पॉलिटॉक्स न्यूज/महाराष्ट्र. बीजेपी नेता गोपीचंद पडालकर को शरद पवार पर आपत्तिजनक टिप्पणी करना अब बीजेपी को भारी पड़ रहा है. एक तरफ तो राकंपा कार्यकर्ताओं ने नाराजगी जाहिर करते हुए जगह जगह विरोध प्रदर्शन शुरु कर दिया और बीजेपी विधायक का पुतला जताया. इधर शिवसेना ने अपने मुखपत्र के जरिए शरद पवार के लिए कहे अपशब्दों को आधार बनाते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा. शिवसेना ने कहा कि बिहार में चुनाव है इसलिए सेना में जात और प्रांत का महत्व बताया जा रहा है. पार्टी नेता मनीषा काएंदे ने भी गोपीचंद को आड़े हाथ लेते हुए इसे पब्लिसिटी स्टंट बताया. वहीं पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कोरोना को लेकर उद्धव सरकार को घेरा.
दरअसल, मामला बुधवार का है जब प्रदेश के बीजेपी विधायक गोपीचंद पडलकर ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार के लिए आपत्तिजनक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए उन्हें ‘कोरोना वारयस’ कह दिया. बीजेपी नेता ने धनगर समाज के आरक्षण को लेकर ये विवादित टिप्पणी की. पडालकर ने कहा कि ‘शरद पवार महाराष्ट्र के लिए कोरोना के वायरस के समान हैं, जो कभी भी धनगर समाज का कल्याण नहीं होने देंगे. उन्हें सिर्फ धनगर समाज के आरक्षण को लेकर सिर्फ राजनीति करनी है और कुछ नहीं.’
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बीजेपी नेता ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर शिवसेना के साथ मिलकर धोखे से सत्ता हथियाने का आरोप भी लगाया. धनगर समाज के आरक्षण का मुद्दा अदालत में विचाराधीन है. गोपीचंद ने ये भी कहा कि एमवीए के सर्वेसर्वा शरद पवार कोरी राजनीति धनगर समाज के आरक्षण पर करना चाहते हैं.
इस बारे में राकंपा प्रमुख शरद पवार ने कुछ भी कहने से मना कर दिया. उन्होंने केवल इतना कहा ‘हां मुझे बोलना है लेकिन मैं अभी नहीं बोलूंगा बाद में सविस्तार बोलूंगा‘. लेकिन बीजेपी नेता के इस बयान के बाद महाराष्ट्र में जगह जगह राकंपा समर्थकों की ओर से प्रदर्शन शुरु हो गए हैं. अपने नेता पर इस प्रकार की टिप्पणी से नाराज राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के समर्थकों और कार्यकर्ता ने राज्य में कई शहरों में भाजपा और एमएलए गोपीचंद पडालकर का पुतला फूूंका, साथ ही बीजेपी को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर विधायक की ओर से माफी नहीं मांगी गई तो यह प्रदर्शन अन्य जगहों पर भी किए जाएंगे.
शरद पवार के समर्थन में आते हुए शिवसेना ने भी बीजेपी पर धावा बोला. शिवसेना की नेता मनीषा काएंदे ने गोपीचंद पडालकर को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि गोपीचंद अभी पहली बार ही विधायक बने हैं और उन्हें अच्छे कामों से लोकप्रियता हासिल करनी चाहिए न कि चीप पब्लिसिटी स्टंट से सुर्खियों में बने रहने की कोशिश करनी चाहिए. शिवसेना नेता ने कहा कि गोपीचंद को सामाजिक सरोकार से जुड़े काम करने चाहिए ताकि जनता उन्हें स्वीकार कर सके.
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वहीं शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना‘ के संपादकीय में बीजेपी नेता गोपीचंद पाडलकर के राकांपा प्रमुख शरद पवार के लिए कहे अपशब्दों को आधार बनाते हुए पीएम मोदी पर निशाना साधा. पार्टी ने सामना में लिखा कि बिहार में चुनाव है इसलिए सेना में जात और प्रांत का महत्व बताया जा रहा है.
सामना में लिखा, ‘प्रधानमंत्री मोदी भी इस राजनीति में कुशल हो गए हैं. कल प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि बिहार रेजिमेंट ने लद्दाख की गलवान घाटी में बहादुरी दिखाई, तो महारों, मराठों, राजपूतों, सिखों, गोरखाओं, डोगरा रेजिमेंट सीमा पर तंबाकू मलते बैठे थे क्या?’ संपादकीय में आगे लिखा कि महाराष्ट्र के वीरपुत्र सुनील काले पुलवामा में शहीद हो गए लेकिन बिहार में चुनाव होने के कारण ही सेना में ‘जाति’ और ‘प्रांत’ का महत्व बताया जा रहा है. इस तरह की राजनीति कोरोना से भी बदतर है. महाराष्ट्र में विपक्ष इस खुजली को खुजलाने का काम कर रहा है इसलिए भाजपा पर गांव-गांव में जूते खाने की नौबत आ गई है. पता नहीं ये कब सुधरेंगे?
संपादकीय लिखने के बाद मीडिया के एक सवाल पर सामना के संपादक और शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि सेना की कोई भी रेजिमेंट बस रेजिमेंट होती है. हर रेजिमेंट की अपनी परंपरा और गाथा है. सभी रेजिमेंट देश की होती है. किसी प्रांत, राज्य या किसी धर्म की नहीं होती है.
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दूसरी ओर, प्रदेश के विपक्ष के नेता और पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों को लेकर उद्धव सरकार को सवालों के कटघेरे में खड़ा किया. पुणे और पिंपरी चिंचवड़ के सरकारी अस्पतालों का जायजा लेने पहुंचे फडणवीस ने उद्धव सरकार पर परीक्षण प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन न करने का आरोप लगाया. बीजेपी नेता ने कहा कि कोरोना संक्रमितों की संख्या को कम दर्शाने के लिए सरकार अब हर दिन कम टेस्ट कर रही है.
पूर्व सीएम ने कहा कि जब पूरे राज्य में प्रति दिन 38,000 परीक्षण करने की क्षमता है, लेकिन प्रति दिन केवल 14,000 परीक्षण किए जा रहे हैं जो खतरनाक है. कोरोना के संक्रमण को रोकने का एकमात्र तरीका ज्यादा से ज्यादा परीक्षण ही है, इसके बावजूद सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है. बीजेपी नेता ने सरकार पर प्राइवेट हॉस्पिटलों के साथ समन्वय ठीक न होने का भी आरोप लगाया.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा लॉकडाउन को लेकर भी सवाल उठाया और प्रभावी कदम उठाने की अपील की. उन्होंने कहा कि जब तक हमें दवाई नहीं मिल जाती तब तक हमें अपने हाथों से कोरोना की लड़ाई लड़नी है. लॉकडाउन के साथ सरकार को प्रदेश की अर्थव्यवस्था सुधारने के लिए भी कदम उठाने चाहिए.