satish poonia on gehlot
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Satish Poonia on gehlot: राजस्थान में बिपरजॉय तूफान से कई जिलों में भारी नुकसान हुआ है. मुख्यमंत्री अशोक ने बीते 2 दिन तूफान प्रभावित इलाकों का दौरा कर, तूफान से प्रभावित लोगों से मुलाकात की. सीएम गहलोत के दौरे के बाद आज उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने भी बिपरजॉय तूफान प्रभावित जिलों का दौरा किया. इस दौरान पूनियां ने सीएम गहलोत के हवाई दौरे पर जमकर निशाना साधा.

उपनेता प्रतिपक्ष सतीश पूनियां ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा कि बिपरजॉय तूफान से बाड़मेर, जालौर, पाली, सिरोही, जोधपुर इत्यादि जिलों में कच्चे झोंपड़ों से लेकर मकानों तक कई जगह जनहानि हुई है. मुख्यमंत्री गहलोत ने हवाई सर्वे तो किया लेकिन उस हवाई सर्वे में बाढ़ में डूबे लोगों के आंसू नहीं दिखे होंगे और जिस तरीके से लीपापोती की, सियासी बयान दिये, उससे बाढ़ राहत भी महंगाई राहत की तरह खोखली साबित हो गई.

पूनियां ने कहा कि सीएम गहलोत ने जो बयान दिये उसमें कहीं लगा ही नहीं कि उनको कोई संवेदना है और ना ही राज्य सरकार ने तत्परता से कोई काम किया. हेलिकॉप्टर का दौरा तो सामान्य रूप से कोई भी कर सकता है, लेकिन क्या उस अंतिम व्यक्ति तक रिलीफ पहुंची है क्या ? जिंदगी मायने रखती है, सीएम गहलोत ने बयान दिया कि लोग जलमग्न इलाकों में जायें नहीं, क्या यह एहतियात बहुत पहले से जारी की थी? आज जो मौसम का सूचना तंत्र है, रिमोट सेंसिंग है, वह इतनी डवलेप हो गई कि उससे पूर्वानुमान आ जाता है.

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पूनियां ने कहा कि किसी भी परिस्थिति में कोई भी लोक-कल्याणकारी सरकार लोगों को सुरक्षा का भरोसा देती है, हमारे पड़ोस के राज्य गुजरात की खबरें देख रहा था कि किस तरीके से गुजरात की सरकार ने हवाइजहाज, नावों, हेलिकॉप्टर्स से वहां की पूरी टीमों ने लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम बहुत पहले ही कर दिया और कोई जनहानि नहीं हुई. उससे स्पष्ट है कि सरकार-सरकार में भी फर्क है और सोच-सोच में भी फर्क है. राजस्थान जो भौगोलिक रूप से विविधतायें लिया हुआ क्षेत्र है, लेकिन कांग्रेस सरकार में अक्सर ऐसा होता है कि जब सांप निकल जाता है तो लाठी पीटते हैं.

पूनियां ने कहा कि आज डिजास्टर मैनेजमेंट, आपदा प्रबंधन यह जीवनशैली का हिस्सा होना चाहिये, पाठ्यक्रम का हिस्सा भी होना चाहिये और सरकार की मुस्तैदी का भी हिस्सा होना चाहिये. मौसम के पूर्वानुमान से ऐसा लगता है कि राज्य सरकार ना तो अभ्यस्त है, ना सीख ली और ना मानसिक रूप से इसके लिये तैयार थी और एकदम से जब आपदा आई तो सिस्टम के हाथ-पैर फूले और ऐसे अवसर पर जो लीपापोती है वही हो पाई.

पूनियां ने कहा कि कई जगह से यह जानकारी मिल रही है कि कई-कई दिनों तक पानी है, जिससे बीमारियां फैलने का अंदेशा है, कई लोगों तक भोजन और रसद की डिलीवर नहीं पहुंची है. जिनके मकान क्षतिग्रस्त हो गये, उनका आकलन होकर रिलीफ नहीं पहुंची है, इससे स्पष्ट है कि मुख्यमंत्री ने सिर्फ हवाई दौरा किया है, मैंने उनके ट्वीट पर लिखा कि मकान भी डूब गये और अवाम की उम्मीदें भी डूब गईं. सीएम गहलोत से यह मांग करता हूं कि अच्छा है कि उन्होंने हवाई सर्वे किया है, लेकिन थोड़ा जमीनी सर्वे भी कर लें, सरकारी मशीनरी को ठीक से लगायें और केवल इतना ही नहीं, अभी भी जिन क्षेत्रों में पानी भरा है, जहां से बीमारियों के फैलने का अंदेशा है, जिनके आशियान उजड़ गये, जिनको भोजन और राशन की आवश्यकता है, तत्काल उपाय करें. क्योंकि मेरी जानकारी में चौहटन से लेकर सांचोर तक अभी तक मुख्यमंत्री की हवाई सर्वेक्षण के अलावा कोई तत्परता मुझे दिखी नहीं है.

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