वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम 6 महीनों के 99% फैसलों को सही माना गहलोत सरकार ने, केवल 8 फैसलों को किया निरस्त

संस्थाओं को जनउपयोगी भवन के लिए जमीनों का आवंटन, 28 लाख किसानों की 50 हजार तक की कर्जमाफी सहित 1059 प्रकरणों में दी सहमति जबकि खेत में मिनरल्स मिलने पर निजी खातेदारों को स्वामित्व देने और ओल्ड एमआरईसी कैंपस में हो रहे फ्लैट निर्माण को माना गलत

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजनीति में बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं को एक-दूसरे का घुर विरोधी समझा जाता है लेकिन राजस्थान में कांग्रेस की अशोक गहलोत सरकार ने बीजेपी की पिछली वसुंधरा राजे सरकार के समय के 1059 फैसलों को सही माना है. वसुंधरा राजे सरकार के अंतिम छह माह के कार्यकाल में लिए गए निर्णयों की समीक्षा के लिए गठित की गई मंत्रिमंडलीय समिति ने 1067 में से 1059 फैसलों को सही माना है. स्वायत्त शासन मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में गठित समिति अगले कुछ दिनों में अपनी रिपोर्ट मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को सौंप देगी.

बता दें, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शपथ ग्रहण करने के तुरंत बाद पूर्ववर्ती वसुंधरा राजे सरकार द्वारा अंतिम 6 महीने के अंदर लिए गए निर्णयों की समीक्षा के लिए यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल की अध्यक्षता में कैबिनेट सब कमेटी का गठन किया था. इस कमेटी में मंत्री डॉ. बीडी कल्ला, गोविंद डोटासरा और रमेश मीणा को शामिल किया गया था. एक साल से अधिक समय में कैबिनेट सब कमेटी ने 8 बैठकें की. इनमें कुल 1067 प्रकरण कमेटी के सामने रखे गए थे. जिसमें से कमेटी ने 8 प्रकरण निरस्त कर दिए जबकि 1059 को सही मान लिया है.

बता दें, इस गठित कैबिनेट सब कमेटी की बुधवार को सचिवालय में अंतिम बैठक हुई. यह बैठक महज 5 मिनट में समाप्त हो गई. कैबिनेट सब कमेटी ने वसुंधरा सरकार के अधिकांश फैसलों को क्लीन चिट देने के साथ ही कैबिनेट सब कमेटी ने अपना कामकाज भी पूरा कर दिया है. कैबिनेट सब कमेटी के अध्यक्ष यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कमेटी जल्द ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी.

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प्राप्त जानकारी के अनुसार कैबिनेट सब कमेटी ने आठ मैराथन बैठकों के बाद वसुंधरा राजे सरकार के मात्र 8 फैसलों को सही नहीं मानते हु उनको निरस्त करने पर सहमति दे दी है. कैबिनेट सब कमेटी ने वसुंधरा सरकार के जिन 1059 फैसलों को क्लीन चिट दी है उनमें अधिकांश सामाजिक संस्थाओं को जनउपयोगी भवन निर्माण के लिए जमीनों का आवंटन, 28 लाख किसानों की 50 हजार तक की कर्जमाफी, पुष्कर का विकास सहित कई मामले शामिल हैं. समिति ने 6 मामलों में दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए लिखा है, वहीं 30 विभाग ऐसे रहे जिनमें समीक्षा योग्य बिन्दु ही नहीं पाए गए. इन विभागों में पिछली सरकार के अंतिम छह माह में ऐसे कोई निर्णण नहीं लिए गए जिनमें कोई छूट दी गई हो. 21 विभागों के बिंदुओं की पूरी समीक्षा की गई. इसके अलावा 12 विभागों की सूचना तो मिली लेकिन समय की कमी के चलते समिति उन्हें देख नहीं सकी, जबकि 14 विभागों की सूचना ही नहीं मिली.

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वहीं कैबिनेट सब कमेटी ने जयपुर के ओल्ड एमआरईसी कैंपस में हो रहे फ्लैट निर्माण को गलत माना है. वसुंधरा सरकार ने इस बारे में निर्णय लिया था. खेत में मिनरल्स मिलने पर निजी खातेदारों को स्वामित्व देने के वसुंधरा सरकार के निर्णय को भी कमेटी ने गलत माना है. इसी तरह उर्जा विभाग में 33 केवी के संयंत्र खरीद के निर्णय को भी बदले जाने पर सहमति जताई है. कैबिनेट सब कमेटी ने अनौपचारिक रूप से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समीक्षा को लेकर जानकारी दे दी है. अब औपचारिक रिपोर्ट सौंपी जाएगी.

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