विधानसभा और लोकसभा के बाद अब राज्यसभा में गूंजा फ़ोन टैपिंग का मुद्दा, भूपेंद्र यादव ने लगाए आरोप

भूपेंद्र यादव द्वारा राजस्थान की गहलोत सरकार और कांग्रेस पर लगाए आरोपों पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा सहित अन्य कांग्रेसी सांसदों ने जताई कड़ी आपत्ति, जिसके चलते राज्यसभा में हुआ हंगामा भी

राज्यसभा में गूंजा फ़ोन टैपिंग का मुद्दा
राज्यसभा में गूंजा फ़ोन टैपिंग का मुद्दा

Politalks.News/Rajasthan/Delhi. राजस्थान विधानसभा में गहलोत सरकार के खिलाफ उठा फोन टैपिंग का मुद्दा पहले लोकसभा और अब राज्यसभा में भी गुंजा. लोकसभा में चित्तौड़गढ़ विधायक सीपी जोशी द्वारा फोन टैपिंग का मुद्दा उठाए जाने के बाद अब आज यानी शुक्रवार को राज्यसभा में राजस्थान से सांसद भूपेंद्र सिंह यादव ने फोन टैपिंग का मामला उठाते हुए राजस्थान सरकार और कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए. हालांकि भूपेंद्र यादव के आरोपों पर कांग्रेस सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा सहित अन्य कांग्रेसी सांसदों ने कड़ी आपत्ति जताई, जिसके चलते राज्यसभा में हंगामा भी हुआ.

आपको बता दें, फोन टैपिंग मुद्दे पर राजस्थान विधानसभा में गहलोत सरकार के कबूलनामे के बाद उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को विधानसभा में बीजेपी विधायकों द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा की मांग को लेकर दिनभर हंगामा हुआ. वहीं दूसरे दिन गुरुवार को फोन टैपिंग मुद्दे पर चर्चा के दौरान भी कई बार हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन की कार्यवाही दोनों दिन कई बार स्थगित करनी पड़ी.

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शुक्रवार को राज्यसभा सांसद भूपेंद्र यादव ने फोन टैपिंग का मुद्दा उठाते हुए कहा कि संविधान का आर्टिकल-21 सबको जीवन और स्वतंत्रता का अधिकार देता है. यादव में कहा कि इंडियन टेलीग्राफ एक्ट में प्रावधान है कि बिना अनुमति किसी का भी फोन टैप नहीं किया जा सकता. भूपेंद्र यादव ने राजस्थान सरकार पर बिना अनुमति असंतुष्ट विधायकों, विपक्षी विधायकों और नागरिकों के फोन टैप करने के आरोप लगाए. इस दौरान यादव के आरोपों पर राज्यसभा में हंगामा भी हुआ, जिस पर सभापति ने किसी पर व्यक्तिगत आरोप नहीं लगाने के निर्देश दिए. इसके साथ ही सभापति ने कहा कि इन्होंने केवल फैक्ट रखे हैं, किसी सरकार या पार्टी पर आराेप है तो वे रिकॉर्ड पर नहीं जाएंगे. भूपेंद्र यादव ने फिर कहा कि राजस्थान में नागरिकों के संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, इस पर ध्यान दिया जाना चाहिए.

गौरतलब है कि बीते साल अगस्त में विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान भाजपा विधायक कालीचरण सराफ द्वारा पूछे गए सवाल का वर्तमान षष्ठम सत्र में गृहविभाग द्वारा दिया गया, जिसको विधानसभा की वेबसाइट प्रकाशित किया गया था. इसमें सरकार ने माना कि सक्षम अधिकारी से मंजूरी के बाद फोन टैप किए गए. हालांकि, इस जवाब में जनप्रतिनिधियों के फोन टैप का उल्लेख कहीं नहीं था. इसके बाद भाजपा ने विधानसभा में इस मुद्दे पर जमकर हंगामा भी किया था.

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वहीं राजस्थान विधानसभा के साथ-साथ लोकसभा में भी यह मुद्दा सांसद सीपी जोशी द्वारा उठाया जा चुका है. बता दें, भाजपा फोन टैपिंग मामले की सीबीआई जांच की मांग कर रही है. इस पर विधानसभा में फोन टैपिंग पर हुई बहस में संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा था किसी जनप्रतिनिधि का फोन टैप नहीं हुआ. हालांकि मंत्री धारीवाल ने यह भी माना कि मुख्यमंत्री के ओएसडी ने ऑडियो क्लिप वाट्सएप ग्रुप पर भेजा था, लेकिन साथ यह भी कहा कि यह गलत नहीं था.

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