देश की सीमा में न किसी का कब्जा है और न कोई भारतीय सीमा में घुसा है: पीएम मोदी

सर्वदलीय बैठक में चीन से संघर्ष पर सरकार से नाखुश नजर आई सोनिया गांधी तो शरद पवार और ममता बनर्जी सहित अन्य राजनीतिक दलों ने पीएम मोदी एवं सेना के साथ होने का दिलाया विश्वास, उद्धव ठाकरे ने कहा 'हमारी सरकार रखती है आंखें निकालकर हाथ में देने की क्षमता तो आप व राजद ने बैठक में न बुलाये जाने को लेकर जताई नाराजगी

Narendra Modi
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पाॅलिटाॅक्स न्यूज़/भारत v/s चीन. लगातार गहराते जा रहे भारत चीन सीमा विवाद को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई. बैठक में कांग्रेस सहित लगभग सभी राजनीतिक दलों ने बीते दिनों सीमा पर हुए घटनाक्रमों को लेकर कुछ सवाल जरूर उठाए लेकिन देश की एकता अखंडता और संप्रभुता के लिए सभी ने एक स्वर में सरकार और सेना के कदमों का समर्थन किया.

चीन के खिलाफ नीति बनाने के लिए बुलाई गई थी सर्वदलीय बैठक

चीन के धोखे ने भारत को अब उसके प्रति हमारी नीति बदलने पर विचार करने को मजबूर कर दिया है. चीन को लेकर हमारी नीति क्या हो? क्या हमारे सैनिकों पर उसके सैनिकों के बर्बरतापूर्ण हमले पर कोई ऐसा ऐक्शन लिया जाए जिससे चीन को कड़ा संदेश मिल सके? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बुलाई सर्वदलीय बैठक में इन्हीं गंभीर सवालों पर चर्चा हुई. इस बैठक में 20 दलों के प्रमुख या प्रतिनिधि शामिल थे.

न कोई हमारी सीमा में घुसा हुआ है और न ही हमारी कोई पोस्ट किसी कब्जे में – पीएम मोदी

बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारी सीमाओं में कोई भी घुसा हुआ नहीं है और ना ही हमारी कोई पोस्ट किसी के कब्जे में है. देश की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना को हर तरह से मजबूत बनाया जाएगा. सरकार सेना की हर तरह की जरूरतों के लिए प्राथमिकता से कदम उठाएगी. प्रधानमंत्री ने कहा, आज हमारे पास यह क्षमता है कि कोई भी हमारी जमीन के एक इंच हिस्से को भी नहीं ले सकता है. भारत की सशस्त्र सेना एक बार में कई क्षेत्रों में जाने की क्षमता रखती है.

बैठक में सोनिया गांधी ने जताई नाराजगी

बैठक में भाग ले रही कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चीन संघर्ष पर सरकार से नाखुश नजर आईं. सोनिया गांधी ने मोदी सरकार से कई तीखे सवाल किए. सोनिया गांधी ने कहा कि सरकार की ओर से बुलाई गई सर्वदलीय बैठक बहुत पहले हो जानी चाहिए थी. इस समय भी सभी राजनीति दल हम अंधेरे में हैं.

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उन्होंने सरकार से पूछा कि चीनी सैनिकों ने किस तारीख को घुसपैठ की? सरकार ने कब बदलाव के बारे में पता लगाया? क्या सरकार को सैटेलाइट पिक्स नहीं मिले? क्या खुफिया विभाग ने असामान्य गतिविधि की जानकारी नहीं दी है? राष्ट्र को आश्वासन की जरूरत है कि यथास्थिति बहाल हो. माउंटेन स्ट्राइक कोर की वर्तमान स्थिति क्या है? सोनिया गांधी ने ऐसे ही कई सवाल सरकार से करते हुए कहा कि चीन सीमा विवाद से जुड़े सभी पहलुओं की विपक्षी दलों को नियमित रूप से जानकारी दी जानी चाहिए.

