कुर्सी के लिए जेपी की मौत की जिम्मेदार कांग्रेस की गोद में बैठ गए लालू: मोदी

आपातकाल पर आयोजित एक वर्चुअल परिचर्चा में बोले बिहार के डिप्टी सीएम, इमरजेंसी को बताया देश के इतिहास का काला अध्याय, पूर्व पीएम इंदिरा गांधी को बताया जेपी का हत्यारा

पॉलिटॉक्स न्यूज/बिहार. राजधानी पटना में बीजेपी की ओर से आयोजित ‘आपातकालः भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय‘ पर आयोजित वर्चुअल परिचर्चा में प्रदेश के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी जमकर लालू यादव पर बरसे. मोदी ने कहा कि अपने को जेपी और लोहिया का चेला बताने वाले लालू प्रसाद आज कुर्सी के लिए इमरजेंसी और जेपी की मौत की जिम्मेवार कांग्रेस की गोद में बैठ गए हैं. मोदी ने कहा कि आपातकाल एक ऐसा काला अध्याय है, जिसकी याद मात्र से सिहरन पैदा होती है. इंदिरा गांधी ने 25 जून, 1975 की आधी रात को अपनी गद्दी बचाने के लिए संविधान का गला घोंट इमरजेंसी लागू कर पूरे देश पर अपनी तानाशाही थोपी थी. सुशील मोदी ने जेपी आंदोलन के प्रमुख सहभागी के रुप में इमरजेंसी में 19 महीने की जेल यातना झेली थी.

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प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ने इंदिरा गांधी को जेपी का हत्यारा बताया. बीजेपी नेता ने कहा कि आजादी की दूसरी लड़ाई के प्रणेता 74 वर्षीय जेपी को आपातकाल के दौरान जेल में इंदिरा गांधी के क्रूर अत्याचार का शिकार नहीं होना पड़ता, जिससे उनकी किडनी फेल नहीं हुई होती तो वे 10-12 वर्ष और हमलोगों के बीच रहते.

आपातकाल के काले दिनों को याद करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि देश के सभी प्रमुख राजनेताओं सहित डेढ़ लाख से ज्यादा राजनीतिक कार्यकर्ताओं को जेल में बंद कर दिया गया था. उस दौर में अंग्रेजों से भी ज्यादा राजनीतिक कार्यकर्ताओं पर अत्याचार किया गया. देश के तथाकथित बुद्धिजीवी, न्यायपालिका और दो-तीन को छोड़ कर बाकी सभी अखबारों ने इंदिरा गांधी की तानाशाही के आगे घुटना टेक दिए थे. पूरे देश में मरघट का सन्नाटा छा गया था. आतंक व खौफ इतना था कि कोई किसी से जेल में मिलने तक नहीं जाता था.

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सुशील मोदी यहीं नहीं रूके. आगे उन्होंने कहा कि बिहार में जब एनडीए की सरकार बनी तो जेपी सेनानियों को ‘सम्मान पेंशन’ देने का निर्णय लिया गया. बिहार में 2680 लोगों जिनमें छह माह से अधिक जेल में रहने वाले 1728 को 10 हजार व छह माह से कम वाले 952 को 5 हजार रुपये प्रति महीना पेंशन के तौर पर अब तक 170 करोड़ रुपए दिए गए हैं. जूनियर मोदी ने कहा कि इंदिरा गांधी और कांग्रेस को इस देश की जनता ने जो सबक दी उसके बाद अब कोई भी इमरजेंसी लगाने की सोच भी नहीं सकता है. उन्होंने आपातकाल को देश के इतिहास का एक ऐसा काला अध्याय बताया जिसकी याद मात्र से सिहरन पैदा हो जाती है.

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