पॉलिटॉक्स ब्यूरो. महाराष्ट्र में उद्दव ठाकरे सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार (Maharashtra Cabinet) 30 दिसंबर को होने जा रहा है. उद्दव के मंत्रीमंडल में फिलहाल 6 मंत्री मौजूद हैं जिन्होंने 28 नवंबर को सीएम के शपथ ग्रहण समारोह में मंत्री पद की शपथ ली थी. वर्तमान मंत्रीमंडल में महाविकास अघाड़ी गठबंधन में शामिल तीनों पार्टियों के दो-दो सदस्य हैं. अब मुख्यमंत्री उद्दव ठाकरे के सामने मंत्रीमंडल विस्तार में महासंकट आ रहा है. कांग्रेस और एनसीपी के नेताओं द्वारा मांगे जा रहे विभागों के चलते ये दुविधा सामने आ रही है. वहीं जैसा कि पॉलिटॉक्स बहुत पहले से कहता आ रहा है अजित पवार बनेंगे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री.
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बता दें, महाविकास अघाड़ी गठबंधन में हुए पड़ और सीटों के बंटवारे में यह पहले से ही तय हो गया था कि उपमुख्यमंत्री पद एनसीपी को दिया जाएगा और विधानसभा अध्यक्ष का पद कांग्रेस के हिस्से में आएगा. लेकिन अजित पवार के बागी होकर देवेंद्र फडणवीस के साथ सरकार बनाने और उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद उन्हें पीछे कर दिया गया. बाद में हुई राजनीतिक उठापटक के बीच उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था. यही वजह रही कि उन्हें ठाकरे के शपथ ग्रहण समारोह में डिप्टी सीएम की शपथ नहीं दिलाई गई.
महाराष्ट्र केबिनेट (Maharashtra Cabinet) में मुख्यमंत्री समेत 42 मंत्री हो सकते हैं लेकिन असल लड़ाई तो विभागों को लेकर है. शिवसेना से किसे मंत्री बनना है यह साफ है, लेकिन एनसीपी-कांग्रेस से कौन मंत्री बनेगा, इस पर अभी आखिरी मुहर नहीं लग पाई है. यहां वित्त विभाग सहित अन्य महत्वपूर्ण विभाग में बंटवारे को लेकर खींचतान नजर आ रही है. ठाकरे सरकार में शिवसेना को 15, एनसीपी को 14 और कांग्रेस को 13 मंत्री पद मिलने की उम्मीद है. कांग्रेस के लिए दो पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण को समायोजित करने का सवाल है. गृह मंत्रालय पहले ही शिवसेना के एकनाथ शिंदे को सौंपा जा चुका है. (Maharashtra Cabinet)
कांग्रेस से कौन-कौन मंत्री बनेगा, इसकी अनुमति के लिए राज्य के नेता लगातार दिल्ली का दौरा कर रहे हैं, लेकिन कोई लिस्ट फाइनल नहीं हो सकी है. वजह हे कि 44 विधायकों वाली कांग्रेस के कई दिग्गज नेता खुद के लिए मंत्री पद मांग रहे हैं. कांग्रेस के बालासाहेब थोरात को राजस्व एवं उर्जा मंत्री और डॉ.नितिन राउत को सार्वजनिक निर्माण मंत्री पहले ही बनाया जा चुका है. वहीं शिवसेना के दूसरे मंत्री सुभाष देसाई को उद्योग, उच्च शिक्षा, रोजगार एवं कृषि विभाग दिया. राकंपा के छगन भुजबल को ग्रामीण विकास एवं जल संपदा विभाग मिला जबकि जयंत पाटिल को वित्त, योजना तथा आवास निर्माण विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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बताया ये भी जा रहा है कि एनसीपी और कांग्रेस शिवसेना को गृह मंत्रालय देने से खुश नजर नहीं आ रही. वहीं माना ये भी जा रहा है कि कांग्रेस भी एक डिप्टी सीएम पद की मांग कर रही है. एक कांग्रेस नेता के अनुसार, सभी दल शहरी विकास, राजस्व, हाउसिंग और को-ऑपरेशन मंत्रालय पर अपना अपना दावा पेश कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस एक अतिरिक्त कैबिनेट बर्थ की मांग भी कर रही है. अब सीएम उद्दव ठाकरे पर एक ओर तो गठबंधन में विश्वसनीयता कायम रखने की जिम्मेदारी होगी, वहीं दूसरी ओर शिवेसना-एनसीपी-कांग्रेस के नेताओं में चल रही खींचतान को शांत भी करना होगा. एनसीपी चीफ शरद पवार का दखल भी जरूरी माना जा रहा है.