तीसरे चरण में 64.96% मतदान के साथ प्रदेश में पंचायतीराज चुनाव का दूसरा दौर खत्म, 4 को आएंगे नतीजे

प्रदेश छह जिलों जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, सिरोही जिले में पंचायत राज और जिला परिषद सदस्यों के लिए तीसरे और अंतिम चरण का मतदान बुधवार को हुआ संपन्न, डोटासरा ने किया कांग्रेस की जीत का दावा तो शेखावत ने याद दिलाए पिछले 21 जिलों में हुए चुनाव के नतीजे

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश के 6 जिलों में तीन चरणों मे हुए पंचायतीराज चुनाव का दूसरा दौर सम्पन्न हो चुका है. प्रदेश छह जिलों जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, सवाई माधोपुर, दौसा, सिरोही जिले में पंचायत राज और जिला परिषद सदस्यों के लिए तीसरे और अंतिम चरण का मतदान बुधवार को संपन्न हो गया. हालांकि दूसरे चरण के मुकाबले तीसरे चरण में एक फीसदी कम यानी 64.96% मतदान हुआ. तीसरे चरण में 25 पंचायत समितियों के 507 सदस्यों और उनसे संबंधित जिला परिषद सदस्यों के लिए मतदान हुआ है, जिसमें 1772 प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला 25 लाख से ज्यादा मतदाताओं ने EVM में कैद कर दिया. आपको बता दें, तीसरे चरण में सात उम्मीदवार निर्विरोध चुने गए थे.

प्रदेश के 6 जिलों की 25 पंचायत समितियों के 507 सदस्यों और उनसे संबंधित जिला परिषद सदस्यों के लिए हुए चुनाव में सर्वाधिक मतदान जयपुर जिले चाकसू पंचायत समिति में हुआ जहां 73.15 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया. तीन चरणों में हुए चुनाव का परिणाम अब 4 सितंबर को सुबह 9 बजे से जारी होगा. चुनाव से पहले और बाद में कांग्रेस-बीजेपी की तरफ से अपने-अपने दावे किए जा रहे हैं. यहां आपको बता दें कि पिछली बार 21 जिलों में चुनाव हुए थे तो इस बार तीन चरणों में छह जिलों में ये चुनाव संपन्न हुए.

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गांव की सरकार के चुनाव से पहले और बाद भी कांग्रेस और बीजेपी ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है. पीसीसी चीफ गोविन्द सिंह डोटासरा तो लगातार प्रदेश में मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी को घेरने की कोशिश करते दिखे और इस बार के पंचायत चुनाव में बड़ी जीत का दावा किया है. वहीं दूसरी तरफ केन्द्रीय मन्त्री और जोधपुर से सांसद गजेन्द्र सिंह शेखावत ने कहा कि प्रदेश में हर पांच साल में राज्य सरकार बदलने की परम्परा है तो पंचायतीराज चुनाव में सत्ताधारी पार्टी को बढ़त मिलने की परिपाटी भी रही है. पिछली बार 21 जिलों में हुए चुनाव के नतीजे कांग्रेस को याद दिलाते हुए केन्द्रीय मन्त्री शेखावत ने कहा कि पिछली बार जनता ने कांग्रेस को 21 में से 5 जिला परिषद में ही मौका दिया था. शेखावत ने कहा कि पिछली बार पंचायतीराज चुनाव में सत्ताधारी दल को नकारते हुए जनता ने अनूठा इतिहास बनाया था. केन्द्रीय मन्त्री ने कहा कि लोकसभा के चुनाव में प्रदेश की जनता ने जो फैसला सुनाया था. उसी पर कायम रहते हुए पिछली बार पंचायतीराज के चुनाव में भी बीजेपी के पक्ष में ही खड़ी दिखी.

सूत्रों की माने तो प्रदेश के 6 जिलों में हुए पंचायत चुनाव में सत्तारूढ़ कांग्रेस के 22 विधायकों और छह मंत्री कांग्रेस प्रत्याशियों का मतदान के आधार पर पोलिंग एजेंटों और कार्यकर्ताओं से हार-जीत का फीडबैक ले रहे हैं और अपने-अपने समीकरणों के हिसाब से बोर्ड बनाने की गणित बैठा रहे हैं. वहीं बाड़ाबंदी में रह रहे प्रत्याशियों में से 4 सितंबर को परिणाम जारी होने के बाद जीतने वाले प्रत्याशी बाड़ाबंदी में ही रहेंगे तो हारने वाले प्रत्याशियों को बाड़ाबंदी से बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा. उनका स्थान कांग्रेस के बागी और निर्दलीय प्रत्याशी लेंगे.

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आपको बता दें कि पंचायत राज और जिला परिषद सदस्यों के लिए जिन छह जिलों में चुनाव संपन्न हुए हैं उनमें से तीन तो संभाग मुख्यालय के जिले हैं. जयपुर, जोधपुर और भरतपुर के साथ ही इस बार दौसा, सवाईमाधोपुर और सिरोही में भी चुनाव हुए हैं. माना जा रहा है कि इन चुनाव के नतीजों से यह साफ हो जाएगा कि यहां से आने वाले जनप्रतिनिधियों की अपने क्षेत्र में कितनी पकड़ है. बहरहाल, चुनाव के नतीजों में अभी दो दिन और इंतजार करना होगा लेकिन उससे पहले पार्टियों ने जिला परिषदों में अपनी धाक जमाने के लिए अपने प्रत्याशियों की बाडेबंदी शुरू कर दी है तो साथ ही दूसरे कैम्प के कमजोर प्रत्याशियों और जीत की संभावना वाले मजबूत निर्दलीयों पर भी निगाहें गड़ा दी हैं.

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