किसानों तथा पशुपालकों को खुशहाल बनाने वाला होगा प्रदेश का बजट- सीएम अशोक गहलोत

प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि, पशुपालन एवं इससे जुड़े क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है, विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं पानी की कमी के बावजूद किसानों ने अपनी मेहनत से कृषि के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी पायदान पर रखने का सार्थक प्रयास किया है- सीएम गहलोत

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Politalks.News/Rajasthan. प्रदेश की अर्थव्यवस्था में कृषि, पशुपालन एवं इससे जुड़े क्षेत्रों का महत्वपूर्ण योगदान है, विषम भौगोलिक परिस्थितियों एवं पानी की कमी के बावजूद किसानों ने अपनी मेहनत से कृषि के क्षेत्र में प्रदेश को अग्रणी पायदान पर रखने का सार्थक प्रयास किया है, यह कहना है राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत का. सीएम गहलोत ने कहा हमारा प्रयास है कि बजट में ऐसे प्रावधान करें, जिससे राज्य के किसानों तथा पशुपालकों की आय बढ़े और वे खुशहाल हों.

मुख्यमंत्री निवास से वीसी के माध्यम से किसानों, पशुपालकों, डेयरी संघ के पदाधिकारियों एवं जनजाति क्षेत्रों के प्रतिनिधियों के साथ बजट पूर्व संवाद के दौरान सीएम गहलोत ने कहा कि राजस्थान में कृषि और डेयरी विकास की बड़ी संभावनाएं मौजूद हैं. तकनीक और नवाचारों के माध्यम से इन क्षेत्रों का तेजी से विकास किया जा सकता है. प्रगतिशील किसान और पशुपालकों के सुझाव इसमें महत्वपूर्ण होंगे.

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि किसान और पशुपालकों का कल्याण हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में है. इसके लिए हमने विगत दो सालों में कई अहम फैसले लिए हैं, जो कृषि के क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं. सीएम गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार के कार्यकाल में प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत करीब 55 लाख किसानों को लगभग 8 हजार करोड़ रूपए के बीमा क्लेम का भुगतान किया गया है. वर्ष 2020-21 में एक करोड़ 8 लाख किसानों का फसल बीमा किया गया है, जो गत वर्ष की तुलना में 24 लाख अधिक है.

Ashok Gehlot ने कहा कि कृषि उद्योगों के विकास के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करने और कृषि निर्यात को बढ़ावा देने के लिए राज्य सरकार ने ‘राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यवसाय एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति-2019‘ लागू की है. यह नीति किसानों को समृद्ध बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. किसान इन नीति का लाभ लेकर कृषि उद्योगों एवं निर्यात की तरफ कदम बढ़ाएं. राज्य सरकार उन्हें हर संभव सहयोग प्रदान करेगी.

सरकार की उपलब्धियों का जिक्र करते हुए मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि हमारी सरकार ने किसानों को खाद एवं बीज की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के साथ ही टिड्डी की समस्या का भी सफलतापूर्वक सामना किया. कृषि विभाग एवं टिड्डी चेतावनी संगठन ने किसानों के साथ मिलकर 5 लाख हैक्टेयर से अधिक क्षेत्र में टिड्डी नियंत्रण किया. सीएम गहलोत ने कोविड-19 (COVID-19) के कठिन दौर में आदिवासी क्षेत्रों के किसानों को मक्का और बाजरा के बीज का निशुल्क वितरण किया गया.

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मुख्यमंत्री गहलोत ने आगे बताया की किसानों को कृषि उपकरणों की निःशुल्क सेवा उपलब्ध कराई गई. हमारी सरकार ने न केवल प्रदेशवासियों के लिए निःशुल्क दवा और जांच की व्यवस्था की, बल्कि मूक पशुओं के लिए भी ‘मुख्यमंत्री निःशुल्क पशुधन दवा योजना‘ लागू की. योजना में दवाओं की संख्या भी बढ़ाई गई है.

सीएम गहलोत ने कहा कि प्रदेश में पानी की कमी और गिरते भूजल स्तर को देखते हुए राज्य सरकार बूंद-बूंद और फव्वारा सिंचाई पद्धति को बढ़ावा दे रही है. किसान इन पद्धतियों का अधिकाधिक उपयोग कर अपना उत्पादन बढ़ाएं. उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने खेतों में सोलर पैनल लगाकर किसानों की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने की योजना लागू की थी. हम योजना को और आगे बढ़ाएंगे.

मुख्यमंत्री अशोक ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानूनों के विरोध में देशभर में चल रहा किसानों का आंदोलन चिंता का विषय है. हमारी सरकार ने उनके हितों का संरक्षण करने के लिए राज्य विधानसभा में तीन कृषि कानून पारित किए हैं. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को किसानों की पीड़ा समझकर उनका मान-सम्मान रखते हुए जल्द से जल्द उनकी मांगों को पूरा करना चाहिए.

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