अर्नब गोस्वामी के वकील ने मुम्बई पुलिस की मानसिकता पर उठाए सवाल, सही तरीके से जांच नहीं हो रही

हरीश साल्वे ने कहा- पुलिस ने गोस्वामी से 12 घंटे तक पूछताछ की, क्या इस मामले में दर्ज एफआईआर पर पूछताछ के लिए इतने समय की जरूरत है? नहीं है, यही नहीं अर्नब गोस्वामी से उनकी संपादकीय टीम, सामग्री और कंपनी के फंड को लेकर पुलिस ने सवाल पूछे

Arnab And Sonia Supreme
Arnab And Sonia Supreme

पॉलिटॉक्स न्यूज़/दिल्ली. उच्चतम न्यायालय ने निजी समाचार चैनल के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को किसी भी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई से प्राप्त संरक्षण की अवधि सोमवार को हुई सुनवाई के दौरान बढ़ा दी. न्यायालय ने इसके साथ ही अर्नब के समाचार कार्यक्रम के दौरान कुछ टिप्पणियो की वजह से एक समुदाय की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के आरोप में मुंबई पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के लिये उनकी याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली है, जिस पर फैसला बाद में सुनाया जायेगा. न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ और न्यायमूर्ति एम आर शाह की पीठ ने अर्नब गोस्वामी की याचिका पर वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई की. सुनवाई के दौरान अर्नब की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे, केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता और महाराष्ट्र सरकार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल की दलीलों को सुना.

रिपब्लिक टीवी के एडिटर अर्णब गोस्वामी की याचिका पर सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अर्णब की ओर से पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की कथित मानहानि को लेकर उनके क्लाइंट के खिलाफ दर्ज एफआईआर पर सही तरीके से जांच नहीं की जा रही है. साल्वे ने कहा कि मुंबई पुलिस ने अर्णब से 12 घंटे तक पूछताछ की और इस दौरान उनसे यह भी पूछा गया कि चैनल के लिए पैसा कहां से आया.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस एमआर शाह की बेंच ने 14-15 अप्रैल को रिपब्लिक टीवी पर प्रसारित हुए कार्यक्रम को लेकर अर्णब गोस्वामी के खिलाफ 2 मई को मुंबई में दर्ज एफआईआर को रद्द कराने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई की. अर्णब गोस्वामी के वकील हरीश साल्वे ने कहा, ”याचिकाकर्ता के खिलाफ कई एफआईआर दर्ज कराए गए हैं, इस मामले में जांच की प्रकृति ने स्पष्ट कर दिया है कि यह याचिकाकर्ता के खिलाफ एक रणनीति है.”

हरीश साल्वे ने कहा, ”पुलिस ने गोस्वामी से 12 घंटे तक पूछताछ की, क्या इस मामले में दर्ज एफआईआर पर पूछताछ के लिए इतने समय की जरूरत है? नहीं है. यही नहीं अर्नब गोस्वामी से उनकी संपादकीय टीम, सामग्री और कंपनी के फंड को लेकर पुलिस ने सवाल पूछे.”

मुंबई पुलिस की मानसिकता पर सवाल उठाते हुए हरीश साल्वे ने कहा कि जांच सही तरीके से नहीं हो रही है और सर्वोच्च अदालत से इस मामले को देखने की अपील की. साल्वे ने कहा, ”पैसा कहां से आया और इस तरह के अन्य सवाल गोस्वामी से पूछे गए, प्रेस की स्वतंत्रता पर इसका असर हो सकता है.”

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बता दें कि पालघर में दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या के मामले में एक टीवी कार्यक्रम में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अर्णब ने टिप्पणी की थी. टीवी पर बहस करते समय अर्णब गोस्‍वामी ने पूछा था कि इस हत्याकांड पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी चुप क्यों हैं, इससे नाराज कांग्रेसियों ने देश भर में सौ से ज्यादा एफआइआर दर्ज करा दी थीं.

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