जम्मू कश्मीर में नहीं थमा आतंकी सिलसिला, दो दिन में दो सरपंचों पर हमला, घबराए बीजेपी नेता छोड़ रहे पार्टी

डर के चलते 24 घंटे में सरपंच सहित बीजेपी के 4 नेताओं ने तोड़ा पार्टी से नाता, व्यस्तता के कारण पार्टी गतिविधियों में भाग नहीं ले पाने को बताया वजह, हाल ही में आतंकियों ने इलाके में बीजेपी के बड़े नेता की कर दी थी हत्या

bjp in jammu and kashmir
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Politalks.News/J&K. जम्मू कश्मीर में धारा 370 और 35-A हटे एक साल हो चुका है लेकिन आतंकी घटनाएं घटने का सिलसिला थम नहीं रहा. आतंकियों ने बीते दो दिनों में सरपंच और पंच सहित दो बीजेपी नेताओं पर जानलेवा हमला किया जिसमें से एक की मौत हो गई और एक गंभीर रूप से घायल है. इसके बाद से इलाके में खौफ का आलम है. हालात ये हैं कि पिछले 24 घंटों में 4 बीजेपी नेताओं ने पार्टी से नाता तोड़ते हुए कहा कि अब उनका पार्टी से कोई लेना देना नहीं है. हालांकि बीजेपी छोड़ने की वजह व्यस्तता बताई गई है लेकिन लगातार हो रहे बीजेपी नेताओं पर हमला इसकी वजह साफ तौर पर दिखाई दे रही है. चंद रोज पहले भी आतंकियों ने इलाके में बीजेपी के बड़े नेता की हत्या कर दी थी.

बीते दिन ही कुलगाम जिले के काजीगुंड ब्लॉक के वेस्सु गांव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) सरपंच सजाद अहमद पर आतंकियों ने हमला कर दिया. बीजेपी सरपंच को तुरंत हॉस्पिटल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया. बीजेपी सरपंच सजाद अहमद की हत्या से चंद घंटे पहले ही काजीगुंड अखरान में आतंकियों ने बीजेपी पंच आरिफ अहमद पर हमला किया गया था. इस हमले में आरिफ अहमद गंभीर रूप से घायल हो गए. पंच और सरपंच पर हमले से बीजेपी नेताओं में डर का माहौल है.

इसके तुरंत बाद कुलगाम के देवसर से बीजेपी सरपंच ने गुरुवार को पार्टी से अपना इस्तीफा दे दिया. इससे पहले बीजेपी नेता सबजार अहमद पाडर, निसार अहमद वानी और आशिक हुसैन पाला भी पार्टी से इस्तीफा दे चुके हैं. सभी नेताओं ने निजी कारणों से बीजेपी छोड़ने हवाला देते हुए कहा था कि आज के बाद उनका बीजेपी से कोई नाता नहीं है. उन सभी ने ये भी कहा कि अगर उनके कारण किसी की भावना को ठेस पहुंची है तो वे इसके लिए माफी चाहते हैं.

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दबे स्वर में सामने आ रहा है कि बीजेपी नेताओं के इस्तीफे के पीछे की वजह कुलगाम में सरपंचों के उपर हुए जानलेवा हमले को बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि आतंकियों के हमले के बाद ही बीजेपी नेता इस्तीफा दे रहे हैं. हालांकि, इस्तीफा देने वाले नेताओं का कहना है कि अपनी व्यस्तता के कारण वह बीजेपी की गतिविधियों को अंजाम देने का समय नहीं निकाल पा रहे हैं, इसीलिए उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला किया है.

याद दिला दें कि 8 जुलाई को भी जम्मू और कश्मीर के बांदीपोरा में आतंकियों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता वसीम बारी की हत्या कर दी थी. बारी राज्य कार्यकारिणी के सदस्य भी थे. आतंकवादियों ने वसीम बारी के साथ उनके पिता बशीर अहमद शेख और भाई उमर सुल्तान पर भी गोलीबारी की. तीनों की ही इस घटना में मौत हो गई. तीनों अपनी दुकान में थे, तब आतंकवादियों ने उन पर गोलियां चलाई. ये हालात तो तब हैं जब परिवार को 10 सुरक्षाकर्मी मिले हुए थे लेकिन घटना के समय कोई भी साथ नहीं था. सुरक्षा में तैनात सभी 10 सुरक्षाकर्मियों को गिरफ्तार कर लिया गया है.

इससे पहले जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग में आतंकियों ने सरपंच अजय पंडिता की गोली मारकर हत्या कर दी थी. लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने इस हत्या की जिम्मेदारी ली थी. हालांकि अजय पंडिता का संबंध कांग्रेस पार्टी से था. अजय पंडिता को आतंकियों ने उनके घर के पास ही गोलियों से भून दिया था. उनकी हत्या के बाद से ही घाटी में सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े हो गए थे. उसके बाद आतंकियों के कई हमले हो चुके हैं.

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