कपिल सिब्बल के बयान पर अधीर हुए रंजन, कहा- दूसरी पार्टी में चले जाएं या बना लें अपनी नई पार्टी

सिब्बल एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं और उनकी पार्टी के बड़े नेताओं तक पहुंच है, सार्वजनिक रूप से इस तरह की शर्मनाक टिप्पणी करने की बजाय वह उनके साथ इन मुद्दों को उठा सकते हैं, यदि उन्हें लगता है कि कांग्रेस सही जगह नहीं है तो वह नई पार्टी बना सकते हैं या दूसरी पार्टी को ज्वाइन करने को स्वतंत्र हैं

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Politalks.News/Delhi/KapilSibbal. बिहार विधानसभा चुनाव सहित 11 अन्य राज्यों में हुए उपचुनावों में कांग्रेस की करारी हार के बाद कपिल सिब्बल ने आत्ममंथन की सलाह क्या दी वे पार्टी के छोटे से लेकर बड़े नेता तक के निशाने पर आ गए हैं. सिब्बल की टिप्पणी पर अब कांग्रेस की बंगाल इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि, ‘कांग्रेस की आलोचना करने वाले लोग किसी अन्य पार्टी में शामिल हो सकते हैं या ‘शर्मनाक गतिविधियों’ में लिप्त होने के बजाय अपनी नई पार्टी शुरू कर सकते हैं.’ लोकसभा में कांग्रेस के नेता चौधरी ने दो टूक कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को यदि लगता है कि कांग्रेस सही पार्टी नहीं है तो वे नई पार्टी बना लें या फिर किसी और पार्टी में जाने के लिए आजाद हैं.

अधीर रंजन चौधरी ने यह भी कहा कि ‘ऐसे नेता’ अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी के करीबी थे और उनके समक्ष मुद्दे उठा सकते थे. चौधरी ने कहा, ”वह (सिब्बल) एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं और उनकी पार्टी के बड़े नेताओं तक पहुंच है. सार्वजनिक रूप से इस तरह की शर्मनाक टिप्पणी करने की बजाय वह उनके साथ इन मुद्दों को उठा सकते हैं. यदि उन्हें लगता है कि कांग्रेस सही जगह नहीं है तो वह नई पार्टी बना सकते हैं या नई पार्टी को ज्वाइन करने को स्वतंत्र हैं.

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कपिल सिब्बल को सलाह देते ने सांसद अधीर रंजन ने कहा, ‘उनकी बातचीत से कुछ हासिल नहीं होगा. कपिल सिब्बल बिहार और मध्य प्रदेश जाना था. यदि वह बिहार और मध्य प्रदेश गए होते तो वह साबित कर सकते थे कि उनका कहना ठीक है और उन्होंने कांग्रेस को मजबूत किया. बिना कुछ किए बोलने का मतलब आत्मविश्लेषण नहीं होता. चौधरी ने कहा, कपिल सिब्बल ने पहले भी इस बारे में बात की थी. वह कांग्रेस पार्टी और उसके आत्मनिरीक्षण के बारे में बहुत चिंतित हैं. लेकिन हमने बिहार, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश या गुजरात के चुनावों में उनका चेहरा नहीं देखा.

बता दें, कांग्रेस में अधीर रंजन चौधरी अभी अकेले नहीं हैं, जिन्होंने कपिल सिब्बल पर निशाना साधा है. उनसे पहले राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी सिब्बल पर पलटवार किया था. गहलोत ने कहा कि पूर्व केंद्रीय मंत्री को पार्टी के आंतरिक मुद्दों पर मीडिया में नहीं बोलना चाहिए, इससे देशभर के पार्टी कार्यकर्ताओं को दुख पहुंचा है. मुख्यमंत्री गहलोत के बयान का कांग्रेस नेता तारिक अनवर और सलमान खुर्शीद ने भी समर्थन किया है.

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गौरतलब है कि बिहार चुनाव के साथ 11 राज्यों के उपचुनाव में कांग्रेस को मिली करारी हार के बाद एक अखबार को दिए इंटरव्यू में सिब्बल ने कहा था कि ऐसा लगता है कि पार्टी नेतृत्व ने शायद हर चुनाव में पराजय को ही अपनी नियति मान लिया है. सिब्बल ने यह भी कहा कि बिहार ही नहीं, उपचुनावों के नतीजों से भी ऐसा लग रहा है कि देश के लोग कांग्रेस पार्टी को प्रभावी विकल्प नहीं मान रहे हैं. सिब्बल के इस बयान के बाद वे पार्टी नेताओं के निशाने पर हैं.

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