अशोक गहलोत की यू-टर्न सरकार महत्वपूर्ण निर्णय लेने में भी अनिश्चितता से रहती है ग्रसित- सतीश पूनियां

गहलोत सरकार ने राज्य की सीमाओं को सील करने का आदेश कुछ ही देर में बदला, यह आदेश कहीं ना कहीं सरकार की कमजोरियों एवं आशंकाओं को दिखाता है, राज्य के मुखिया जनता का मनोबल कमजोर करने का कर रहे हैं षड़यंत्र- पूनियां

सतीश पूनियां और मुख्यमंत्री गहलोत
सतीश पूनियां और मुख्यमंत्री गहलोत

पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. प्रदेश में बढते कोरोना संक्रमण और दूसरे राज्यों से आ रहे संक्रमित लोगों की रोकथाम को लेकर राज्य सरकार ने बुधवार सुबह राज्य की सभी सीमाओं को सील करने का फैसला लिया. पुलिस महानिदेशक, प्रशासन एम एल लाठर ने पुलिस आयुक्त, रेंज महानिरिक्षकों और सभी जिला पुलिस अधीक्षकों को अन्तर्राज्यीय सीमाओं पर चैक पोस्ट स्थापित करने और आपातकालीन सेवाओं को छोडकर बिना अनुमति प्रदेश में किसी को प्रवेश नहीं देने के आदेश जारी किए. इस आदेश को कुछ ही देर में सरकार ने संशोधित किया और सीमाओं को सील की बजाय कहा गया सीमाओं को सील करने को सीमा पर आवागमन नियंत्रित करना पढा जाए.

राज्य सरकार की ओर से सीमाओं को सील करने के फैसले का कुछ ही देर में बदलने को लेकर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने सीएम गहलोत पर जमकर निशाना साधा. सतीश पूनियां ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की यू-टर्न सरकार महत्वपूर्ण निर्णय लेने में भी अनिश्चितता से ग्रस्त रहती है. राज्य की सीमाएं सील करने जैसे महत्वपूर्ण निर्णय पर भी सरकार का असमंजस तब सामने आया, जब आदेश जारी करने के एक घंटे के भीतर परिवर्तित आदेश भी जारी कर दिया गया.

सतीश पूनियां ने कहा कि राजस्थान की सरकार किस तरह से काम करती है इसकी बानगी एक बार फिर दिखी कि यूटर्न लेने में माहिर राजस्थान के मुखिया और उनकी सरकार पहले प्रदेश की सीमाएं सील करने का आदेश देती है और आदेश की एक लंबी प्रति जारी होती है. इस आदेश से ऐसा इम्प्रेशन गया कि जैसे प्रदेश में कोई आपातकाल आ गया हो, उस आदेश की भाषा आप देखेंगे तो आपके समझ में आ जायेगा. इसके साथ ही पूनियां ने कहा कि सरकर जाने किन चिंताओं एवं आशंकाओं में है, इस सरकार की यूटर्न की बानगी फिर दिखती है कि उसी आदेश को फिर बदला जाता है, फिर यह कहते हैं कि सीमाओं के सील करने के आदेश को सीमाओं पर आवागमन को नियंत्रण पढ़ा जाये.

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मुख्यमंत्री गहलोत की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुये पूनियां ने कहा कि, मुझे लगता है कि इस तरह से अचानक अचंभित करने वाला यह आदेश कहीं ना कहीं सरकार की कमजोरियों एवं आशंकाओं को दिखाता है. राज्य के मुखिया जनता का मनोबल कमजोर करने का षड़यंत्र कर रहे हैं. यह आदेश जारी कर कोविड को रोकने के लिए बहाना किया गया है लेकिन कोविड को रोकने के लिए बहुत से काम हैं जो सरकार को प्राथमिकता से करने चाहिये, लेकिन सरकार की प्राथमिकता कोविड के संक्रमण को रोकने की बजाय आशंकाओं और उन धारणाओं पर ज्यादा है जिससे वह चिंतित है. यह आदेश सरकार की अनेक कमजोरियों को उजागर करता है.

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