राहुल के पीएम मोदी का वीडियो जारी करने के बाद बीजेपी ने जारी किया मनमोहन सिंह का 16 साल पुराना वीडियो

बीजेपी द्वारा जारी किए 16 साल पुराने वीडियो में नागरिकता जैसे कानून की वकालत कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री, तत्कालीन उप प्रधानमंत्री आडवाणी का भी है जिक्र

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. लगता है बीजेपी और कांग्रेस आपस में वीडियो वीडियो का गेम खेल रही हैं. हाल में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 2014 में दिल्ली को ‘रेप केपिटल’ बोलने वाला वीडियो ट्वीटर पर अपलोड कर ‘रेप-इन-इंडिया’ बयान का जवाब दिया था. अब बीजेपी ने डॉ.मनमोहन सिंह (Dr.Manmohan Singh Video) का 16 साल पुराना वीडियो सार्वजनिक किया है जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री राज्यसभा में सीएए जैसे एक कानून की मांग करते दिख रहे हैं.

वीडियो 2003 का है. इस वीडियो में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष रहते हुए डॉ.मनमोहन सिंह (Dr.Manmohan Singh Video) ने अटल बिहारी सरकार से मांग की थी कि बांग्लादेश जैसे देशों से प्रताड़ित होकर आ रहे अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने में हमें ज्यादा उदार होना चाहिए. जबकि मोदी सरकार के सीएए कानून पर कांग्रेस ने विपक्ष के साथ मिलकर पूरजोर इस कानून का विरोध किया है. कांग्रेस ने पहले लोकसभा, फिर राज्यसभा में इस बिल का विरोध किया.

बिल के कानून की शक्ल लेने के बाद भी सोनिया गांधी के नेतृत्व में विपक्ष का एक प्रतिनिधि मंडल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से मिला और कानून में आंशिक बदलाव करने की गुहार लगाई. नागरिकता संशोधन कानून पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका लगाई गई है जिसपर फैसला सुनाते हुए अदालत ने रोक लगाने से मना कर दिया. हालांकि इस संबंध में केंद्र सरकार को एक नोटिस भेजा गया है.

वीडियो में पूर्व पीएम कह रहे हैं, ‘मैं शरणार्थियों की स्थिति पर सवाल कर रहा हूं तो यह भी कहना चाहता हूं कि देश के बंटवारे के बाद बांग्लादेश और पाकिस्तान में प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के बारे में बहुत उदार होना चहिए. यह हमारा नैतिक कर्तव्य बनता है’. वीडियो में तत्कालीन उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की ओर इशारा करते हुए कह रहे हैं कि उम्मीद हैं वे इस पर विचार करेंगे. ज्ञात रहे कि उस वक्त भी राज्यसभा में नागरिकता संशोधन पर ही चर्चा हो रही थी.

पहले समर्थन और अब विरोध के फेर में फंसी कांग्रेस के प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस वीडियो के बारे में तो कुछ नहीं कहा लेकिन बयान देते हुए कहा कि ऐसा कुछ किया जाना था तो अधिसूचना के जरिए किया जाना चाहिए था. हालांकि उन्होंने ये जरूर कहा कि क्या 1971 और देश के बंटवारे के समय की तुलना आज से हो सकती है? कानून लाने की आवश्यकता नहीं थी.

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इस पर पलटवार करते हुए भाजपा के महासचिव भूपेंद्र यादव ने कहा कि कांग्रेस मुंह छिपा रही है. विरोध करने के लिए मनमोहन सिंह को झुठला रही है. उन्होंने कांग्रेस का व्यवहार बहुत गैर जिम्मेदाराना है.

बताते चले कि जब डॉ.मनमोहन सिंह (Dr.Manmohan Singh Video) प्रधानमंत्री बने, तब तत्कालीन माकपा महासचिव प्रकाश करात ने उन्हें पत्र लिखकर उनके बयान की याद दिलाई थी और बांग्लादेश से पीड़ित होकर आए अल्पसंख्यकों के लिए नागरिकता की बात की थी. हालांकि माकपा पोलित ब्यूरो ने इसका खंडन किया है.

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