कोरोनिल को लेकर बोले महाराष्‍ट्र के मंत्री शिंगणे- राज्य में दवाई आई तो करेंगे कार्रवाई

कोरोना मारक दवा के नाम से दवा को प्रचारित कर रही है पतंजलि, आयुष मंत्रालय के अनुसार केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए है दवा, मंत्री ने आपत्तिजनक विज्ञापन कानून के तहत कार्रवाई करने की दी चेतावनी

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Politalks.newsपतंजलि आयुर्वेद कंपनी की कोरोनिल दवा को लेकर महाराष्ट्र के मंत्री डॉ. राजेंद्र शिंगणे ने साफ तौर पर इस दवा को राज्य में न लाने के लिए चेताया है. शिंगणे ने मीडिया को दिए गए बयान में उन्होंने ये बात कही. सरकार में अन्न व औषधि प्रशासन (एफडीए) मंत्री डॉ. राजेंद्र शिंगणे ने कहा कि पतंजलि की ओर से बाजार में लाई गई कोरोनिल दवा से कोरोना संक्रमण की बीमारी ठीक नहीं होती. यदि पतंजलि ने कोरोनिल से कोरोना ठीक होने का भ्रम जनता में फैलाया अथवा लोगों को गुमराह किया तो निश्चित तौर पर कार्रवाई की जाएगी. गौरतलब है कि हाल में बाबा रामदेव ने कोरोनिल दवा को लॉन्च करते हुए इसे कोरोना मारक दवा नाम से संबोधित किया था.

एनसीपी नेता और मंत्री शिंगणे (Rajendra Shingne) ने कहा कि पतंजलि ग्रुप ने अगर कोरोना वायरस ठीक करने की दवा के नाम पर इसे प्रचारित किया या भ्रम फैलाया तो राज्य सरकार के गृह विभाग की मदद से औषधि व जादूटोना उपाय (आपत्तिजनक विज्ञापन) कानून 1954 के अनुसार कार्रवाई होगी। शिंगणे ने कहा कि पंतजलि के उत्पाद कोरोनिल से कोरोना की बीमारी ठीक होती है, ऐसा भ्रम जनता में फैलाकर गुमराह किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वास्तव में पंतजलि ने कोरोनिल दवा अश्वगंधा, तुलसी और गिलोय आदि इस्तेमाल करके टैबलेट बनाया है. इस दवा का उपयोग केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए होता है न कि संक्रमण ठीक करने के लिए.

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इससे पहले केंद्रीय आयुष मंत्रालय की ओर से भी कोरोनिल दवा के लिए कहा जा चुका है कि कोरोनिल का नाम (कोरोना और नील) व टीवी के विज्ञापन के कारण जनता में भ्रम फैल रहा है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए दवा में अश्वगंधा, तुलसी और गिलोय का इस्तेमाल जरूर हुआ है लेकिन प्रत्यक्ष रूप में कोरोना की बीमारी इससे ठीक नहीं होती. इसी रिपोर्ट के हवाले से मंत्री शिंगणे ने कहा कि जनता यह जान लें कि कोरोनिल के इस्तेमाल से केवल रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ सकती है लेकिन इससे महामाही ठीक नहीं होती है.

को​रोनिल दवा के प्रस्तुतकर्ता योग गुरु बाबा रामदेव ने भी इससे मिलता जुलता दावा करते हुए कहा कि कोरोनिल में गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा हैं जो इम्युनिटी बढ़ाते हैं. शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर श्वासारि देने से फायदा होता है. यह दवा सर्दी, खांसी, जुकाम को भी एक साथ डील करती है. अणुतेल नाक में डालना होता है. तीनों को साथ इस्तेमाल करने से कोरोना का संक्रमण खत्म हो सकता है और महामारी से बचाव भी संभव है.

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वहीं केंद्र सरकार ने पतंजलि और दवा के फैक्ट की जानकारी न होने की बात कही है. केंद्र ने दवा पर की गई रिसर्च की जानकारी और दस्तावेज उपलब्ध कराने को कहा है और जांच पूरी होने तक दवा का प्रचार न करने की बात कही है. इसी कड़ी में राजस्थान और महाराष्ट्र समेत कुछ राज्यों ने इस दवा की लॉन्चिंग पर आपत्ति जताई है. कुछ राज्य में पतंजलि और बाबा रामदेव के खिलाफ दवा का गलत प्रचार करने को लेकर मामले भी दर्ज हुए हैं.

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