बिहार: मजदूरों के लिए पीएम मोदी ने दी रोजगार योजना की सौगात, 6 राज्यों को मिलेगा फायदा

6 राज्यों के 116 जिलों में रहने वाले मजदूरों को मिलेगा 'गरीब कल्याण रोजगार योजना' का फायदा, सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम सुशील मोदी भी रहे मौजूद, नीतीश कुमार ने मांगी जीएसटी में छूट

पॉलिटॉक्स न्यूज. कोरोना काल के दौरान लगे लॉकडाउन में देहाड़ी मजदूर और प्रवासी श्रमिकों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा है. लॉकडाउन के चलते उद्योग धंधे भी बंद हुए हैं जिनके चलते मजदूरों के रोजी रोटी का संकट पैदा हो गया है. इस हालात से निपटने के लिए केंद्र की मोदी सरकार एक खास अभियान शुरू किया है. 50 हजार करोड़ रुपये की लागत वाली इस योजना का नाम है ‘गरीब कल्याण रोजगार योजना‘ जिसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लॉन्च किया है. पीएम मोदी इस योजना को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बिहार के खगड़िया जिले के ग्राम-तेलिहार, ब्लॉक-बेलदौर से लॉन्च किया गया. योजना के चलते 6 राज्यों के 116 जिलों में रहने वाले मजदूरों को इसका लाभ मिलेगा. योजना के डिजिटल शुभारंभ में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी सहित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्रियों ने हिस्सा लिया.

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कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, मध्य प्रदेश और राजस्थान के 116 जिलों में ये अभियान पूरे जोर-शोर से चलाया जाएगा. कितना ही टैलेंट इन दिनों वापस अपने गांव लौटा है. देश के हर शहर को गति और प्रगति देने वाला श्रम और हुनर जब खगड़िया जैसे ग्रामीण इलाकों में लगेगा, तो इससे बिहार के विकास को भी कितनी गति मिलेगी. गरीब कल्याण रोज़गार अभियान के तहत आपके गांवों के विकास के लिए, आपको रोजगार देने के लिए 50 हज़ार करोड़ रुपए खर्च किए जाने हैं.

लद्दाख में चीनी सैनिकों से विवाद का किया जिक्र

पीएम मोदी ने कहा कि हमारे पास स्थानीय उत्पाद हैं और उनसे जुड़े उद्योग समीप में ही लगाए जाने की योजना है. हमारा उद्देश्य गांव, गरीब किसान अपने दम पर खड़ा हो, किसी के सहारे की जरूरत न हो. गरीब कल्याण से श्रमिकों के आत्मसम्मान की रक्षा होगी. प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों से मास्क लगाने की अपील की. उन्होंने कहा कि यह सेवक आपके मान-सम्मान के लिए काम कर रहा है. आप बाहर निकले तो मास्क लगाएं और दो गज की दूरी का ध्यान रखें. यह जीवन और आजीविका के लिए जरूरी है. आप स्वस्थ रहें और देश आगे बढ़े.

कोरोना संकट पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत लोगों ने कोरोना का डटकर मुकाबला किया. देश के गांवों ने शहरों को ज्यादा सबक दिया है. गांव के लोगों ने कोरोना को प्रभावी तरीके से रोका है. वहीं लद्दाख में चीन से विवाद पर कहा कि लद्दाख में जिन वीरों ने बलिदान दिया है, ये पराक्रम बिहार रेजीमेंट का है और हर बिहारी को इस पर गर्व है. बिहार के जिन साथियों ने बलिदान दिया है उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करता हूं. मैं विश्वास दिलाना चाहता हूं देश आपके साथ है.

बिहार सीएम ने की जीएसटी में छूट की मांग

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री को धन्यवाद देते हुए कहा कि गरीब कल्याण योजना से काफी लोगों को लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने गरीब कल्याण योजना के जरिये लोगों की मदद का प्रयास किया है यह सराहनीय है. नीतीश कुमार ने कहा कि लॉकडाउन के दौरान मैंने बिहार लौटने के बाद विभिन्न जिलों में मजदूरों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बातचीत की. मुझे लगा कि वे काम के लिए दूसरे राज्यों में नहीं जाना चाहते. नीतीश कुमार ने इसके साथ ही जीएसटी में छूट देने की मांग की.

6 राज्यों के 116 जिले जुड़ेंगे रोजगार कार्यक्रम से

कोरोना महामारी के मद्देनजर सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करते हुए 6 राज्यों के 116 जिलों के गांव सार्वजनिक सेवा केंद्रों और कृषि विज्ञान केंद्रों के माध्यम से इस कार्यक्रम में जुड़ेंगे. 125 दिनों का यह अभियान मिशन मोड में चलाया जाएगा. 50 हजार करोड़ रुपये के फंड से एक तरफ प्रवासी श्रमिकों को रोजगार देने के लिए विभिन्न प्रकार के 25 कार्यों का तीव्र और केंद्रित होकर क्रियान्वयन होगा, तो दूसरी तरफ देश के ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा.

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इस कार्यक्रम के लिए 116 जिलों के 25 हजार से ज्यादा प्रवासी श्रमिकों के साथ इस अभियान में बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, झारखंड और ओडिशा इन 6 राज्यों को चुना गया है, जिसमें इच्छा जताने वाले 27 जिले शामिल हैं. इन जिलों से दो तिहाई प्रवासी श्रमिकों के लाभान्वित होने का अनुमान है. यह अभियान 12 विभिन्न मंत्रालयों/विभागों- ग्रामीण विकास, पंचायती राज, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, खान, पेयजल और स्वच्छता, पर्यावरण, रेलवे, पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, नई और नवीकरणीय ऊर्जा, सीमा सड़क, दूरसंचार और कृषि का एक समन्वित प्रयास होगा.

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