विशेष श्रेणी के लोगों को कब मिलेगा राशन, सचिन पायलट अपनी सरकार से जारी करवायें पैकेज- पूनियां

जनहित के मुद्दों को लेकर प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में अंतर है और विशेष श्रेणी के नाम पर खाद्यान वितरण को लेकर जरूरमंद लोगों के साथ छलावा कर रही है, केन्द्र सरकार को लेकर पायलट के बयान पर सतीश पूनियां ने किया पलटवार

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पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कोरोना संकट के इस समय में भी राजस्थान में राजनीतिक बयानबाजी का दौर अनवरत जारी है. बुधवार को प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए कहा कि जनहित के मुद्दों को लेकर प्रदेश सरकार की कथनी और करनी में अंतर है और विशेष श्रेणी के नाम पर खाद्यान वितरण को लेकर राजस्थान सरकार जरूरमंद लोगों के साथ छलावा कर रही है. इसके साथ पूनियां ने डिप्टी सीएम व पीसीसी चीफ सचिन पायलट द्वारा केंद्र सरकार की मजदूरों के लिए कोई राष्ट्रव्यापी नीति नहीं होने को लेकर दिए गए बयान पर कटाक्ष करते हुए पूनियां ने कहा कि केंद्र सरकार से मांग करने वाले सचिन पायलट अपने मुख्यमंत्री से कहें की मोदी सरकार ने राजस्थान को बहुत कुछ दिया है.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कहा कि गहलोत सरकार झूठी वाहवाही लूटने के लिए सरकारी पैसों का दुरुपयोग कर विज्ञापन देने में मस्त हैं और राजस्थान की जनता त्रस्त है. प्रदेश में विशेष श्रेणी के लोग महीनेभर से ज्यादा समय से इंतजार कर रहे हैं कि उन्हें कब खाद्यान मिलेगा? पूनियां ने कहा कि कोरोना काल में प्रवासी लोगों के लिए भी 3 महीने का निशुल्क राशन देने का केंद्र के स्तर पर निर्णय हुआ है. गहलोत सरकार ने कई नोटिफिकेशन जारी कर करीब 37 प्रकार के कामगारों को विशेष श्रेणी का पात्र माना है, लेकिन अफसोस की बात यह है कि अब तक किसी को भी राशन नहीं मिला और ना ही जिस मोबाइल एप के जरिये इनका पंजीयन होना था वो धरातल पर कहीं नजर नहीं आ रहा है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर आरोप लगाते हुए पूनियां ने कहा कि विशेष श्रेणी के लोगों को राशन सामग्री देने को लेकर राज्य सरकार बार-बार गुमराह कर रही है, जिसमें 21 मई के नोटिफिकेशन में तीन दिन में सर्वे पूरा कर खाद्यान देने बात कही गई. लेकिन इससे बड़ा छलावा क्या होगा कि 24 मई से एप पर पंजीयन करना, यानि सर्वे पूरा करने तक की तारीख के दिन तो एप पर पंजीयन की प्रक्रिया शुरू होने की बात कही जा रही है और अभी सर्वे के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. ऐसे में विशेष श्रेणी के लोग कब तक खाद्यान का इंतजार करेंगे, इसको लेकर राज्य सरकार जवाब दे.

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पूनियां ने कहा कि लॉकडाउन को दो महीने से अधिक हो गये हैं, राजस्थान सरकार इस दौरान प्रबंधन में पूरी तरह से विफल हुई है. गहलोत सरकार ने अनेक आश्वासन और झांसों के बाद सबसे ज्यादा झूठ किसी से बोला है तो वो विशेष श्रेणी के लोग हैं, जिनकी सुध सरकार को दो महीने से नहीं आई है. विशेष श्रेणी के हर व्यक्ति को 5 किलो गेहूं उपलब्ध करवाने की बात कही जा रही है, लेकिन बार-बार आदेश निकालकर सर्वे कर उसके लिए राज्य सरकार ने मोबाइल एप एवं ई-मित्र के माध्यम से रजिस्ट्रेशन की बात कही थी, लेकिन आश्चर्य की बात है कि सर्वे ही डेढ महीने बाद किया जा रहा है. ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि आखिर कब इन लोगों को राशन मिलेगा या सिर्फ प्रदेश की सरकार सर्वे में ही इनको उलझाकर रखेगी?

पूनियां ने आगे कहा कि कर्नाटक और हिमाचल की भाजपा सरकार अपने नागरिकों के लिए राहत पैकेज की घोषणा कर चुकी है. अब राजस्थान की गहलोत सरकार भी इन राज्यों की तरह पैकेज की घोषणा करे. कर्नाटक सरकार ने 1610 करोड़ रुपए के पैकेज का एलान किया है. लॉकडाउन की वजह से जिनकी आजीविका प्रभावित हुई है ऐसे नाई, धोबी, आटो और टैक्सी चालकों को वहां की सरकार प्रतिव्यक्ति 5 हज़ार रुपए देगी. छोटे से राज्य हिमाचल प्रदेश की सरकार ने 500 करोड़ रुपए के राहत पैकेज का एलान किया है जिसमें वो भवन निर्माण से जुड़े 1 लाख 50 हज़ार लोगों को 2 हज़ार रुपया दे रही है, इसके साथ ही लक्षित कार्डधारकों को दो महीने का आटा और चावल सहित सारा राशन उपलब्ध करवा रही है.

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वहीं डिप्टी सीएम व पीसीसी चीफ सचिन पायलट पर पलटवार करते हुए पूनियां ने कहा कि केंद्र सरकार से मांग करने वाले सचिन पायलट अपने मुख्यमंत्री से कहें की मोदी सरकार ने राजस्थान को बहुत कुछ दिया है. राजस्थान सरकार का सारा राहत अभियान ही केंद्र सरकार के दिए पैसे से चला है. मोदी सरकार तो तीन महीने से राज्य के 1 करोड़ 52 लाख खातों में प्रतिमाह 500 रुपए डाल रही है , राज्य के 61 लाख परिवारों को तीन महीने से मुफ्त गैस सलेंडर दे रही है. प्रदेश के 50 लाख से ज़्यादा किसानों के खाते में 2 हज़ार रुपए डाले है. श्रमिकों को परिवार सहित 2 महीने का मुफ्त राशन दे रही है. ठेले, रेडी, फ़ुटपाथ पर दुकान चलाने वाले छोटे कामगारों को 10 हज़ार रुपए का लोन अपनी गारंटी पर दे रही है. मनरेगा की मज़दूरी प्रतिदिन 182 रुपए से बढ़ा कर 202 रुपए की, मनरेगा के पूर्व घोषित 61 हज़ार करोड़ रुपए के बजट को बढ़ा कर 1 लाख करोड़ से ज़्यादा किया है. मनरेगा में काम करने वाले मज़दूर को कंद्र सरकार ने पूरे देश में कहीं भी रजिस्टर्ड होने की छूट दी है.

इसके साथ ही पूनियां ने कहा कि केंद्र सरकार तो अपने नागरिकों के लिए बहुत कुछ कर रही है. अब बारी राज्य सरकार की है, उसे तुरंत तीन महीने के पानी-बिजली के बिल माफ़ करने की घोषणा करनी चाहिए. साथ ही समाज के हर वर्ग के लिए एक बड़े राहत पैकेज की घोषणा करनी चाहिए.

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