सिर मुंडवाने की ‘तैयारी’ से पहले ही गिरे ओले! कुमार विश्वास की राजनीति में फिर आड़े आई ‘टाइमिंग’

क्या कुमार विश्वास की राजनीति में टाइमिंग है खराब! इधर खुले मंच पर मिला ऑफर उधर सामने आ गई पुरानी पार्टी, अब क्या फिर मंच शेयर करेंगे कविराज? या फिर नई पारी की शुरुआत से पहले ही राजनीति के मंच से तौबा कर कवि सम्मेलनों के मंचों पर ही आएंगे नजर!

क्या कुमार विश्वास की राजनीति में टाइमिंग है खराब?
क्या कुमार विश्वास की राजनीति में टाइमिंग है खराब?

Politalks.News/Uttarpradesh. कविराज कुमार विश्वास अपने हर कार्यक्रम में यह कहते हैं कि, ‘राजनीति में उनकी टाइमिंग खराब रही‘, विश्वास का यह ‘विश्वास‘ फिर सही साबित होता दिख रहा है. आम आदमी पार्टी के पूर्व दिग्गज नेता और कवि डॉ. कुमार विश्वास को नेताजी मुलायम सिंह यादव ने समाजवादी पार्टी में शामिल होने का न्योता दिया है. मंच पर मुलायम सिंह के बगल में बैठे कवि उदय प्रताप सिंह ने कहा कि, ‘कुमार विश्वास एक बड़े कवि के रूप में जाने जाते हैं. नेताजी (मुलायम) मेरे कानों में कह रहे थे कि अगर वह किसी भी पार्टी में नहीं हैं, तो आप उन्हें समाजवादी पार्टी में क्यों नहीं लेते‘. इस कार्यक्रम के बाद सियासी गलियारों में चर्चाएं तेज हो गई कि क्या विश्वास साइकिल की सवारी करने की तैयारी में हैं?

इस बात को लेकर सोशल मीडिया पर बहस भी शुरू हो गई. लेकिन अब ऐसा कुछ हुआ जिससे लग रहा है कि राजनीति और आप पार्टी से कुमार विश्वास पिंड नहीं छुड़ा पा रहे हैं. विश्वास के राह के नए चौराहे पर फिर से उनकी पुरानी पार्टी सामने आ खड़ी हुई है. हालांकि अभी विश्वास ने मुलायम का ऑफर स्वीकार नहीं किया है.
आम आदमी पार्टी संस्थापक सदस्य रहे हैं कुमार विश्वास
युवा कवि कुमार विश्वास अन्ना हजारे के लोकपाल आंदोलन के सबसे लोकप्रिय चेहरों में से एक थे और आम आदमी पार्टी के संस्थापकों में शामिल थे. पर जब आप की सत्ता आई और कुछ देने की बारी आई तो अरविंद केजरीवाल ने सारे जाने-पहचाने और बड़े चेहरों को पार्टी से बाहर कर दिया. अब वह चाहे कुमार विश्वास हो या योगेन्द्र यादव, इससे आहत होकर कुमार विश्वास ने कई कविताएं भी लिख डालीं. वहीं विश्वास अपने कवि सम्मेलनों और सोशल मीडिया पोस्ट में केजरीवाल पर तंज भी कस्ते रहते हैं. विश्वास की राष्ट्रवादी सोच के बावजूद भाजपा से भी उनकी पटरी नहीं बैठी. किसी जमाने में विश्वास नरेंद्र मोदी की तारीफों के कसीदे भी पढ़ा करते थे.
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सपा से बढ़ रही नजदीकियां, मुलायम की कर चुके हैं तारीफ

सियासी गलियारों में चर्चा है कि विश्वास अब समाजवादी पार्टी से नजदीकी बढ़ा रहे हैं. अपने कुछ करीबी और चाहने वालों के सहयोग से विश्वास सपा नेतृत्व के करीब गए हैं और मुलायम सिंह यादव की तारीफ में लगे हैं. कुमार विश्वास कह चुके हैं कि, मुलायम सिंह उनके लिए व्यक्ति नहीं, बल्कि भावना का नाम है. वे सपा महासचिव रामगोपाल यादव की किताब के विमोचन में शामिल हुए और इसी मंच से मुलायम ने कुमार विश्वास को सपा में शामिल होने का खुला ऑफर दिया.

अब फिर सामने आकर खड़ी हो गई है आप!

अब बात करते हुए टाइमिंग की जिसको लेकर कुमार विश्वास खुद कह चुके हैं कि वो खराब ही रहती है. सियासी गलियारों में यह खबर तैरने ही लगी थी कि कुमार विश्वास साइकिल पर सवार होने की तैयारी में हैं कि इधर लखनऊ में कुछ ऐसा हुआ जिसका अंदाजा कुमार विश्वास को भी नहीं था. इधर कुमार विश्वास की सपा में शामिल होने की बात चली और उधर आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह और दिलीप पांडेय ने अखिलेश यादव से मुलाकात की. अब सपा और आम आदमी पार्टी में तालमेल की बात चल रही है और कहा जा रहा है कि जल्दी ही इसकी घोषणा भी हो जाएगी. यह भी कहा जा रहा है कि दिल्ली से सटे एनसीआर के इलाके में आप को कुछ सीटें चाहिए, जो समीकरण साधने के लिए सपा दे सकती है. अब आपको स्थिति बताते हैं अगर सपा और आप का तालमेल हो गया तो कुमार विश्वास क्या करेंगे?

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अब क्या करेंगे विश्वास?

सपा और आप का गठबंधन होता है तो क्या कुमार विश्वास अपनी कड़वाहट भूल जाएंगे? आप पर गंभीर आरोप लगाते हुए पार्टी छोड़ने वाले विश्वास क्या आप के नेताओं के साथ मंच शेयर करेंगे? अब फिर वहीं बात याद आती है टाइमिंग की. ऐसे में कहा जा रहा है कि किसी के सिर मुंडवाते ही ओले गिरे, लेकिन यहां तो सिर मुंडवाने की तैयारी में ही ओले गिरे पड़े. लेकिन इसमें एक फायदा भी है अब कुमार विश्वास चाहें तो सिर ही नहीं मुंडवाए पता चल गया कि ओले गिर रहे हैं. खैर यह सब अभी बहुत जल्दबाजी की बातें हैं, क्योंकि कुमार विश्वास ने अभी सपा को हरी झंडी नहीं दिखाई है.

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