जयपुर के ‘शाहीन बाग’ में बोले सीएम गहलोत- ‘अगर शिविरों में जाकर रहना पड़ा तो सबसे पहले मैं जाऊंगा आपके साथ’

आप देश के चुने हुए प्रधानमंत्री हैं तो मैं भी प्रदेश का चुना हुआ मुख्यमंत्री हूं, एनआरसी पर पीएम मोदी और अमित शाह की मंशा साफ नहीं, जयपुर में निकले शांति मार्च में नहीं लगा एक भी नारा, यह विभाजनकारी कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान की राजधानी जयपुर में दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर एनआरसी, सीएए और एनपीआर के विरोध में पिछले लगभग 15 दिनों से धरना प्रर्दशन जारी है. जयपुर के शहीद स्मारक पर चल रहे ‘शाहीन बाग’ के इस धरने में शुक्रवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शिरकत की. मुख्यमंत्री गहलोत ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि मुझे खुशी है कि आज मैं आपके बीच में हाजिर हुआ हूं. आप धरना दे रहे लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, आपके साथ अगर शिविरों में भी जाना पडेगा तो सबसे पहले मैं जाउंगा आपके साथ. आप सभी निश्चिंत रहो हम केंद्र सरकार को माकूल जवाब देंगे. कांग्रेस ने इसकी पूरी तैयारी कर रखी है. देशभर में जो माहौल है इसपर केंद्र सरकार को बडप्पन दिखाकर सीएए को निरस्त करना चाहिए. यह विभाजनकारी कानून संविधान की मूल भावना के खिलाफ है.

मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि जबसे यह कानून आया है तबसे पूरे देश में शाहीन बाग की तरह 300 से 400 जगह धरने दिए जा रहे हैं. राजस्थान में भी कई जगह धरने दिए जा रहे हैं, आखिर यह नौबत क्यों आई, समय रहते केंद्र में बैठे लोगों को यह समझ जाना चाहिए. देश पर हुकुमत चलाने के लिए देशवासियों की भावना को समझना पडता है. कानून बनाना सरकार का अधिकार है, लेकिन जनभावनाओं को समझकर ही शासन करना पडता है.

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आसाम में एनआरसी के बाद 19 लाख बाहर हुए

सीएम अशोक गहलोत ने आसाम में लागू की गई एनआरसी का जिक्र करते हुए बताया कि आसाम में एनआरसी लागू होने पर हिंदू और मुस्लिम सभी को प्रताडित होना पडा. वहां 3 से 4 साल तक लोग लाइन में लगकर कागजात जमा कराते रहे जिसमें भ्रष्टाचार भी हुआ. आसाम में 19 लाख लोग एनआरसी से बाहर हो गए. इस दौरान बहुत से लोगों ने आत्महत्या की और अनेकों लोग डिपरेशन का शिकार हो गए. वहां इसके सर्वे पर एक हजार छह सौ करोड रूपये खर्च हुए इसके बावजूद बीजेपी की खुद की सरकार ये कहती है कि हम आसाम में इसे लागू नहीं करेंगे. पूरे देश में सत्तर हजार करोड रूपये सर्वे पर खर्च होगें तब जाके एनआरसी लागू हो सकता है.

एनआरसी पर पीएम मोदी और अमित शाह की मंशा साफ नहीं

मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री मोदी और गृहमन्त्री अमित शाह पर निशाना साधते हुए कहा कि पीएम मोदी कहते हैं कांग्रेस देशवासियों को भडका रही है, एनआरसी लागू करने का हमारा कोई ईरादा नहीं है. जबकि गृहमंत्री अमित शाह जी कहते है, मैं देश में एनआरसी लागू करके रहूंगा. ऐसा पहली बार मैंने देखा है प्रधानमंत्री के मुंह से निकली बात पर उनका कैबिनेट मंत्री विपरीत जाकर कह रहा है लागू करके रहूंगा. इसका मतलब है कि मोदी और अमित शाह की मंशा साफ नहीं है. देशवासी सब समझता है, दिल्ली चुनाव में 4 दिन पहले जो हुआ सबको मालूम है. प्रधानमंत्री मोदी सहित 16 कैबीनेट मंत्री और देशभर के बडे नेता व तीन चार मुख्यमंत्रियों ने वहां प्रचार किया, लेकिन दिल्लीवासियों ने जो सबक बीजेपी को सिखाया वो इतिहास में हमेशा याद किया जाएगा.

