प्रदेश को मिली इको-टूरिज्म पॉलिसी, विशेष वेटेरिनरी लैब के लिए परीक्षण के निर्देश भी दिए CM गहलोत ने

विशेषज्ञों का एक पैनल बनाने के निर्देश भी दिए जो रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या के कारण उन्हें अन्य अभयारण्य क्षेत्रों में शिफ्ट करने तथा मुकुन्दरा हिल्स एवं रामगढ़ टाइगर रिजर्व को विकसित करने के संबंध में अध्ययन कर सुझाव देगा

प्रदेश को मिली इको-टूरिज्म पॉलिसी
प्रदेश को मिली इको-टूरिज्म पॉलिसी

Politalks.News/Rajasthan. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राजस्थान इको-टूरिज्म पॉलिसी का लोकार्पण कर दिया है. इसके माध्यम से राज्य में पारिस्थितिकी पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा. बता दें, हाल ही गहलोत मंत्रिमंडल ने राजस्थान इको-टूरिज्म पॉलिसी का अनुमोदन किया है. इसके साथ ही सीएम गहलोत ने प्रदेश में एक विशेष वेटेरिनरी लैब की स्थापना के लिए परीक्षण करने के निर्देश दिए. इससे वन्यजीवों एवं अन्य पशु-पक्षियों से संबंधित नमूनों, रोग परीक्षण आदि की शीघ्र जांच संभव हो सकेगी.

गुरुवार को सीएम आवास से वीसी के माध्यम से स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की 12वीं बैठक को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में बढ़ती संख्या के अनुरूप बाघों को सुरक्षित आश्रय स्थल उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार प्रदेश में नए टाइगर रिजर्व विकसित करने की योजना पर काम कर रही है. यह खुशी की बात है कि बूंदी क्षेत्र के रामगढ़ वन्यजीव अभयारण्य को हाल ही में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (एनटीसीए) ने टाइगर रिजर्व के रूप में स्वीकृति प्रदान कर दी है.

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सीएम गहलोत ने कहा अब हमारा प्रयास है कि कुंभलगढ़ अभयारण्य सहित अन्य वन क्षेत्रों में बाघों एवं दूसरे वन्यजीवों के संरक्षण को बढ़ावा दें. इस दौरान मुख्यमंत्री ने विशेषज्ञों का एक पैनल बनाने के निर्देश भी दिए. वन्यजीव संरक्षण से जुड़े विशेषज्ञों का यह समूह रणथम्भौर टाइगर रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या के कारण उन्हें अन्य अभयारण्य क्षेत्रों में शिफ्ट करने तथा मुकुन्दरा हिल्स एवं रामगढ़ टाइगर रिजर्व को विकसित करने के संबंध में अध्ययन कर सुझाव देगा.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि वनों एवं वन्यजीवों के साथ-साथ वेटलैण्ड्स और ग्रासलैण्ड्स आदि का संरक्षण राज्य सरकार की प्राथमिकता है. इसके लिए राज्य सरकार वन्यजीव प्रेमियों तथा डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, डब्ल्यूआईआई, बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी जैसी संस्थाओं के साथ मिलकर काम कर रही है.

आपको बता दें, बैठक में वाइल्ड लाइफ बोर्ड के स्तर पर वाइल्ड लाइफ क्लीयरेंस के प्रस्तावों का अनुमोदन किया गया. साथ ही, राष्ट्रीय वन्यजीव मंडल के क्षेत्राधिकार से जुड़े प्रकरणों को राष्ट्रीय मंडल के समक्ष भेजने का निर्णय किया गया. साथ ही, राज्य बजट में की गई विभागीय घोषणाओं की प्रगति पर भी चर्चा की गई. इस दौरान प्रोजेक्ट लेपर्ड, मानव और वन्यजीव संघर्ष, वन क्षेत्रों में जल प्रबंधन, अभयारण्य क्षेत्रों से मानव आबादी के पुनर्वास, तालछापर में वन्यजीव प्रबंधन पर विस्तार से चर्चा की गई.

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बैठक के दौड़ना वन एवं पर्यावरण राज्यमंत्री सुखराम विश्नोई ने कहा कि नम एवं दलदली भूमि क्षेत्र के संरक्षण एवं इन क्षेत्रों के विकास के लिए विभाग प्रयासरत है. मंत्री ने बताया कि कोरोना के समय में हाथियों के भरण-पोषण एवं हाथी पालकों के कल्याण के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से सहायता राशि उपलब्ध कराई गई है.

वहीं बैठक में वीसी से जुड़े वन्य जीव बोर्ड के सदस्य पूर्व मंत्री एवं विधायक भरत सिंह कुंदनपुर ने वन विभाग में विभिन्न पदों पर रिक्तियों को शीघ्र भरने, चंबल, परवन, कालीसिंध आदि नदियों में घड़ियालों के संरक्षित प्रजनन तथा मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में चीता लाने की संभावनाओं पर सुझाव दिया. विधायक श्री खुशवीर जोजावर एवं श्री किसना राम विश्नोई ने भी विचार व्यक्त किए.

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