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छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वतंत्रता सैनानी और हिंदू महासभा के नेता विनायक दामोदर सावरकर पर एक विवादित बयान देकर सुर्खियों में आ गए हैं. आज वीर सावरकर की जयंती है और बघेल ने सोमवार को नेहरू की पुण्यतिथि पर आयोजित एक कार्यक्रम में सावरकर पर बयान देते हुए कहा, ‘सावरकर ने सबसे पहले दो राष्ट्र का सिद्धांत दिया जिसे बाद में मोहम्मद अली जिन्ना ने अपनाया.’ बघेल के इस बयान से अब बवाल मच गया है.

भूपेश बघेल ने कहा, ‘हिंदू महासभा के नेता विनायक दामोदर सावरकर ने धर्म आधारित हिंदू और मुस्लिम राष्ट्र की कल्पना की थी. बीजारोपण सावरकर ने किया था और उसे पूरा करने का काम जिन्ना ने किया. सावरकर ने देश की आजादी के लड़ाई जरूर लड़ी, लेकिन जेल जाने के बाद माफी के लिए अंग्रेजों को दर्जनों पत्र लिखे. जेल से छूटने के बाद वे आजादी के आंदोलन में शामिल नहीं हुए.’ यही नहीं, बघेल ने बयानों के जरिए सावरकर पर धार्मिक आधार पर देश बांटने का आरोप भी लगाया.

बता दें, बंटवारे के लिए भारत ‘जिन्ना’ और उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को जिम्मेदार मानता है, लेकिन कांग्रेस नेता और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इतिहास के पन्नों को पलटते हुए नए विवाद को फिर से हवा दे दी. हाल ही में कांग्रेस का लोकसभा चुनावों में प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है. अभी कांग्रेस अपनी शर्मनाक हार का ठीक से विश्लेषण भी नहीं कर पाई है. ऐसे में भूपेश बघेल ने वीर सावरकर का नाम लेकर नए बवाल के लिए नई जमीन तैयार कर दी है.

वहीं दूसरी ओर, नरेंद्र मोदी ने वीर सावरकर को श्रद्धांजलि देते हुए अपने आॅफिशियल ट्वीटर हैंडल से एक वीडियो अपलोड किया है.

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