दिल्ली की हार के साथ हरियाणा की खीज भी निकाली पूर्व सीएम हुड्डा ने, कहा- दिल्ली में भी कांग्रेस ने देर से लिए फैसले

कांग्रेस के दिल्ली में सरेंडर करने के सवाल को टाल गए वरिष्ठ कांग्रेसी नेता, देश की राजधानी में पार्टी की हार पर नसीहत देते हुए कहा कि सभी बातों पर मंथन की जरूरत

भूपेंद्र सिंह हुड्डा
भूपेंद्र सिंह हुड्डा

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा (Bhupindra Singh Hooda) ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधते हुए कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली की हार के बाद कांग्रेस के लिए गंभीर आत्मचिंतन और मंथन का वक्त है. हुड्डा ने ये भी कहा कि हरियाणा की तरह दिल्ली में भी कांग्रेस ने देर से फैसले लिए, इस कारण से इस तरह के परिणाम आए. दिल्ली में कांग्रेस पार्टी (Congress) की हार को लेकर नसीहत देते हुए हुड्डा ने कहा कि अगर फैसले समय से लिए जाते तो निश्चित तौर पर नतीजे कुछ अलग होते.

हरियाणा के पूर्व सीएम हुड्डा (CM Hooda) ने कहा कि इन नतीजों पर पार्टी को जरूर मंथन करना चाहिए और देखना चाहिए कि कांग्रेस की देश को जरूरत है. हुड्डा से कहा कि कुछ ऐसे फैसले पार्टी ने लिए हैं जिसका खामियाजा उठाना पड़ा है. लेकिन ये सब कुछ अब आलाकमान को देखना है. दिल्ली और हरियाणा में भी अगर कुछ फैसले पहले लिए जाते तो निश्चित तौर पर नतीजे कुछ और होते.

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जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा से सवाल किया गया कि जिस तरह से कुछ कांग्रेस के नेता इसी बात से खुश हैं कि बीजेपी दिल्ली में हार गई और कांग्रेस के सरेंडर करने का फायदा आम आदमी पार्टी को मिला. इस सवाल को टालते हुए भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने सिर्फ इतना कहा कि बिल्कुल इन सब बातों पर मंथन करने की आवश्यकता है. जो बातें सामने आई है उनका समाधान करना चाहिए.

बता दें, दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election-2020) में आम आदमी पार्टी ने 70 में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खाते में 8 सीटें गई हैं. केजरीवाल को लगातार दूसरी बार दिल्ली विधानसभा में अजेय बहुमत मिला है. कांग्रेस का लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनावों में खाता तक नहीं खुल पाया. 2015 के दिल्ली विधानसभा चुनावों में भी कांग्रेस को खाली हाथ रहना पड़ा था. उस समय आप ने 70 में से 67 सीटों पर कब्जा जमाया जबकि तीन सीटें बीजेपी के खाते में आई थी.

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