बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने शुक्रवार को पटना स्थित अपने आवास पर पार्टी के सदस्यता अभियान को लेकर चल रहे कार्यक्रम की समीक्षा बैठक ली. इसमें आरजेडी के अधिकांश विधायक तो शामिल हुए लेकिन तेजप्रताप यादव और तेजस्वी यादव दोनों ही नदारद रहे. इस बैठक में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, तेज प्रताप यादव और मीसा भारती को भी शामिल होना था लेकिन तीनों बैठक में शामिल होने नहीं पहुंचे. कार्यक्रमों में तेजस्वी की लगातार गैर मौजूदगी आरजेडी के नेताओं को चिंतिंत कर रहा है लेकिन इस बारे में पार्टी के सभी नेताओं ने चुप्पी साधी हुई है. तेजस्वी यादव का बचाव करते हुए रघुवंश प्रसाद ने कहा कि तेजस्वी यादव बैठक में मौजूद नहीं हैं, इसका मतलब यह कि वह पार्टी के काम से कहीं और व्यस्त हैं.
गौरतलब है कि बिहार में 17वीं विधानसभा के चुनाव 2020 में होने हैं और घटते दिनों के साथ ही प्रदेश में चुनावी आहट शुरू हो गई है. सभी प्रमुख दल आगामी विधानसभा चुनावों की तैयारियों में जुट गए हैं. लेकिन आरजेडी अभी तक अपने तारणहारों का इंतजार ही कर रही है. विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नेता तेजस्वी यादव की असक्रियता अब अखरने लगी है. एक महीने के करीब होने को आया है लेकिन अभी तक तेजस्वी यादव का कहीं कोई अता पता नहीं है. यहां तक की आरजेडी के नेताओं को इस बात कि कोई जानकारी नहीं है की तेजस्वी आखिर कहां हैं.
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हालांकि तेजस्वी सोशल मीडिया पर एक्टिव हैं लेकिन पार्टी से उनका फिलहाल कोई जुड़ाव नहीं है. वहीं तेज प्रताप यादव में वो हुनर नहीं कि वे पार्टी को तराशने का काम कर सकें. लालू प्रसाद यादव के जेल में होने और राबड़ी देवी के करीब-करीब राजनीति से दूर होने के चलते आरजेडी की गाड़ी बेपटरी होती जा रही है.
बता दें कि लोकसभा में अब तक के सबसे खराब प्रदर्शन के चलते तेजस्वी यादव अचानक से गायब हो गए थे. करीब 33 दिन बाद अचानक से वे सोशल मीडिया पर प्रकट हुए और उन्होंने अपने गायब होने की वजह दिल्ली में इलाज बताई. उसके बाद उन्होंने विधानसभा के मानसून सत्र में भाग भी लिया. उसके बाद लगने लगा कि तेजस्वी यादव पार्टी में सक्रिय हो गए हैं लेकिन अब फिर से गायब होने की वजह अब तक न तो उनसे न ही किसी नेता से बाहर आ पायी है.
ऐसे मुश्किल वक्त में राजद के वफादार नाराज होने के बावजूद चाहते हैं कि तेजस्वी यादव फिर से सक्रिय होकर मैदान में उतरे और सियासी रणभेदी का ऐलान कर उनकी बेपटरी हो चुकी पार्टी का नेतृत्व करें. कुछ नेताओं ने तो तेजस्वी यादव के आत्मसम्मान को जगाने के लिए करारे तंज भी कसे हैं. हालांकि उनका कोई खास प्रभाव अभी देखने को नहीं मिला.