बीजेपी के ‘हिंदुत्व’ की काट में ममता का ‘बंगाली गौरव’ और ‘बाहरी लोगों की पार्टी’ वाला दांव होगा सफल!

ममता बनर्जी ने बीजेपी को बताया बाहरी लोगों की पार्टी, कहा- बंगाल को नहीं बनने 'दंगा प्रभावित गुजरात', चुनाव मैनेजमेंट के लिए अमित मालवीय के सामने उतारा जाने माने बंगाली एक्टर ब्रात्य बसु को, उधर बीजेपी ने किया खुद के बंगाली पार्टी होने का दावा, टीएमसी के नेताओं पर है बीजेपी की पूरी नजर

Hindutav Vs Bangali Gaurav In West Bengal
Hindutav Vs Bangali Gaurav In West Bengal

Politalks.News/WestBengal. पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव को अब ज्यादा वक्त नहीं बचा है. इसी के चलते बीजेपी का पूरा ध्यान बंगाल पर ही टिका हुआ है. ममता बनर्जी के एकछत्र राज को ध्वस्त करने के लिए बीजेपी ने अपने सबसे पसंदीदा अस्त्र ‘हिंदुत्व‘ को बंगाल में भी चला दिया है और ‘हिंदुत्व‘ को ही मुख्य मुद्दा बनाकर चुनाव लड़ने की तैयारी की जा रही है. बता दें, आम चुनाव में भी बीजेपी हिंदुत्व के मुद्दे पर ही मैदान में उतरी थी जो काफी सफल रहा. ऐसे में टीएमसी की मुखिया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी बीजेपी के हर वार का मुंह तोड़ जवाब देने के लिए कमर कस चुकी है. यही वजह है कि सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी के हिंदुत्व की काट करने के लिए ‘बंगाली गौरव‘ और ‘बाहरी लोगों की पार्टी‘ को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाने की तैयारी कर ली है.

पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से पहले तृणमूल कांग्रेस ने फैसला किया है कि पार्टी ‘बंगाली गौरव‘ का आह्वान करके भाजपा के हिंदुत्व की राजनीति का मुकाबला करेगी. सीएम ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस की हालिया रैलियों में पार्टी नेताओं ने ‘बंगाली गौरव’ का मुद्दा जोरों शोरों से उठाया. टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी के सुर में सुर मिलाते हुए टीएमसी नेताओं ने भाजपा को बार-बार ‘बाहरी लोगों की पार्टी‘ कहकर हमला करना शुरू कर दिया है. हाल में एक संवाददाता सम्मेलन में सीएम ममता ने बयान भी दिया था कि बीजेपी बाहरी लोगों की पार्टी है और बंगाल को ‘दंगा प्रभावित गुजरात’ नहीं बनने देंगे.

इतना ही नहीं, ममता ने केंद्रीय गृहमंत्री और बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह पर भी निशाना साधा. ममता ने आश्चर्य जताया कि देश की सीमा पर स्थिति ठीक नहीं होने के बावजूद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह क्यों चुनावों में इतने व्यस्त हैं और उन्होंने अपने अपने करियर में ऐसा गृह मंत्री कभी नहीं देखा. ममता ने कहा कि बंगाल में बाहरी लोगों के लिए कोई जगह नहीं है. खासतौर पर जो लोग सिर्फ चुनावों के दौरान राज्य में आते हैं और राज्य की शांति को बाधित करने की कोशिश करते हैं, उनका यहां कोई स्वागत नहीं है.

यह भी पढ़ें: मतुआ समुदाय पर तृणमूल और बीजेपी दोनों की पैनी नजरें, क्या है वजह?

