सीएम गहलोत ने दिलाया विश्वास लॉकडाउन के दौरान किसी भी व्यक्ति को भूखा नहीं सोने देगी सरकार

मैं पीएम मोदी द्वारा की गई 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा का समर्थन करता हूं, चलो कोरोना के साथ एक साथ लड़ाई करते हैं और इसे हराते हैं- अशोक गहलोत

Ashok Gehlot 6 1574485997
Ashok Gehlot 6 1574485997

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना के बढते संक्रमण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशवासियों को संबोधित कर मंगलवार रात से 21 दिन तक पूरे देश में लॉक डाउन की घोषणा कर दी. देशभर में जारी यह लॉक डाउन आगामी 14 अप्रैल तक लागू रहेगा. देश में 21 दिन के इस लॉक डाउन के दौरान आवश्यक सेवाएं सुचारू रहेंगी. पीएम मोदी के देशभर में लॉकडाउन की घोषणा का समर्थन करते हुए राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि मुझे खुशी है कि राजस्थान पूर्ण लॉक डाउन करने की घोषणा करने वाला पहला राज्य था. इससे पहले सीएम गहलोत ने लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में किसी तरह की कमी नहीं आए इसके लिए जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश दिए.

पीएम मोदी के देशभर में 21 दिन के लॉक डाउन की घोषणा पर सीएम अशोक गहलोत ने टवीट कर कहा मुझे खुशी है कि राजस्थान, पूर्ण लॉक डाउन की घोषणा करने वाला पहला राज्य था. मैं पीएम मोदी द्वारा की गई 21 दिनों के लॉक डाउन की घोषणा का समर्थन करता हूं, चलो कोरोना के साथ एक साथ लड़ाई करते है और इसे हराते है.

पीएम मोदी द्वारा 21 दिन के लॉक डाउन किये जाने पर सीएम गहलोत ने प्रदेश के सभी राजनीतिक दलों के सासंदों, विधायकों, नगरीय निकाय प्रमुखों, जिला प्रमुखों, प्रधानों, जिला परिषद् एवं पंचायत समिति सदस्यों, पार्षदों एवं वार्ड पंचों से लेकर सरपंचों सहित प्रदेश के सभी जनप्रतिनिधियाें से अपील कर कहा कि वैश्विक महामारी से उत्पन्न संकट की इस घड़ी में गरीब, बेसहारा एवं असहाय लोगों तक भोजन, राशन एवं अन्य जरूरत की सामग्री पहुंचाने की जिम्मेदारी उठाएं.

पीएम मोदी की लॉक डाउन की घोषणा के बाद मुख्यमंत्री निवास पर सीएम गहलोत की अध्यक्षता में उच्चाधिकारियों की बैठक आयोजित हुई. इस बैठक में सीएम गहलोत ने विभिन्न एनजीओे, स्वयंसेवी संस्थाओं एवं राज्य स्तर से लेकर स्थानीय स्तर के सामाजिक संगठनों के साथ ही पटवारी, ग्रामसेवक, तहसीलदार, बीडीओ, एसडीओ एवं पुलिस के बीट कान्स्टेबलों से आह्वान किया कि वे कच्ची बस्तियों में रहने वाले गरीबों, कचरा बीनने वालों, रिक्शा चालकों, निराश्रित एवं घुमंतु लोगों सहित किसी भी भूखे व्यक्ति तक भोजन एवं राशन पहुंचाने के लिए आगे बढ़कर जिम्मेदारी लें.

इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूरे देश में अगले 21 दिन तक लॉकडाउन रहेगा, ऎसे में प्रदेश के गरीब एवं असहाय लोगों पर इसका सर्वाधिक प्रभाव पडे़गा. संकट की इस घड़ी में राज्य सरकार अपनी जिम्मेदारी का पूरी तरह निर्वहन करते हुए किसी भी व्यक्ति को भूखा नहीं सोने देगी. सीएम गहलोत ने आगे कहा कि प्रदेश में राज्य स्तर पर वॉर रूम जयपुर में स्थापित किया जा चुका है, जहां से लॉकडाउन के दौरान जरूरत की वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति पर प्रमुख शासन सचिव सूचना प्रौद्योगिकी के निर्देशन में पूरी निगरानी रखी जाएगी. जिला स्तर पर भी एडीएम की निगरानी में वॉर रूम बनाए गए हैं जहां जिला प्रशासन के साथ-साथ पुलिस के अधिकारी एवं कर्मचारी 24 घंटे तैनात रहेंगे.

