राजस्थान में अगले माह हो सकती हैं राजनीतिक नियुक्तियां, मंत्रिमंडल विस्तार के लिए करना होगा इंतजार

पायलट गुट की मांगों पर विचार करने के लिए गठित तीन सदस्यीय कमेटी की अभी तक दिल्ली में दो ही बैठकें हो पाई हैं, संवैधानिक पदों पर हुई राजनीतिक नियुक्तियों को छोड़ दें तो अन्य राजनाीतिक नियुक्तियां भी अभी तक नहीं हो पाने की वजह एआईसीसी की तीन सदस्यीय कमेटी ही है

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Politalks.News/Rajasthan/PoliticalAppointment. प्रदेश में लंबे समय से इंतजार कर रहे कांग्रेस विधायकों और कार्यकर्ताओं को अगले माह मिल सकता राजनीतिक नियुक्तियों का तोहफा. अगले माह गहलोत सरकार का दो साल का कार्यकाल पूरा हो रहा है. इस मौके पर प्रदेश कांग्रेस के कर्मठ कार्यकर्ताओं और विधायकों को बोर्ड, निगम और आयोगों में अध्यक्ष, चेयरमैन, सदस्य व अन्य पदों पर नियुक्तियां दी जा सकतीं हैं. जानकारों की मानें तो हाल ही में सोमवार को जयपुर आए प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बीच लम्बी मंत्रणा भी हुई है.

वहीं कैबिनेट फेरबदल और विस्तार का इंतजार कर रहे विधायकों को अभी लंबा इंतजार करना पड़ सकता है. हालांकि सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री मास्टर भंवर लाल के निधन से गहलोत कैबिनेट में एक स्थान और रिक्त हो गया है. इससे पहले जुलाई माह में सचिन पायलट के साथ विश्वेन्द्र सिंह और रमेश मीणा को बगावत के चलते कैबिनेट से हटा दिया गया था. ऐसे में गहलोत मंत्रिमंडल में अब 30 फीसदी से ज्यादा मंत्रियों के पद खाली है.

बता दें, गहलोत कैबिनेट में अधिकतम 30 मंत्री ही बनाए जा सकते हैं उनमें अब 9 मंत्रियों के पद रिक्त हैं, ऐसे में गहलोत कैबिनेट महज 21 सदस्यों के जरिए ही चल रही हैं इनमें भी 10 कैबिनेट और 11 राज्यमंत्री हैं. हालांकि कांग्रेस के हलकों में भले ही मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चाएं शुरू हो गई हों, लेकिन सरकार चाहकर भी जनवरी या फरवरी माह से पहले मंत्रिमंडल विस्तार नहीं कर पाएगी.

दऱअसल, जुलाई माह में सचिन पायलट कैंप के पार्टी से बगावत करने के बाद पायलट कैंप ने सुलह का रास्ता अपनाते हुए पार्टी नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के समक्ष सरकार में सुनवाई नहीं होने सहित अन्य आरोप लगाए थे. जिसके बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट कैंप के लोगों की शिकायतें सुनने और उनकी मांगों को पर गंभीरता से विचार करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया था जिसमें पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल, अहमद पटेल और अजय माकन को शामिल किया गया था. कमेटी का उद्देश्य़ दोनों खेमों में तालमेल बनाए रखने के साथ-साथ राजनीतिक नियुक्तियों के अलावा मंत्रिमंडल विस्तार में भी पायलट कैंप के लोगों को उचित प्रतिनिधित्व दिलाना है.

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लेकिन अब एआईसीसी की ओर से गठित तीन सदस्यीय कमेटी के एक प्रमुख सदस्य अहमद पटेल लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रहे हैं और गुड़गांव के एक अस्पताल में भर्ती हैं, ऐसे में जब तक वे पूरी तरह ठीक नहीं हो जाते हैं तब तक मंत्रिमंडल विस्तार के लिए इंतजार करना होगा. इससे पहले प्रदेश प्रभारी अजय माकन के खराब स्वास्थ्य के चलते कमेटी की बैठक नहीं हो पा रही थी. बता दें, पायलट गुट की मांगों पर विचार करने के लिए गठित इस तीन सदस्यीय कमेटी की अभी तक दिल्ली में दो ही बैठकें हो पाई हैं. सूत्रों की माने तो संवैधानिक पदों पर हुई राजनीतिक नियुक्तियों को छोड़ दें तो अन्य राजनाीतिक नियुक्तियां भी अभी तक नहीं हो पाने की वजह एआईसीसी की तीन सदस्यीय कमेटी ही है.

बहरहाल, प्रदेश में होने जा रहे पंचायत समिति और जिला परिषद चुनावों के बाद और गहलोत सरकार का दो वर्ष का कार्यकाल पूरा होने पर महीनों से इंतजार कर रहे कार्यकर्ताओं और कुछ विधायकों को अगले माह दिसम्बर में राजनीतिक नियुक्तियों की सौगात मिलने की पूरी संभावना जताई जा रही है.

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