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उत्तरप्रदेश की योगी सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. अब यूपी में गैर जमानती अपराधों में भी अपराधियों को जमानत मिल सकेगी. साथ ही अग्रिम जमानत की सुनवाई के दौरान अभियुक्त का उपस्थित रहना आवश्यक नहीं है. आवेदक मामले से जुड़े गवाहों और अन्य व्यक्तियों को अब धमका नहीं सकेंगे और न ही किसी तरह का प्रलोभन दे सकेंगे.

हालांकि योगी सरकार नें अग्रिम जमानत के फैसले का उपयोग अपराधी कई धाराओं में नहीं कर पाएंगे. फैसले के मुताबिक, अग्रिम जमानत की व्यवस्था आतंकी गतिविधियों, नारकोटिक्स एक्ट, गैंगस्टर एक्ट, एससी-एसटी एक्ट और मौत की सजा से जुड़े मुकदमों में लागू नहीं होगी. सरकार ने अग्रिम जमानत के फैसले में गंभीर अपराधों को बाहर रखा है.

अग्रिम जमानत के नए नियम के मुताबिक, अग्रिम जमानत के लिए आए आवेदन का 30 दिन के भीतर निस्तारण करना होगा. अग्रिम जमानत से जुड़े मामलों में कोर्ट अपराध की गंभीरता, आवेदक के इतिहास, उसकी न्याय से भागने की प्रवृत्ति और आवेदक को अपमानित करने के उद्देश्य से लगाए गए आरोप पर विचार कर उसके आधार पर अपना फैसला ले सकती है.

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