Politalks.News/RSS/Rajasthan. बीते सोमवार कोटा दौरे पर रहे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के अखिल भारतीय कार्यकारिणी सदस्य इंद्रेश कुमार ने उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव और किसान नेता राकेश टिकैत पर जमकर हमला बोला. इंद्रेश कुमार ने अखिलेश यादव पर पाकिस्तान परस्त होने का गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि देश की जनता को अखिलेश यादव को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए. इसके साथ ही इंद्रेश ने किसान आंदोलन का जिक्र करते हुए राकेश टिकैत को एक राजनीतिक चुटकुला बता डाला. यह भी कहा कि राकेश टिकैत दिग्विजय सिंह की तरह ही हैं.
कोटा में प्रेस को सम्बोधित करते हुए इंद्रेश कुमार ने किसान आंदोलन से लेकर महंगाई और जनसंख्या नियंत्रण कानून तक पर खुलकर विचार रखे. वहीं जम्मू कश्मीर में हिंदुओं पर हुए हमले पर प्रतिक्रिया देते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि यह सब रुकना चाहिए. यह एक साजिश है जिसका मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारतीयों को आवाज उठानी चाहिए. सिलेक्टिव किलिंग असंवैधानिक, अत्याचार, अन्याय व अपराध है. पाकिस्तान यह कहता है कि कश्मीर के बिना पाकिस्तान अधूरा है, तो भारत के लोगों को भी यह कहने से कोई गुरेज नहीं है कि कराची और लाहौर के बिना भारत भी अधूरा है. इंद्रेश कुमार ने आगे कहा कि भारत की लीडरशिप को विश्व में पहला स्थान मिल रहा है. साथ ही लोगों के बीच यह बात है कि कैलाश मानसरोवर चीन के कब्जे में क्यों रहना चाहिए, वह हमारा है. चीन के कब्जे से हमें लेना चाहिए, यह भी आवाज आने लगी है.
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अखिलेश के व्यवहार को मिलना चाहिए मुंहतोड़ जवाब
उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्रीअखिलेश यादव के हाल ही में जिन्ना पर दिए गए बयान पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि सारे देश ने जाति दल से ऊपर उठकर प्रतिक्रिया दी है. साथ ही अखिलेश यादव अंदर से ही नहीं खुले में भी पाकिस्तान के हिमायती हैं. उन्होंने कहा कि अखिलेश के व्यवहार को मुंहतोड़ जवाब मिलना चाहिए. जिन्ना भारत के विभाजन के कारण बने हैं, जिसके जवाहरलाल नेहरू भी जिम्मेदार हैं. अखिलेश भारत विरोधी और प्रो पाकिस्तानी हो गए हैं.
किसान आंदोलन में एंटीसोशल और एंटीनेशनल
इंद्रेश कुमार ने किसान आंदोलन पर कहा कि यह महिला उत्पीड़न, नौजवानों की हत्या और जनता की परेशानी उसमें घुस गई है. इंद्रेश ने कहा कि किसान आंदोलन एंटीसोशल और एंटीनेशनल भी हो गया है. किसान नेताओं को राजनीतिक दल के एजेंडे के हस्तक नहीं बनना चाहिए. सरकार उनकी बात मानने के लिए तैयार थी. पहले समाधान भी हो गया था, लेकिन अचानक से ही उन्होंने तीनों कानून वापस लेने की मांग शुरू कर दी. जब सरकार ने नया प्रारूप मांगा तो वह भी नहीं दे रहे हैं. अब इन लोगों के साथ कोई खड़ा भी नहीं होता है. देश इनके साथ नहीं है. उन्होंने चार बार भारत बंद का आयोजन किया, लेकिन लोग साथ नहीं खड़े हुए हैं.
पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों का किया समर्थन
बढ़ती महंगाई और पेट्रोल-डीजल के दामों पर इंद्रेश कुमार ने कहा कि विपक्षी दल और जिन देशों के पास इसका कंट्रोल है, वह भारत को प्रगतिशील देश बनता हुआ नहीं देखना चाहते हैं. यह लोग हमें प्याज, टमाटर और शुगर की बढ़ती कीमतों पर राजनीतिक कर उलझाना जाना चाहते हैं. भारत भी इसे सस्ता करने के लिए ही संघर्ष करता रहता है, लेकिन ऐसी खतरनाक सियासत से विपक्षी दलों को भी दूर रहना चाहिए. जब इंद्रेश कुमार से कहा गया कि केंद्र के पेट्रोल डीजल से वैट कम करने के बाद भाजपा ने राजस्थान में इसे कम करने की मांग की है, तब उन्होंने जवाब दिया कि मेरा कहना है कि इसे पॉलिटिकल इश्यू बनाने की जगह इस पर विचार करना होगा. सभी राजनीतिक पार्टियों को महंगाई के मुद्दे पर एक साथ आकर खड़ा होना होगा.
एक प्रधानमंत्री थे जो 85 फीसदी भ्रष्टाचार की बात करते थे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ करते हुए इंद्रेश कुमार ने कहा कि हमने ऐसा प्रधानमंत्री देखा है जो अब दो हजार रुपए भेजते थे, तो पूरे दो हजार जा रहे हैं. यहां तक कि बैंक ट्रांजैक्शन का भी कोई चार्ज नहीं लिया जा रहा है. जबकि कुछ सालों पहले एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि हम 100 रुपए भेजते हैं तो 15 रुपये ही नीचे तक पहुंचते हैं. इसमें 85 फीसदी भ्रष्टाचार की बात उन्होंने स्वीकारी थी. साथ ही इंद्रेश कुमार ने कहा कि बीते 7 सालों में कोई बड़े दंगे नहीं हुए हैं. दूसरे दलों की कोशिश के चलते ही कुछ दंगे हुए हैं. कई जगह पर मजहबी उन्माद फैलाया गया, फिर भी दंगे नहीं हुए.