पॉलिटॉक्स ब्यूरो. वैसे तो आम चुनावों में मोदी लहर ने पूरे देश के साथ-साथ दिल्ली की सभी सातों सीटों पर भी भाजपा को विजयश्री दिला दी. हालांकि इस जीत का क्रेडिट मनोज तिवारी लेने में कामयाब हुए. यह कहना भी गलत नहीं होगा कि यहां तिवारी की जगह गौतम गम्भीर भी होते तो भी सातों सीट बीजेपी ही जीतने वाली थी. इसी जीत से उत्साहित मनोज तिवारी स्थानीय तौर पर अपनी उम्मीदवारी पर काम कर रहे हैं और लगातार आलाकमान और शीर्ष पदाधिकारियों से संपर्क में हैं लेकिन गौतम गंभीर की लोकप्रियता और स्थानीय होने के मुद्दे के आगे शायद मनोज तिवारी पीछे रह जाएं. केजरीवाल के हाथों से दिल्ली को निकाल पाना भी आसान काम नहीं है.
मनोज तिवारी पर भारी पड़ रही गौतम गंभीर की स्थानीय उम्मीदवारी
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