AIMIM चीफ और हैदराबाद के लोकसभा सांसद असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने असम (Assam) में NRC लिस्ट जारी होने के बाद बीजेपी को निशाने पर लिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी को सबक सीखना चाहिए. उन्हें हिंदू और मुस्लिम के आधार पर देशभर में एनआरसी की मांग को बंद कर देना चाहिए. उन्हें सीखना चाहिए कि असम में क्या हुआ. अवैध घुसपैठियों का भ्रम टूट गया है. उन्होंने कहा, ये मेरा अपना संदेह है कि बीजेपी नागरिकता संशोधन बिल के जरिए BJP ऐसा बिल ला सकती है, जिससे सभी गैर मुस्लिमों को नागरिकता दे सकती है, जो समानता के अधिकार का उल्लंघन होगा.

असम के मुद्दे पर बात करते हुए ओवैसी ने कहा कि यहां के कई लोगों ने मुझे बताया कि माता-पिता के नाम लिस्ट में हैं जबकि बच्चों के नहीं. उदाहरण देते हुए उन्होंने बताया कि मोहम्मद सनाउल्लाह ने सेना में काम किया. उनका नाम लिस्ट में नहीं है. उनका मामला हाईकोर्ट में लंबित है. मुझे उम्मीद है कि उन्हें न्याय मिलेगा.

बड़ी खबर: असम में NRC की फाइनल लिस्ट जारी, 19 लाख से अधिक लोग सूची से बाहर

वहीं दिल्ली सांसद और बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष मनोज तिवाड़ी ने NRC रिपोर्ट का स्वागत करते हुए कहा कि जिस तरह से असम में एनआरसी लिस्ट जारी हुई, उसी तर्ज पर दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी ने दिल्ली में भी ऐसी लिस्ट बननी चाहिए ताकि यहां पर आए अप्रवासियों की पहचान की जा सके. उनका दावा है कि दिल्ली में हालात खतरनाक स्तर पर पहुंच गए हैं. यहां अवैध रूप से बसे अप्रवासी बड़ा खतरा बन गए हैं. इससे पहले भी कई बीजेपी नेता पूरे देश में एनआरसी लिस्ट बनाने की मांग कर चुके हैं.

बता दें, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने असम में शनिवार को नेशनल रजिस्टर सिटीजन (NRC) की फाइनल लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट से 19 लाख से अधिक लोग बाहर हो गए हैं. इस मसले को सुलझाने के लिए असम सरकार राज्य के 400 विदेशी न्यायाधिकरणों की स्थापना करेगी, ताकि उन लोगों के मामलों से निपटा जा सके, जिन्हें अंतिम राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) से बाहर रखा गया है.

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