पॉलिटॉक्स न्यूज/मध्यप्रदेश. प्रदेश में चली हालिया सियासी उठापटक के बाद प्रदेश की कमलनाथ सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को रावण बताते हुए कहा कि बीजेपी को अपने इस कृत्य का खामियाजा भुगतना पड़ेगा और हर हाल में उन्हें उनके किए की सजा मिलेगी. जीतू पटवारी ने यहां तक कहा कि यह प्रदेश की पहली ऐसी घटना है, जिसने मध्यप्रदेश और यहां के लाेकतंत्र काे कलंकित किया है. मंत्री पटवारी शनिवार को बिरगोद गांव की पहाड़ी पर ट्रैक्टर-ट्राॅली हादसे में घायल लोगों से मिलने जिला अस्पताल पहुंचे थे. यहां मीडिया से बात करते हुए जीतू पटवारी ने यह बात कही.
मीडिया से रूबरू होते हुए जीतू पटवारी ने कहा, ‘शिवराज सिंह रावण हैं और वे रावण जैसा ही कृत्य कर रहे हैं. शिवराज काे जब इस प्रदेश की जनता ने मुख्यमंत्री बनाया, तब वे राम की भाषा बाेलते थे. जब से मुख्यमंत्री पद से हटे, रावण की भाषा बाेलने लगे हैं. वे रावण जैसे कृत्य कर रहे हैं. मैं मानता हूं कि भगवान उन्हें सद्बुद्धि देगा‘.
मंत्री जीतू पटवारी ने आगे कहा कि जाे लाेकतंत्र की हत्या करना चाहते हैं, वे इस पूरे मामले में नाकाम साबित हुए. पटवारी ने कहा शिवराज सिंह खरीद-फरोख्त करना चाहते थे लेकिन कांग्रेस के कार्यकर्ता एकजुट हैं और एकजुट रहेंगे. 15 साल का भ्रष्टाचार और अकूत संपति उनके पेट में समा नहीं रही है इसलिए वे उसका दुरुपयाेग करने की काेशिश कर रहे हैं. हमारा एक-एक जनप्रतिनिधि सकारात्मक और सेवाभाव की राजनीति करता है. यह प्रदेश की पहली ऐसी घटना है, जिसने मध्यप्रदेश और यहां के लाेकतंत्र काे कलंकित किया है. भाजपा को अपने इस कृत्य का खामियाजा भुगतना पड़ेगा. आज नहीं तो कल उन्हें इस कृत्य की सजा मिलेगी और हर हाल में मिलेगी.
शिवराज सिंह एंड टीम पर आरोप लगाते हुए पटवारी ने कहा कि शिवराज सिंह चाैहान और उनकी पूरी टीम इस घटनाक्रम में शामिल थी. हमारी सरकार का मकसद प्रदेश काे समृद्धि बनाना, किसानाें की मदद करना और प्रदेश काे सभी क्षेत्रों में देश में नंबर वन बनाना है. अभी हाल में पटवारी ने शिवराज सिंह को जन्मदिन की बधाई देते हुए भी उन्हें रावण के लक्षण वाला व्यक्ति बताया था. पटवारी ने कहा कि भगवान उन्हें लंबी उम्र दे. इंसान में राम और रावण दोनों के गुण होते हैं लेकिन वे राम बनने की कोशिश करें. भगवान उन्हें सद्बुद्धि दें.
बता दें, बीते चार दिनों से मध्य प्रदेश में सियासी भूचाल मचा हुआ है. बुधवार रात कांग्रेस सहित अन्य सहयोगी पार्टियों के 10 विधायक अचानक गायब हो गए थे. बाद में उनके दिल्ली के एक होटल में बंधक बनाए जाने की खबर मिली जिसके बाद जीतू पटवारी और दिग्विजय सिंह सहित तीन कांग्रेस नेता वहां गए. होटल के बाहर सादा कपड़ों में पुलिस वाले भी तैनात थे जिनसे दिग्गी राजा की तू-तू मैं-मैं हुई. इसके बाद कांग्रेस नेता उनमें से 6 विधायकों को वहां से निकाल पाने में कामयाब हो गए. अन्य चार विधायकों के बैंगलुरू में होने की खबर मिली. बाद में कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर विधायकों के खरीदने का आरोप लगाया तो बीजेपी ने सहमति से सभी विधायकों के साथ आने की बात कही. वहीं गायब हुए कुछ विधायकों ने ऐसी किसी भी बात से इनकार किया तो एक बसपा विधायक ने कांग्रेस का साथ देने की बात कही.
उलझल तो वहां बढ़ गई जब कांग्रेस के एक विधायक हरदीप सिंह डंग ने गुरुवार रात विधानसभा कार्यालय में इस्तीफा भेज दिया. जब खबर सामने आई तो कमलनाथ सरकार के अल्पमत में आने के कयास लगाए जाने लगे. उसी रात बीजेपी के दो विधायकों ने सीएम कमलनाथ से मुलाकात की तो अगली सुबह दोनों ओर से बयानबाजी होने लगी. एक ओर कांग्रेस नेता एक के बदले तीन विकेट गिराने की बात करने लगे तो बीजेपी नेताओं ने ऐसी किसी भी घटना से इनकार किया. शिवराज सिंह भी इस दौरान मीडिया से बचते हुए दिखाई दिए थे. जबकि पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने बीजेपी पर आरोप लगाने का सिलसिला जारी रखा.