सिंधिया समर्थकों की चेतावनी पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं मध्य प्रदेश कांग्रेस (Congress) के कद्दावर युवा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के राजनीतिक भविष्य को लेकर उनके समर्थकों की नाराजगी बढ़ती जा रही है. समर्थकों का दबाव है कि सिंधिया को प्रदेश कांग्रेस संगठन की कमान सौंपी जाए. ज्‍योतिरादित्‍य को मध्‍यप्रदेश कांग्रेस अध्‍यक्ष (MP Congress President) बनाने की मांग करते हुए उनके समर्थकों ने चेतावनी तक दे डाली है कि यदि प्रदेश अध्‍यक्ष नहीं बनाए गए तो इस्‍तीफा दे देंगे.

ज्योतिरादित्य सिंधिया को पीसीसी चीफ (PCC Chief) बनाए जाने की मांग ने एक बार फिर से जोर पकड़ लिया है. मध्यप्रदेश में उनके समर्थक खुलकर समर्थन में उतर गए है और कमान सिंधिया को सौंपने की मांग पर अड़ गए है. दतिया जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष अशोक दांगी बगदा ने इस्तीफा देते हुए हाईकमान को धमकी दी है कि अगर 10 दिन के अंदर ज्योतिरादित्य सिंधिया को प्रदेश अध्यक्ष की कमान नहीं सौंपी तो जिले के 500 सिंधिया समर्थक इस्तीफा देंगे. इस घटनाक्रम के बाद एक बार फिर कांग्रेस में घमासान मच गया है.

वहीं जिला कांग्रेस कमेटी मुरैना के अध्यक्ष राकेश मावई ने एलान किया है कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया अध्यक्ष नहीं बने तो मुरैना की कार्यकारिणी सहित वे खुद भी इस्तीफा दे देंगे. यह मांग मावई ने सीधे सोनिया गांधी और राहुल गांधी से की है. मंगलवार को जबलपुर में भी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सड़क पर उतरकर सिंधिया के पक्ष में प्रदर्शन किया.

कांग्रेस में ज्योतिरादित्य सिंधिया की भूमिका को लेकर अब उनके समर्थक चिंतित और परेशान होने लगे हैं. लोकसभा चुनाव से पहले जब प्रदेश अध्यक्ष का माहौल बना, तब उन्हें मध्य प्रदेश से हटाकर आधे उत्तर प्रदेश का प्रभारी बना दिया गया. उनके समर्थक सिंधिया की आम चुनाव में हुई हार के लिए इसी कारण को जिम्मेदार मानते हैं. समर्थकों का मानना है कि यदि सिंधिया मध्यप्रदेश में ही सक्रिय रहते तो न केवल खुद की, बल्कि आसपास की एक-दो सीटें और निकाल सकते थे.

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गौरतलब है कि लोकसभा में सिंधिया को प्रियंका गांधी (Priyanka Gandhi) के साथ उत्तरप्रदेश का चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया था और हाल ही में ज्योतिरादित्य सिंधिया को महाराष्ट्र में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये बनी स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है. इस पर सिंधिया समर्थकों की गहरी नाराजगी खुलकर सामने आ रही है. समर्थकों का कहना है कि अब जबकि राज्य में नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन का वक्त आया तो उन्हें महाराष्ट्र विधानसभा के लिए बनी स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाकर महाराष्ट्र में उलझा दिया है.

सिंधिया समर्थक मंत्री इमरती देवी तो खुलकर मैदान में आ चुकी हैं, उनका कहना है कि सिंधिया को मप्र में ही कोई जिम्मेदारी दी जानी थी, महाराष्ट्र में कौन पूछ रहा है. बता दें, इससे पहले भी सिंधिया समर्थकों ने उनको मध्यप्रदेश का मुख्यमंत्री बनाने की मांग की थी. जबकि कुछ समर्थकों ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को कांग्रेस का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने की मांग को लेकर मध्यप्रदेश में पोस्टर भी लगवा दिए थे.

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