नशे में धुत बिना मास्क लगाए थाने पहुंचे नेताजी, जमकर किया हंगामा, कहा- ‘मैं हूं परशुराम, मुझे मत जगाओ’

आखिर ऐसा क्या हुआ कि पूर्व महापौर ने सोशल डिस्टेन्सिंग की उड़ाई सारी धज्जियां, मेडिकल कराने की बात पर भड़के पत्रकार पर भी...

Subhas Sharma Mp Bjp
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पॉलिटॉक्स न्यूज/एमपी. वैसे तो बीजेपी के सभी नेता लॉकडाउन के पक्ष में हैं और इसका बखूबी पालन भी कर रहे हैं लेकिन मध्यप्रदेश के एक पूर्व महापौर ने न केवल लॉकडाउन की धज्जियां उड़ा दी, बल्कि पत्रकारों को धमकी तक दे दी कि मैं परशुराम हूं और मुझे जगाओ मत. इतना ही नहीं, वे आधी रात नशे की हालत में एक गायब बछड़े की रिपोर्ट लिखवाने पुलिस स्टेशन पहुंच गए और रुआब दिखाते हुए थाने में जमकर हंगामा भी किया, मामला देवास जिले का है.

दरअसल हुआ कुछ यूं कि मध्यप्रदेश के देवास जिले में बीजेपी नेता और पूर्व महापौर सुभाष शर्मा आधी रात को एक गायब बछड़े की रिपोर्ट लिखवाने सिविल लाइंस थाने पहुंच गए. इस दौरान न तो उन्होंने मास्क पहना था और न ही सोशल डिस्टेन्सिंग का पालन करते दिखे. बताया जा रहा है कि महोदय नशे में भी थे.

थाने पहुंचने पर उन्होंने थाने के टीआई के बारे में पूछा जो उस समय वहां नहीं थे. थाने के पुलिसकर्मी ने उन्हें बताया गया कि वे अभी नहीं हैं, लेकिन 15 मिनट में यहां पहुंच जाएंगे. इतना सुनना था कि पूर्व महापौर साहब भड़क गए और रूबाब झाड़ते हुए कहने लगे कि लॉकडाउन के बीच टीआई अपने घर कैसे चले गए? वहां मौजूद पत्रकारों के सामने वे जोर जोर से कहने लगे कि ये बात नोट कर ली जाएं कि टीआई गायब हैं और लॉकडाउन में वे उज्जैन अपने घर चले गए हैं. इस बार को लेकर उन्होंने थाने में जमकर बवाल मचाया.

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जब पत्रकारों ने उनसे सवाल किया कि वह इतनी रात यहां क्यों आए तो पूर्व महापौर ने कहा कि उनकी गाय का बछड़ा गुम हो गया है और उसकी रिपोर्ट लिखवाने आया हूं. इसी बीच एक पत्रकार पूछ बैठा कि लोग कह रहे हैं आप और आपके साथी नशे में हैं? इस पर महोदय बुरी तरह भड़क गए और चिल्लाते हुए कहने लगे कि किसने नशा किया हुआ है? पत्रकारों ने पी रखी है क्या?

स्थानीय पत्रकार भी नेताजी से दो कदम आगे और हाजिर जवाब निकला. पत्रकार ने उनसे कहा कि आइए, चल कर मेडिकल करा लिया जाए. इस पर पूर्व महापौर साहब और नाराज हो गए और गुस्से में भरकर कहने लगे ‘चलो, मेरा मेडिकल करा लो. मैं मेडिकल करा लेता हूं. लेकिन एक बात ध्यान में रखाना कि मैं परशुराम हूं, मुझे जगाओ मत‘.

इतना कहकर नेताजी ने न तो मेडिकल कराया और न ही रिपोर्ट लिखवाई और भड़भड़ाते हुए अपनी गाड़ी में बैठकर निकल लिए. वहीं, इस घटना को लेकर अफसरों ने जांच की बात कही है.

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