91वीं वर्षगांठ पर राजस्थान के गांधी दिखाएंगे ‘दांडी मार्च’ को हरी झंडी, तो PM मोदी भी पहुंचेंगे अहमदाबाद

देश की आजादी के लिए 12 मार्च 1930 को निकाले गए 'दांडी मार्च' यानी 'नमक सत्याग्रह' की 91वीं वर्षगांठ के मौके पर एक ओर जहां पीएम मोदी गांधी आश्रम से दांडी मार्च को दिखाएंगे हरी झंडी, तो वहीं 'राजस्थान के गांधी' के नाम से विख्यात हो चुके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत बजाज नगर स्थित गांधी भवन से प्रतीकात्मक दांडी मार्च को हरी झंडी दिखाकर करेंगे रवाना

91वीं वर्षगांठ पर राजस्थान के गांधी दिखाएंगे 'दांडी मार्च' को हरी झंडी
91वीं वर्षगांठ पर राजस्थान के गांधी दिखाएंगे 'दांडी मार्च' को हरी झंडी

Politalks.News/Rajasthan/Gujarat. देश की आजादी के लिए 12 मार्च 1930 को निकाले गए ‘दांडी मार्च’ यानी ‘नमक सत्याग्रह‘ की 91वीं वर्षगांठ के मौके पर एक ओर जहां प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कल यानी शुक्रवार को अहमदाबाद पहुंचेंगे और गांधी आश्रम से दांडी मार्च को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे, तो वहीं ‘राजस्थान के गांधी’ के नाम से विख्यात हो चुके मुख्यमंत्री अशोक गहलोत शुक्रवार को राजधानी के बजाज नगर स्थित गांधी भवन से प्रतीकात्मक दांडी मार्च को हरी झंडी दिखाकर रवाना करेंगे. यह दांडी मार्च गांधी भवन से जेएलएन मार्ग स्थित गांधी सर्किल तक निकाला जाएगा.

राजधानी जयपुर में निकाले जाने वाले इस दांडी मार्च में गांधीवादी विचारक और कांग्रेस के कार्यकर्ता भी शामिल होंगे. राजस्थान के कला एवं संस्कृति विभाग की ओर से दांडी मार्च 91वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में ये कार्यक्रम किया जा रहा है. दांडी मार्च के साथ ही महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया जाएगा. साथ ही जवाहर कला केन्द्र में खादी चरखा प्रदर्शनी एवं कार्यशाला, कला शिविर, कला धारा की प्रस्तुति सहित अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.

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उधर, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुजरात के अहमदाबाद स्थित साबरमती गांधी आश्रम से इसकी शुरुआत करवाएंगे और 23 दिन बाद यह दांडी मार्च खत्म होगा. पीएम मोदी 6 अप्रैल को दांडी मार्च के समापन में भी हाजिर रहेंगे. इस दौरान दांडी मार्च तक की यात्रा में बीजेपी और केंद्र सरकार से जुड़े कई मंत्री अलग-अलग दिन यहां पहुंचेंगे और इस मार्च में हिस्सा लेंगे.

आपको बता दें, नमक सत्याग्रह के नाम से इतिहास में चर्चित दांडी यात्रा की शुरुआत 12 मार्च,1930 में गांधी जी के नेतृत्व में हुई थी. यात्रा अहमदाबाद के नजदीक साबरमती आश्रम से शुरू होकर नवसारी स्थित छोटे से गांव दांडी तक गई थी. नमक सत्याग्रह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का महत्वपूर्ण हिस्सा रहा है.
इस मार्च के जरिए बापू ने अंग्रेजों के बनाए नमक कानून को तोड़कर उस सत्ता को चुनौती दी थी जिसके बारे में कहा जाता था कि उसके साम्राज्य में कभी सूरज नहीं डूबता है.

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गौरतलब है कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने 12 मार्च 1930 को नमक सत्याग्रह के लिए अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से दांडी यात्रा शुरू की थी और 240 किलोमीटर की यात्रा कर 6 अप्रैल 1930 को दांडी समुद्र तट पर नमक बनाकर अंग्रेजों की ओर से बनाए गए नमक कानून को तोड़ा था. यह भी बता दें, इस मार्च में महात्मा गांधी के साथ सभी वर्गों एवं जातियों के लोग शामिल थे. महात्मा गांधी के साथ 81 सत्याग्रहियों ने 240 किलोमीटर की यात्रा पूरी कर दांडी में नमक कानून तोड़ा था. दांडी मार्च में 3 सत्याग्रही राजस्थान (तत्कालीन राजपूताना क्षेत्र) के मदनमोहन चतुर्वेदी, सुल्तान सिंह एवं नारायण दत्त भी शामिल थे.

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