इससे पहले मंगलवार दोपहर सीएम गहलोत ने प्रदेश में पहले से जारी लॉक डाउन को लेकर जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों की विडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए समीक्षा बैठक ली. इस दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग से ही कोरोना से बचा जा सकता है. लॉक डाउन का उद्देश्य यही है कि लोग घरों में रहें. लॉकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में किसी तरह की बाधा नहीं आए इसको सुनिश्चित किया जाए. लॉकडाउन के निर्देशों की शत-प्रतिशत पालना हो, नहीं तो हमें मजबूरन प्रदेश में कर्फ्यू लगाना पड़ेगा. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने कहा कि राज्य स्तरीय वॉर रूम की तरह ही जिलों में भी वॉर रूम स्थापित किए जाएं. यह वॉर रूम 24 घंटे कार्यरत रहें और इनमें वरिष्ठ अधिकारियों की ड्यूटी लगाएं.

यह भी पढ़ें: प्रधानमंत्री मोदी ने देश को समझाया को-रो-ना मतलब अगले 21 दिन ‘कोई – रोड पर – ना निकले’

परमिट की व्यवस्था सुगम बनाएं

सीएम गहलोत ने कहा कि आवश्यक कार्याें के लिए आमजन को परेशान नहीं होना पडे़ इसके लिए परमिट जारी करने की व्यवस्था को ज्यादा से ज्यादा ऑनलाइन किया जाए. इसके लिए मोबाइल एप अथवा ई-मेल आईडी बनाएं. निजी वाहनों की आवाजाही को कड़ाई से रोका जाए. बेवजह वाहन लेकर निकलने वालों पर पुलिस सख्ती से कार्रवाई करे. लोगों को घरों में रखना हमारी एकमात्र प्राथमिकता है.

जनप्रतिनिधियों पर भी बड़ी जिम्मेदारी

सीएम गहलोत ने यह भी कहा कि गरीबों, फेरी लगाकर अपनी जीविका अर्जित करने वाले लोगों, रिक्शाचालकों, मजदूरों आदि समाज के जरूरतमंद तबकों के लिए जिला कलेक्टर भोजन एवं राशन की कमी नहीं आने दें, इस काम में सेवाभावी संस्थाओं, भामाशाहों आदि का सहयोग लें. जनप्रतिनिधियों पर संकट की इस घड़ी में बड़ी जिम्मेदारी है. वे राजनीतिक सोच से ऊपर उठकर लोगों की मदद के लिए आगे आएंं, गरीबों और जरूरतमंदों को मदद पहुंचाना हम सभी का कर्तव्य है. सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि एक भी इंसान भूखा नहीं सोए.

आवश्यक सेवाओं की दुकानों पर समय सीमा की पाबंदी नहीं

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि आवश्यक सेवाओं से सम्बन्धित दुकानों के खुलने पर कोई रोक नहीं है, ना ही उनके लिए कोई समय सीमा निर्धारित की गई है. दुकानें खुलने से सप्लाई चैन सुचारू रहेगी और दैनिक उपभोग की वस्तुएं लेने के दौरान भीड़भाड़ भी नहीं होगी, जो कि लॉकडाउन का मुख्य उद्देश्य है. सीएम गहलोत ने इसके साथ ही कहा कि उपभोक्ता भण्डार की मोबाइल वैन का उपयोग आवश्यक वस्तुओं की होम डिलीवरी के लिए किया जाए ताकि लोगों को बाजार में कम से कम जाना पड़े.

यह भी पढ़ें: कोरोना के चलते राज्यसभा चुनाव स्थगित, सीएम गहलोत ने की कड़ी निंदा तो पायलट ने किया स्वागत

सख्ती के साथ संवेदनशीलता जरूरी

सीएम गहलोत ने आगे कहा कि लॉकडाउन को प्रभावी रूप से लागू करने का दायित्व पुलिस अधिकारियाें पर है. यह लॉकडाउन कानून व्यवस्था की स्थिति के कारण नहीं किया गया है, इसलिए उन्हें सख्ती के साथ-साथ मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए इसकी पालना करवानी है. प्रशासन द्वारा लोगों को समझाइश करने के लिए माइक लगी हुई गाड़ियों का उपयोग शहरों के साथ-साथ बडे़ कस्बों में भी किया जाए.

Leave a Reply