उद्धव ठाकरे बोले – हमारी सरकार आंखें निकालकर हाथ में देने में सक्षम

सर्वदलीय बैठक में बीजेपी से अलग होकर महाराष्ट्र में सरकार बनाने वाले शिवसेना प्रमुख ने मोदी सरकार पर भरोसा जताया है. उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमारी सरकार आंखें निकालकर हाथ में देने की क्षमता रखती है. शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि हम सब एक हैं. हम सब प्रधानमंत्री मोदी के साथ मजबूती से खड़े हैं. हम अपनी देश की सेना और उनके परिवार के साथ खड़े हैं. भारत शांति चाहता है, इसका मतलब यह नहीं है कि हम कमजोर हैं. उन्होंने कहा, चीन हमेशा से धोखेबाज रहा है. भारत मजबूत है, मजबूर नहीं है.

शरद पवार बोले – समझौते के अनुसार सेना करती है कार्रवाई

बैठक में महाराष्ट्र सरकार में शिवसेना के सहयोगी दल एनसीपी ने भी प्रधानमंत्री मोदी के प्रति अपना समर्थन जताया. इसके साथ ही एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने चीन के सामने सैनिकों को निहत्थे भेजे जाने के राहुल गांधी के सवाल पर उन्हें आईना भी दिखाया. देश के रक्षा मंत्री रह चुके शरद पवार ने कहा कि सैनिक कब-कहां हथियार के साथ रहेंगे और कहां नहीं, यह अंतरराष्ट्रीय समझौतों के मुताबिक तय होता है. पवार ने कहा कि ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर कुछ भी बोलते वक्त लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए.

संगमा बोले – नॉर्थ ईस्ट में नहीं रुकना चाहिए निर्माण कार्य

बैठक में एनपीपी के कोनराड संगमा ने कहा, सीमा के साथ बुनियादी ढांचा का काम नहीं रुकना चाहिए. म्यांमार और बांग्लादेश में चीन प्रायोजित गतिविधियां लगातार बढ़ रही है जो चिंताजनक हैं. नार्थ ईस्ट में चीन की ओर से उठाए जा रहे कदमों पर पैनी नजर रखी जानी चाहिए. इसके साथ ही सरकार को इन क्षेत्रों में बड़े स्तर पर कदम उठाने चाहिए.

राजनीतिक दलों ने एक स्वर में किया सरकार का समर्थन

बैठक में सीपीआई के डी राजा ने सरकार के कदमों का समर्थन करते हुए सुझाव दिया कि कहा भारत को अमेरिका द्वारा उनके गठबंधन से जोड़ने के प्रयासों का विरोध करने की आवश्यकता है. वहीं सीपीआई (एम) के सीताराम येचुरी ने पंचशील के सिद्धांतों पर जोर दिया. बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा ने अपनी पार्टी का प्रतिनिधित्व करते हुए कहा, हम पूरी तरह से और बिना शर्त सरकार के साथ खड़े हैं.

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डीएमके के एमके स्टालिन ने कहा कि जब हम देशभक्ति की बात करते हैं तो हम एकजुट होते हैं. उन्होंने चीन के मुद्दे पर पीएम के बयानों का भी स्वागत किया.

आत्म निर्भर भारत के आह्वान से नाराज है चीन

टीआरएस चीफ और तेलंगाना सीएम केसीआर ने कहा कि कश्मीर पर पीएम की स्पष्टता ने चीन को नाराज कर दिया है. कश्मीर के विकास पर पीएम के जोर ने भी चीन को नाराज किया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि पीएम के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान ने चीन को झकझोर दिया है.

मोदी सरकार पर पूरा भरोसा

बैठक में सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा के प्रमुख और सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग ने कहा कि हमें पीएम मोदी पर पूरा भरोसा है. अतीत में भी, जब राष्ट्रीय सुरक्षा की बात आई तब पीएम ने ऐतिहासिक निर्णय लिए.

