पॉलिटॉक्स न्यूज़/भारत. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद भारत ने विटामिन बी1 और बी 12 सहित 24 फार्मा सामग्रियों और दवाओं के निर्यात पर लगी रोक हटा ली है. लेकिन कोरोना वायरस के संकट के बीच हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवाई को लेकर राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी वाले बयान ने शांत पड़ी भारत की राजनीति में सियासी भूचाल ला दिया है. दवाओं के निर्यात पर लगे बैन को हटाने पर बुधवार को कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि भारत ने अमेरिका के दबाव में आकर दवाई के निर्यात से तुरंत बैन हटा दिया, जो देश की कमजोर छवि को पेश करता है. वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप से पूछा है कि जैसे हमने आपको दवाई मुहैया कराई, तो क्या अमेरिका भारत को कोरोना से लड़ने की वैक्सीन देगा?
दवाई मिलने के बाद कि मोदी की तारीफ
दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीते दिन एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अगर भारत हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन की सप्लाई नहीं करता है, तो अमेरिका जवाबी कार्रवाई कर सकता है. इस धमकी के बाद भारत में विवाद शुरू हो गया, हालांकि भारत के कुछ दवाओं के निर्यात पर से बैन हटाने के 24 घंटों के बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि संकट के समय में भारत के द्वारा की जा रही मदद के लिए वह शुक्रिया करते हैं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक शानदार व्यक्ति हैं.
यह भी पढ़ें: ट्रंप की धमकी पर राहुल गांधी और थरूर ने दी नसीयत तो मंत्रालय ने कुछ दवाओं के निर्यात पर से हटाई रोक
26 तरह की दवाओं और सामग्रियों के निर्यात पर रोक हटी
बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की धमकी के बाद भारत ने विटामिन बी1 और बी 12 सहित 24 फार्मा सामग्रियों और दवाओं पर निर्यात प्रतिबंधों में ढील दे दी. विदेश व्यापार महानिदेशालय (DGFT) की अधिसूचना के अनुसार पैरासिटामोल और पैरासिटामोल से बनी अन्य दवाइयों पर निर्यात प्रतिबंध पहले की तरह जारी रहेंगे. महानिदेशालय ने तीन मार्च को 26 दवा सामग्रियों (API) और उनके यौगिक दवाइयों के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया था जिसके तहत निर्यातक को निर्यात के लिए महानिदेशालय से लाइसेंस या अनुमति लेनी होती है.
इंदिरा गांधी ने दिया था करारा जवाब
भारत सरकार द्वारा अमेरिका का दवाई सप्लाई करने के फैसले पर कांग्रेस पार्टी ने सवाल उठाए और आरोप लगाया कि मोदी सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान के बाद दबाव में आ गई. कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि जब 1971 में भारत-पाकिस्तान के बीच जंग चल रही थी, तब भी अमेरिका और ब्रिटेन की ओर से भारत पर दबाव बनाने की कोशिश की गई थी. लेकिन तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी किसी दबाव में नहीं आई थीं और करारा जवाब दिया था.
दवाई हो या फिर पीपीई, सभी पर पहले भारतीयों का हक़
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि कोरोना संकट के बीच हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को लेकर जिस तरह का बयान डोनाल्ड ट्रंप की ओर से दिया गया है, उसका प्रभाव लोगों पर सही नहीं पड़ा है. उन्होंने कहा कि अन्य देशों ने भी मदद मांगी है, जिसमें ब्राजील के राष्ट्रपति की चिट्ठी भी शामिल है. कॉन7प्रवक्ता ने आगे कहा कि चाहे दवाई हो या फिर पीपीई, सभी पर पहले 130 करोड़ भारतीयों का हक है उसके बाद निर्यात पर विचार किया जा सकता है.
यह भी पढ़ें: 15 दिन में सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लिखा तीसरा पत्र, कोरोना संकट के मध्यनजर दिए 5 सुझाव
क्या अमेरिका भारत को प्रमुखता से देगा वैक्सीन
वहीं कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शशि थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप से पूछा है कि जैसे हमने आपको दवाई मुहैया कराई, तो क्या अमेरिका भारत को कोरोना से लड़ने की वैक्सीन देगा? थरूर की ओर से डोनाल्ड ट्रंप को टैग करते हुए ट्वीट किया गया, जिसमें पूछा कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, भारत ने बिना किसी हिचक के अमेरिका को हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन देने की मंजूरी दे दी है. लेकिन अगर अमेरिका में कोरोना से लड़ने वाली वैक्सीन बनती है तो क्या भारत को प्रमुखता से इसे देने का कदम उठाएंगे?’
Mr President @realDonaldTrump, since India has selflessly agreed to give you the supply you seek of hydroxychloroquine, will you grant India first priority in sharing with us any #COVID19 vaccine that might be developed in US labs? @USAndIndia @USAmbIndia @PMOIndia https://t.co/M7Pze4d9CC
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) April 8, 2020
सांसद शशि थरूर ने अपने इस ट्वीट में प्रधानमंत्री कार्यालय के अलावा अमेरिकी राजदूत को भी टैग किया. शशि थरूर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के उस ट्वीट को भी रिट्वीट किया, जिसमें राहुल ने कहा था कि दोस्ती में प्रतिशोध की भावना क्यों है?
राहुल गांधी ने ली थी चुटकी- ‘मित्रों’ में प्रतिशोध की भावना
गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी एक ट्वीट करते हुए पीएम मोदी का नाम लिए बिना उनकी चुटकी ली और लिखा कि “मित्रों’ में प्रतिशोध की भावना? भारत को सभी देशों की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन सबसे पहले जान बचाने की सभी दवाइयाँ और उपकरण अपने देश के कोने-कोने तक पहुंचाना अनिवार्य है.”
‘मित्रों’ में प्रतिशोध की भावना? भारत को सभी देशों की सहायता के लिए तैयार रहना चाहिए लेकिन सबसे पहले जान बचाने की सभी दवाइयाँ और उपकरण अपने देश के कोने-कोने तक पहुँचना अनिवार्य है। pic.twitter.com/RMk8lHHsO1
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) April 7, 2020
यह भी पढ़ें: कोरोना से बचाव के लिए कमलनाथ ने दिया मंत्र, कहा- हनुमान चालीसा का पाठ करें, खत्म होगा कोरोना