फिर टली गुनहगारों की फांसी, भावुक हुई निर्भया की मां बोली संघर्ष रखूंगी जारी

दोषियों के वकील एपी सिंह ने मुझे चुनौती देते हुए कहा था कि उन चारों को कभी भी फांसी नहीं दी जाएगी लेकिन मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी: निर्भया की मां

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. एक फरवरी को होने वाली निर्भया के दोषियों की फांसी एक बार फिर टल गई. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश जारी होने तक चारों दोषियों की फांसी पर रोक लगा दी है. कोर्ट के फैसले के बाद भावुक होते हुए निर्भया की मां ने संघर्ष जारी रखने की बात कहते हुए बताया कि दोषियों के वकील एपी सिंह ने मुझे चुनौती देते हुए कहा था कि उन चारों को कभी भी फांसी नहीं दी जाएगी लेकिन मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी. सरकार को दोषियों को फांसी देनी होगी. बता दें, गुनहगारों की फांसी दूसरी बार टली है. इससे पहले 22 जनवरी को भी चारों दोषियों की फांसी तय हुई थी, इस डेथ वारंट को दोषियों की भी कुछ अर्जियों का निपटारा नहीं होने के चलते कोर्ट को स्थगित करना पड़ा था.

कोर्ट ने फांसी टालने के लिए नियम 836 का हवाला देते हुए बताया कि अगर दया याचिका लंबित है तो दोषी को फांसी नहीं दी जा सकती. फिलहाल विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है. विनय ने फांसी पर रोक लगाने की मांग की है. कोर्ट ने विनय की दया याचिका पर तिहाड़ प्रशासन से रिपोर्ट मांगी है. एक अन्य दोषी पवन के नाबालिग होने को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल की गई थी, हालांकि कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. वहीं गुरुवार को दोषी अक्षय की क्यूरेटिव याचिका को भी सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था. विनय और मुकेश की क्यूरेटिव याचिका पहले ही सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है. अब केवल पवन के पास क्यूरेटिव याचिका दाखिल करने का विकल्प है.

यह भी पढ़ें: दिल्ली में चली एक गोली ने खड़े किए सैकड़ों सवाल, हवा में घुल रहा नफरत का ‘वायरस अटैक’

कोर्ट में दोषियों के वकील एपी सिंह ने एक तरह से निर्भया के गुनहगारों ने फांसी की सजा को टालने के लिए हरसंभव कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल किया. सिंह ने अदालत से कहा कि विनय की दया याचिका राष्ट्रपति के पास लंबित है. ऐसे में फांसी को स्थगित कर दिया जाए. इसी मामले में वकील वृंदा ग्रोवर ने कहा कि इस मामले में फांसी अलग-अलग नहीं दी जा सकती है. नियम के हिसाब से भी किसी भी एक मामले में दोषियों को अलग-अलग फांसी नहीं दी सकती, जब तक कि सभी दोषियों की सभी याचिकाओं का निपटारा न हो जाए. वृंदा ग्रोवर ने ये भी कहा कि रिकॉर्ड टाइम में क्यूरेटिव और दया याचिका लगाई गई है. इसलिए ये गलत है कि मामले को लंबा खींचने के लिए याचिकाओं को लगाया जा रहा है.

दूसरी ओर, निर्भया की वकील सीमा ने कहा कि सभी दोषियों ने इस मामले को लंबा खींचने का लगातार सालों से कोशिश की है और अभी भी वहीं कर रहे है. जब तक पटियाला हाउस कोर्ट ने इस मामले में डेथ वारंट जारी नहीं कर दिया, इन लोगों ने कोई याचिका नहीं लगाई. अब ये याचिका लगाकर मामला खींच रहे हैं.

वक़ील सीमा ने वृंदा ग्रोवर से पूछा है कि वे इस मामले में मुकेश की तरफ से पेश हो रही है या फिर एमिकस क्यूरी के तौर पर पेश हो रही है. अगर मुकेश की तरफ से पेश हो रही है तो फिर उनको सुना ही नहीं जाना चाहिए, क्योंकि उसकी सभी याचिका खारिज हो चुकी है. अगर एमिकस के तौर पर पेश हो रही है तो फिर ये फांसी का विरोध कैसे कर सकती हैं क्योंकि एमिकस का काम तो कोर्ट को असिस्ट करना होता है. हालांकि वृंदा की ओर से इस बारे में कोई बयान अभी तक नहीं आया है. याद दिला दें, वृंदा ग्रोवर वही वकील हैं जिन्होंनेे निर्भया की मां से दोषियों को माफ करने की बात कही थी.

Leave a Reply