Bharatpur gang war
Bharatpur gang war
Gangster Kuldeep Jaghina: भरतपुर में कल कुलदीप जघीना हत्याकांड के आरोपी की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या कर दी गई. इस मामले को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने गहलोत सरकार पर जमकर निशाना साधा. सीपी जोशी ने कहा कि राजनैतिक संरक्षण में प्रदेश में अपराध पनप रहा है. भरतपुर हत्याकांड में पुलिस की भी भूमिका संदिग्ध है. वहीं राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि प्रदेश में पूर्णकालिक गृहमंत्री ना होने से पुलिस पर कोई नियंत्रण नहीं जिससे पुलिस का इकबाल टूट रहा है.

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सीपी जोशी ने भरतपुर में भाजपा के मंडल अध्यक्ष की हत्या के आरोपी की पुलिस कस्टडी में गोली मारकर हत्या के मामले को संदिग्ध बताते हुए कहा कि आमजन में विश्वास और अपराधियों में डर के पुलिस के स्लोगन का प्रदेश में कोई अर्थ नहीं रहा है. प्रदेश के मौजूदा हालातों में आमजन में डर है और अपराधियों में विश्वास पैदा हुआ है. इस तरह के गंभीर अपराध किसी आका की सरपरस्ती के बिना नहीं पनप सकते है. भरतपुर के मर्डर कांड में पुलिस की भूमिका भी पूरी तरह संदिग्ध बनी हुई है, जिसमें मर्डर क्यों हुआ, किसका हुआ, मृतक कहां जा रहा था, क्या वह गवाही देने वाला था. स्वाभाविक है, कि गवाही में किसी बड़े आदमी का नाम सामने आने वाला था, तो क्या इसी वजह से उसकी आवाज बंद कर दी गई.

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सीपी जोशी ने कहा कि हो सकता है यह मर्डर किसी सोची समझी रणनीति के तहत किया गया हो. मर्डर का आरोपी केवल ट्रिगर दबाने वाला था, उसका आका कोई और था. मुख्य आरोपी का नाम भाजपा मंडल अध्यक्ष की हत्या में ना आए इसलिए आज यह हत्या हुई है. जोशी ने कहा कि यह कोई बड़ा षडयंत्र हो सकता है. प्रदेश का गृहमंत्री होने के नाते मुख्यमंत्री गहलोत को सोचना चाहिए कि उनकी सरकार के संरक्षण में किस प्रकार से राजस्थान में अपराध पनप रहा है. इस तरह की घटनाओं में कहीं न कहीं राजनीति और अपराध का गठजोड साफ दिखाई देता है.

नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भरतपुर हत्याकांड पर कहा कि प्रदेश में ना कानून है, ना ही प्रशासनिक व्यवस्था है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने साढे 4 वर्ष तक राजस्थान को पूर्णकालिक गृहमंत्री नहीं दिया पुलिस की लापरवाही और पुलिस के टूटते इकबाल से भरतपुर की घटना घटित हुई है. राठौड ने पूरे घटनाक्रम पर प्रश्नचिन्ह खडा करते हुए कहा कि पुलिस कस्टडी में और 6-6 गार्डों की मौजूदगी में रोडवेज की बस में हार्डकोर अपराधी को लेकर आना और उसकी हत्या होना यह घोर लापरवाही है. यदि इस प्रकार की धमकी या खतरा था तो पुलिस ने पुख्ता बंदोबस्त क्यों नहीं किए. यह केवल भरतपुर की ही नहीं बल्कि पूरे राजस्थान की कहानी है. रोज पुलिस के पिटने की खबरे आती हैं, कभी बजरी, माफिया, कभी खनन माफिया, कभी शराब माफिया के हाथों पुलिस पिट रही है. कहीं रक्षक ही भक्षक बन जाते हैं और सरकार की सरपरस्ती के अंदर जिस प्रकार ना काबिल लोगों को फील्ड में लगा रखा है, उसी का परिणाम भरतपुर की घटना है. आगामी विधानसभा सत्र में भरतपुर हत्याकांड को मजबूती से उठाएंगे.

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