बैठक में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गलवान घाटी में हुई हिसंक झड़प के बारे में विस्तार से जानकारी दी और साथ ही LAC की वर्तमान स्थिति के बारे में बताया. राजनाथ सिंह ने देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए सैन्य बलों द्वारा उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताया. वहीं विदेशमंत्री ने चीन के मसले को लेकर उठाए जा रहे कूटनीतिक और राजनीयिक कदमों की जानकारी दी.

सर्वदलीय बैठक में सोनिया गांधी, ममता बनर्जी, नीतीश कुमार, उद्धव ठाकरे, नवीन पटनायक और मायावती समेत कई अन्य नेता शामिल हुए. बैठक की शुरुआत में पीएम मोदी ने गलवां घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. पीएम मोदी के साथ अन्य नेताओं ने भी गलवान घाटी में शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि दी.

बता दें, सर्वदलीय बैठक में देश की 20 राजनीतिक पार्टी के अध्यक्षों ने भाग लिया. सर्वदलीय बैठक में केवल उन्हीं पार्टियों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया गया था, जिनके सांसदों की सख्यां 5 से अधिक है. ऐसे में आम आदमी पार्टी और आरजेडी के अध्यक्ष बैठक में भाग नहीं ले सके.

आम आदमी पार्टी ने साधा मोदी सरकार पर निशाना

सर्वदलीय बैठक के पहले आप सांसद संजय सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेस करके चीन के साथ हुए हिंसक संघर्ष मुद्दे पर केंद्र सरकार पर निशाना साधाते हुए कई तीखे सवाल किए. संजय सिंह ने कहा कि लद्दाख में हुई चीन से झड़प के मुद्दे पर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में आप और आरजेडी को आखिर क्यों नहीं बुलाया गया? आप सांसद ने कहा- चीन से संघर्ष को लेकर देश आक्रोशित है, लेकिन केंद्र सरकार का रवैया अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण है. पहले 3 जवान शहीद हुए हैं, फिर कहा गया 20 जवान, फिर कहा गया कोई जवान चीन के कब्जे के नहीं है लेकिन मीडिया के जरिए जानकारी मिली कि 10 जवानों को छुड़ाया गया है. ऐसे गंभीर मसले पर सरकार झूठ क्यों बोल रही है? ये देश की जनता के साथ विश्वासघात है.

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आप नेता संजय सिंह ने कहा, किस वजह से जवानों को बंधक बनाए जाने की खबर छुपाई गई? हम जवानों के साथ खड़े हैं, इस पर कोई राजनीति नहीं करना चाहते. भारत की सरकार चीन से बदला ले, हमारे जवानों की शहादत का प्रधानमंत्री मुंहतोड़ जवाब दें. हमारी पार्टी प्रधानमंत्री के साथ खड़ी है इस फैसले में भारत की जो जमीन चीन के कब्जे में हैं वो वापस ली जाये और 1 अप्रैल से पहले की स्थिति बहाल की जाए.

सर्वदलीय बैठक में ना बुलाए जाने से नाराज आप सांसद ने कहा कि ये बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे राष्ट्रीय संकट के समय पर एक ऐसी पार्टी जिसके मुख्यमंत्री को दिल्ली की जनता ने 3 बार चुना है, उसे नहीं बुलाया गया. क्या बीजेपी के नेता उनको महत्वपूर्ण नहीं मानते, उनकी राय नहीं चाहते?

राजद बिहार में सबसे बड़ा दल, फिर क्यूं नहीं बुलाया बैठक में

राजद नेता तेजस्वी यादव ने सरकार की ओर से राजद को सर्वदलीय बैठक में नहीं बुलाने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि राजद बिहार में सबसे बड़ा दल है. राजद के 5 सांसद संसद में हैं। ऐसे में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से जानना चाहते हैं कि राजद को सर्वदलीय बैठक में शामिल क्यों नहीं किया गया?

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