जयपुर में निकले शांति मार्च में नहीं लगा एक भी नारा

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि पिछले दिनों जयपुर में निकाले गए शांति मार्च में 4 से 5 लाख लोग एक साथ सडक पर निकल गए. इस मार्च के दौरान मैंने आहवान किया था कि शांति मार्च होगा नारे बाजी नहीं होगी, जिस पर एक भी व्यक्ति ने मार्च में नारा नहीं लगाया. पांच लाख की भीड और एक नारा भी नहीं लगा. शांति मार्च में लोगों ने अपने हाथों में तिरंगे लिए हुए थे एक भी झंडा नीचे नहीं गिरा. हम राष्ट्रभक्त हैं, भारतवासी हैं इसका इससे बडा सबूत क्या हो सकता था.

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अगर शिविरों में जाकर रहना पड़ा तो सबसे पहले मैं जाऊंगा आपके साथ

एनपीआर पर सुप्रीम कोर्ट की 9 जजों की बेंच कह चुकी है. कोई भी सरकार निजी सुचनाएं नहीं ले सकती है, उसकी निजिता में हस्तक्षेप नहीं कर सकती है. एनपीआर में पूछा जाता है आपके मां बाप का जन्म कहां हुआ है जो कि कुछ लोंगो को छोडकर किसी को पता नहीं होता है. इसपर अगर मैं भी जानकारी नहीं दे पाया तो मुझे भी एनपीआर से बाहर कर दिया जायेगा. मुझे भी आपके साथ शिविरों में जाकर रहना पडेगा. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने धरना दे रहे लोगों को आश्वस्त करते हुए कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है अगर शिविरों में जाना पडेगा तो सबसे पहले मैं आपके साथ जाऊंगा. हम केंद्र सरकार को माकूल जवाब देंगे जिसकी तैयारी हमने (कांग्रेस) कर रखी है.

संविधान की मूल भावना की धज्जियां उड़ा दी केंद्र सरकार ने

संविधान में सभी धर्म और जाति के लोग समानता का अधिकार रखते है. किसी भी धर्म के लोगों का अधिकार छीना नहीं जा सकता है. केंद्र सरकार ने संविधान की मूल भावना की धज्जियां उडाई है, जिसे हम बर्दास्त नहीं करेंगे. केंद्र सरकार को सीएए पर पुर्नविचार करना चाहिए जिससे देश में अमन और शांति कायम रहे. सभी धर्मों के लोग भाई भाई की तरह एक साथ रहे जो कि हमारे देश की खासियत रही है. बीजेपी ने आज तक देश में आग लगाने का काम किया है और कांग्रेस ने हमेशा आग बुझाने का काम किया है.

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आप देश के चुने हुए प्रधानमंत्री है तो मैं भी प्रदेश का चुना हुआ मुख्यमंत्री हूं

सीएम गहलोत ने बताया कि कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने कांग्रेस वर्किग कमेटी की बैठक बुलाकर सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ प्रस्ताव पास कर चुकी है. पूरे देश की कांग्रेस आपके साथ है. वहीं पीएम मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि मोदी जी आप देश के चुने हुए प्रधानमंत्री है तो मैं भी प्रदेश का चुना हुआ मुख्यमंत्री हूं. अधिकांश राज्यों के मुख्यमंत्री कह रहे है हम एनआरसी, सीएए को लागू नहीं करेंगे. एनपीआर पहले भी लागू हुआ है, जिस पर किसी को ऐतराज नहीं हुआ. इस बार ऐसा क्या हुआ कि पूरे देश की जनता सडक पर आ गयी है.

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