Politalks.News/Bihar Election. साल के अंत में बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव के चलते प्रदेश में सियासत गर्माती जा रही है. सूत्रों की मानें तो हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (हम) अब महागठबंधन से कभी भी अपने आप को अलग कर सकता है. ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि हम के राष्ट्रीय अध्यक्ष अध्यक्ष और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने आरजेडी को कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने का जो समय दिया था वह अब खत्म हो गया है. इसके साथ ही मांझी के उस अल्टीमेटम की मियाद भी खत्म हो गई है जिसमें मांझी ने कहा था कि इसके बाद वे कोई भी फैसला ले सकते हैं.
अब खबर आ रही है कि कोऑर्डिनेशन कमिटी बनाने की मांझी की चेतावनी का आरजेडी पर कोई असर नहीं हुआ है और पार्टी इसे कोई तवज्जो नहीं दी है. इसके साथ ही बिहार की राजनीतिक गलियारों में कयास लगाए जाने लगे हैं कि जल्दी ही मांझी कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. इसी बीच सत्ता पक्ष यानी एनडीए की तरफ से बीजेपी ने मांझी को एनडीए में आने का न्योता भी दे दिया है.
यह भी पढ़ें: बिहार चुनाव में 30 से 60 सीटों पर जीत का मुस्लिम समीकरण बनाने में जुटे हैं असदुद्दीन औवसी
हम के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने भी इस बात का खुला संकेत देते हुए कहा, हमारा अल्टीमेटम खत्म हो गया है अब किसी भी निर्णय के लिए जीतन राम मांझी स्वतंत्र हैं. वे जल्द बड़ा फैसला लेंगे. रिजवान ने तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि, “मांझी का फैसला गठबंधन की नींव हिला देगा और सीएम का सपना देखने वाले का सपना चूर होगा.”
इसी बीच हम के दावे पर आरजेडी ने पलटवार किया है. पार्टी के नेता मृत्युंजय तिवारी ने कहा कि, “हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा आरजेडी को धमकी देना बंद करे. आरजेडी ने जीतन राम मांझी को बहुत इज्जत दी, उनके पुत्र को सदन भेजा था ये ना भूले. मांझी का दिल डोल गया है, किसी और के साथ मन मिल गया है.”
यह भी पढ़ें: क्या बिहार में तीसरा धड़ा बनाने की तैयारी में हैं चिराग पासवान! बन सकते हैं किंग मेकर
वहीं महागठबंधन में मचे संग्राम पर मौके का फायदा उठाकर एनडीए की तरफ से बीजेपी प्रवक्ता निखिल आनंद ने कहा कि तेजस्वी के साथ आज कोई नहीं रहना चाहता. मांझी हो या कुशवाहा किसी को इज्जत नहीं मिली. डूबते नाव पर कोई नहीं रहना चाहता. अगर मांझी एनडीए में आते हैं तो उनका अवश्य स्वागत होगा.