वहीं बंगाल चुनावों में बीजेपी का मैनेजमेंट संभालने के लिए पार्टी ने अपने आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय को भेजा है तो तृणमूल कांग्रेस ने अपने मंत्री ब्रात्य बसु को मैदान में उतार बंगाली गौरव जताने की कोशिश की. ब्रात्य बसु रंगमंच और फिल्म जगत के जानेमाने चेहरे हैं जिनकी बंगाल के सांस्कृतिक जगत में भी काफी प्रतिष्ठा है. उन्होंने सिंगूर और नंदीग्राम की घटनाओं के दिनों में ममता बनर्जी के ‘परिवर्तन’ का समर्थन किया और सक्रिय राजनीति में शामिल होने का संकल्प लिया था.

बसु ने ये कहकर टीएमसी के बंगाल गौरव और बाहरी मुद्दों को और हवा दे, ‘क्या बीजेपी यूपी या गुजरात में एक भी ऐसा मंत्री बता सकते हैं जिसका सरनेम चटर्जी, बनर्जी, सेन या गांगुली हो? वे वहां रहने वाले बंगालियों को अपना नहीं मानते! वहां बंगाली बाहरी समझे जाते हैं. ब्रात्य बसु ने बंगाली राष्ट्रवाद के अतीत को कुरेदते हुए बसु ने क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों खुदीराम बोस और बिनॉय-बादल-दिनेश के बलिदानों की भी याद दिलाते हुए कहा कि बीजेपी ने सेल्युलर जेल का नाम सावरकर के नाम पर रखा गया है, जिन्होंने अंग्रेजों के सामने पांच दया याचिकाएं लिखीं, लेकिन हेमचंद्र कानूनगो, बारिन घोष, उल्लासकर दत्ता के नाम पर क्यों नहीं रखा गया जिन्होंने वर्षों तक यातनाएं सहीं.

पिछले साल कोलकाता में अमित शाह के रोड शो के दौरान ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा के अपमान का आरोप लगाते हुए बसु ने इसे भी ‘बाहरी लोगों’ द्वारा बंगाल और बंगाली संस्कृति पर हमला बता दिया. इधर, ममता बनर्जी के बाहरी और बंगाली गौरव का मुकाबला बीजेपी ने डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी के जरिए दिया है. बंगाल के बीजेपी दिलीप घोष ने पार्टी का बचाव करते हुए कहा कि एक बंगाली डॉ.श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने इस पार्टी की स्थापना की थी. वे (टीएमसी) बंगाली गौरव की बात करते हैं, लेकिन उन्होंने बंगालियों के लिए किया क्या है? टीएमसी ने बंगालियों को प्रवासी मजदूरों में बदल दिया है.

यह भी पढ़ें: ममता बनर्जी की TMC के टूटने की वजहों में क्यों आ रहा है प्रशांत किशोर का नाम? जानिए कारण

बीजेपी कितनी भी सफाई दें लेकिन केवल हिंदुत्व के मुद्दे पर बंगाल फतह करना नामुमकिन है, इस बात को अमित शाह और पीएम मोदी अच्छी तरह जानते हैं. इसके लिए बीजेपी बंगाल के नए पावर सेंटर सुभेंदु अधिकारी पर दांव खेल रही है और अपने पाले में लाने की भरसक कोशिश हो रही है. बीजेपी ने तो यहां तक कह दिया, ‘हम ऑक्सीजन सिलेंडर लेकर घूम रहे हैं. आओ हमारे साथ जुड़ो और खुले में सांस लें. आप कोरोना जैसे माहौल में क्यों रह रहे हैं.’

हिंदुत्व के साथ साथ बीजेपी गौ-तस्करी और प्रदेश में बढ़ती हिंसा की घटनाओं को आतंकी घटनाओं का नाम लेकर भी ममता सरकार को घेरने का काम कर रही है. बीजेपी बार बार 200 सीटों पर जीत का दावा ठोक चुकी है जबकि ममता बनर्जी बंगालियों से बीजेपी को मार भगाने का आव्हान कर रही है. अब देखना ये होगा कि बीजेपी के हिंदुत्व के मुद्दे पर टीएससी का ‘बंगाली गौरव’ और ‘बाहरी’ का दांव कितना सफल साबित हो पाता है.

Leave a Reply