्वी यादव, कांग्रेस पार्टी और राहुल गांधी को लेकर गिरिराज सिंह और शाहनवाज हुसैन जैसी भाषा राजद नेता का बोलना हमें स्वीकार नहीं. गठबंधन का धर्म होता है, जिसे सभी पक्षों को पालन करना चाहिए.

इधर, बीजेपी नेताओं ने राजद और कांग्रेस के बीच तेज होती तकरार पर चुटकी लेना शुरु कर दिया है. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा- बीजेपी जो बात देश को लगातार समझा रही है, वही बात कांग्रेस के सहयोगी दल ने भी दोहरा दी. स्मृति ईरानी ने शिवानंद तिवारी के बयान को ट्वीट करके कहा, ‘कुछ लोगों के लिए राजनीति पैंट, शर्ट और पिकनिक में होती है.’

इससे पहले अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा ने राहुल गांधी को राजनीति का अपरिपक्व और नर्वस छात्र बताया था. इस पर भी राहुल गांधी और कांग्रेस की प्रतिक्रिया नहीं आई थी. अब बीजेपी नेता राहुल गांधी पर कांग्रेस के मौन पर सवाल खड़ा कर रहे हैं. सवाल उठ रहे हैं कि इतना सब कुछ होने के बावजूद कांग्रेस चुप क्यों है? बिहार चुनाव में हार के बाद पार्टी में मंथन करने की जगह राहुल प्रियंका का घूमने के लिए पहुंच जाने के रवैये पर सहयोगी नेता ही लगातार कांग्रेस को घेर रहे हैं.

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