11 दिन के अंदर CM गहलोत ने PM मोदी को लिखा दूसरा पत्र, आर्थिक पैकेज शीघ्र घोषित करने की मांग की

वित्तीय स्थिती को मजबूत करने के लिए अत्यावश्यक कदम उठाने का किया आग्रह, राज्यों को शीघ्र मिले एक लाख करोड़ का पैकेज, ब्याज मुक्त आधार पर तीन माह का मिले मोरेटोरियम, कनाडा की तर्ज पर वेज सब्सिडी कराई जाए उपलब्ध, एनएफएसए के तहत कवर नहीं होने वालों को भी मिले अनाज, मनरेगा मजदूरों को मिले अग्रिम भुगतान

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पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. देश पिछले काफी समय से आर्थिक मंदी की मार झेल रहा है उपर से वैश्विक महामारी कोरोना के चलते जारी लॉकडाउन ने अर्थव्यवस्था की कमर तोड दी है. देशभर के सभी राज्यों को इसका खामियाजा भुगतना पड रहा है. राजस्थान सरकार की वित्तीय स्थिती पहले से बहुत अच्छी नहीं थी ओर अब कोरोना ने इसे झकझोर कर रख दिया है. लॉकडाउन के चलते प्रदेश के बिगड रहे आर्थिक हालत को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बेहद चिंतित है. इसी के चलते मुख्यमंत्री गहलोत ने दूसरी बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राजस्थान सहित सभी राज्यों की आर्थिक मदद करने का आग्रह किया है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मादी को पत्र लिखकर प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिती की जानकारी दी. सीएम गहलोत ने पिछले 11 दिन में पीएम मोदी को यह दूसरा पत्र लिखा है. इसके अलावा सीएम गहलोत पीएम मोदी को दूरभाष पर भी प्रदेश के हालातों की जानकारी दे चुके हैं. सीएम गहलोत ने दूसरा पत्र लिखते हुए दुबारा आग्रह किया है कि राजस्व में भारी गिरावट की वजह से राज्यों की वित्तीय स्थिति तेजी से बिगड़ रही है. प्रदेश की वित्तीय स्थिति को देखते हुए राजस्थान सरकार को राज्य कर्मियों के मार्च माह के वेतन को आंशिक रूप से स्थगित करने का मुश्किल फैसला लेना पड़ा. ऐसे में राज्यों की आर्थिक स्थिति को समझते हुए केन्द्र सरकार की ओर से अत्यावश्यक कदम उठाए जाने चाहिए.

राज्यों को शीघ्र मिले एक लाख करोड़ का पैकेज

सीएम गहलोत ने पत्र में लिखा कि देश के सभी राज्यों को 1 लाख करोड़ का अनुदान शामिल करते हुए आर्थिक पैकेज की घोषणा शीघ्र की जानी चाहिए. भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में वेज एण्ड मीन्स एडवान्स में 30 प्रतिशत की सीमा बढ़ाई है लेकिन विशेष संकटकाल को देखते हुए राज्य सरकारों को ब्याज मुक्त वेज एण्ड मीन्स एडवान्स की सुविधा उपलब्ध कराई जानी चाहिए ताकि वे कोविड-19 महामारी से ज्यादा प्रभावी तरीके से निपट सकें.

ब्याज मुक्त आधार पर तीन माह का मोरेटोरियम मिले

मुख्यमंत्री गहलोत ने पिछले 27 मार्च को पीएम मोदी को भेजे गए पत्र में दिये गए सुझावों का उल्लेख करते हुए कहा कि राज्यों को केन्द्र से अपेक्षा है कि भारतीय रिजर्व बैंक एवं केन्द्र के अधीन अन्य वित्तीय संस्थानों के समस्त ऋण जो आगामी समय में देय हैं, उनके भुगतान का पुनर्निधारण करते हुए ब्याज मुक्त आधार पर कम से कम 3 माह का मोरेटोरियम उपलब्ध कराए. इसके साथ ही भारत सरकार के स्तर पर ऋण लेकर राज्यों के विकास के लिए उपलब्ध करवाया जाए.

कनाडा की तर्ज पर वेज सब्सिडी उपलब्ध कराई जाए

सीएम गहलोत ने पत्र में यह भी लिखा कि कनाडा जैसे कई देशों में वेज सब्सिडी उपलब्ध कराई गई है. उसी तर्ज पर केंद्र सरकार द्वारा यहां भी गैर संगठित क्षेत्र के श्रमिकों के आजीविका के नुकसान को देखते हुए उन्हें वेज सब्सिडी उपलब्ध कराई जानी चाहिए. सीएम गहलोत ने केंद्र सरकार द्वारा घोषित गरीब कल्याण योजना एवं आर्थिक पैकेज का स्वागत करते हुए जनहित में इसकी शीघ्र क्रियान्विती सुनिश्चित करने का आग्रह भी किया.

पीपीई एवं टेस्टिंग किट का समुचित इंतजाम हो

मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने पत्र में कोविड-19 वायरस के प्रसार की सटीक जानकारी प्राप्त करने के लिए केन्द्र से परीक्षण सुविधा में तेजी से वृद्धि करने और डॉक्टरों तथा चिकित्सा कर्मचारियों के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों एवं टेस्टिंग किट का युद्ध स्तर पर आयात कर कोरोना संक्रमित रोगियाें की संख्या के आधार पर इसका वितरण करने का आग्रह किया. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा वेंटिलेटर का उचित प्रमाणिकरण कर उसका मूल्य निर्धारण किया जाए ताकि बाजार में आए कम लागत वाले प्रभावी वेंटिलेटर्स की खरीद में आसानी हो.

एनएफएसए के तहत कवर नहीं होने वालों को भी मिले अनाज

सीएम गहलोत ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि केन्द्र सरकार को आवश्यक वस्तुओं की आवाजाही के लिए स्पष्ट एवं पारदर्शी अंतर्राज्यीय आपूर्ति श्रृंखला प्रोटोकोल लागू करना चाहिए. देश के विभिन्न राज्यों में दूसरे राज्यों से आए मजदूर फंसे हुए हैं. इसके अलावा ठेले एवं रेहड़ी चलाने वाले, पंजीकृत निर्माण श्रमिक और कारखानों में काम करने वाले श्रमिक राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे में नहीं आते हैं. ऐसे में उन्हेें भी एनएफएसए लाभार्थियों के समान अनाज उपलब्ध करवाने की व्यवस्था पर विचार किया जाना चाहिए.

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मनरेगा मजदूरों को मिले अग्रिम भुगतान

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आगे मनरेगा के तहत पंजीकृत और सक्रिय मजदूरों को 21 दिन के अग्रिम वेतन भुगतान पर विचार करने का भी आग्रह किया है. सीएम गहलोत ने सुझाव देते हुए कहा कि अग्रिम भुगतान को मनरेगा साइट पर काम शुरू होने के बाद मजदूरों द्वारा किये जाने वाले काम से समायोजित किया जा सकता है. सीएम गहलोत ने इसके साथ ही राज्य सरकारों को भरोसे में लेकर संघवाद के मूल्यों को मजबूत करने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को धन्यवाद दिया. इसके साथ ही कोविड-19 महामारी से समन्वित एवं ऊर्जावान तरीके से निपटने के लिए संघवाद की भावना की आवश्यकता पर जोर दिया.

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