Shubhanshu Shukla Latest News – ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायुसेना के परीक्षण पायलट है और इस समय वे अंतरिक्ष की यात्रा में है. वे भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संघठन (इसरो) के गगनयान कार्यक्रम और एक्सिओम मिशन-4 के तहत अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन गए हुए है. शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष का दौरा करना भारत के गगनयान मिशन के लिए बहुत काम का होने वाला है. भारत का गगनयान मिशन 2027 में लांच होने वाला है. फिलहाल शुभांशु शुक्ला इसरो स्पेसएक्स और नासा के ज्यॉइंट मिशन में अंतरिक्ष की यात्रा पर है. अंतरिक्ष की इस यात्रा के साथ ही शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले पहले भारतीय बन गए है. इस लेख में हम आपको शुभांशु शुक्ला की जीवनी (Shubhanshu Shukla Biography in Hindi) के बारें में जानकारी देने वाले है.
शुभांशु शुक्ला की जीवनी (Shubhanshu Shukla Biography in Hindi)
पूरा नाम | शुभांशु शुक्ला |
उम्र | 39 साल |
जन्म तारीख | 10 अक्टूबर 1985 |
जन्म स्थान | उत्तर प्रदेश के लखनऊ |
शिक्षा | इंजीनियरिंग |
कॉलेज | एनडीए खडकवासला (2005), भारतीय विज्ञान संस्थान (बेंगलुरु), सिटी मोंटेसरी स्कूल |
वर्तमान पद | भारतीय वायु सेना में स्क्वाड्रन कमांडर |
व्यवसाय | ग्रुप कैप्टन |
वैवाहिक स्थिति | विवाहित |
पिता का नाम | शंभू दयाल शुक्ला |
माता का नाम | आशा शुक्ला |
पत्नी का नाम | कामना मिश्रा |
बच्चे | एक बेटा |
शुभांशु शुक्ला का जन्म और परिवार (Shubhanshu Shukla Birth & Family)
शुभांशु शुक्ला का जन्म 10 अक्टूबर 1985 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ में हुआ था. उन्हें शक्स (Shux) नाम से भी पुकारा जाता है.
शुभांशु शुक्ला के पिता का नाम शंभू दयाल शुक्ला है तो उनकी माता का नाम आशा शुक्ला है. उनके पिता शंभू दयाल शुक्ला एक सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारी हैं जबकि उनकी माता एक गृहिणी हैं.
शुभांशु शुक्ला तीन भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. शुभांशु शुक्ला की शादी पेशे से दंत चिकित्सक कामना मिश्रा से हुई है. कामना मिश्रा स्कूल के दिनों में उनके मित्र हुआ करती थी. उनका एक बेटा है. शुभांशु शुक्ला हिन्दू है और जाति से ब्राह्मण है.
शुभांशु शुक्ला की शिक्षा (Shubhanshu Shukla Education)
शुभांशु शुक्ला ने लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल से प्रारंभिक पढाई पूरी की थी. 1999 के कारगिल युद्ध से प्रेरित होकर बाद में शुक्ला ने एनडीए परीक्षा के लिए आवेदन किया और उसे पास कर लिया. इसी के बाद उन्होंने अपना सैन्य प्रशिक्षण पूरा किया और 2005 में राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से कंप्यूटर विज्ञान में स्नातक किया.
शुभांशु शुक्ला का भारतीय वायु सेना में (Shubhanshu Shukla Indian Air Force Career)
राष्ट्रीय रक्षा अकादमी से स्नातक करने के बाद शुभांशु शुक्ला को फ्लाइंग ब्रांच के लिए चुना गया और उन्होंने भारतीय वायु सेना अकादमी में प्रशिक्षण प्राप्त किया. जून 2006 में शुभांशु शुक्ला को फ्लाइंग ऑफिसर के पद पर भारतीय वायु सेना की फाइटर विंग में कमीशन दिया गया. शुभांशु शुक्ला को एक अनुभवी पायलट माना जाता है. उनके पास विभिन्न विमानों में लगभग 2,000 घंटों की उड़ान भरने का अनुभव प्राप्त है, जिसमें सुखोई-30 मिग-29 जगुआर, हॉक, डोर्नियर और एन-32 जैसे लड़ाकू विमान शामिल हैं.
शुभांशु शुक्ला का अंतरिक्ष यात्री के तौर पर करियर (Shubhanshu Shukla Space Journey)
शुभांशु शुक्ला को भारतीय मानव अंतरिक्ष उड़ान कार्यक्रम के लिए भारतीय वायु सेना के द्वारा 2019 में चुना गया था. उन्हें ‘इंस्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन (IAM)’ ने इस मिशन के लिए चयन किया था. बाद में उन्हें स्टीट्यूट ऑफ एयरोस्पेस मेडिसिन जिसे आईएमए के नाम से भी जाना जाता है, को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संघठन (इसरो) द्वारा भी चुन लिया गया. उसी के बाद वर्ष 2020 में वह यूरी गगारिन कॉस्मोनॉट ट्रेनिंग सेंटर में तीन अन्य चयनित अंतरिक्ष यात्रियों के साथ आधारभूत प्रशिक्षण के लिए रूस गए.
जहां भारत में एस्ट्रोनॉट को गगनयात्री कहते है तो वही रूस में इसे कॉस्मोनॉट कहा जाता है जबकि चीन में इसे टाइकोनॉट कहते है. आधारभूत प्रशिक्षण के बाद जो वर्ष 2021 में पूरा हुआ, शुभांशु स्वदेश लौट आये. भारत आकर उन्होंने यहां अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा में प्रशिक्षण हासिल किया. इसी अवधि में शुभांशु शुक्ला ने भारतीय विज्ञान संस्थान से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग की डिग्री भी पूरी कर ली. बाद में इस मिशन के लिए उनके नाम की घोषणा भारतीय अनुसंधान संघठन (इसरो) के द्वारा 27 फरवरी 2024 को कर दिया गया.
शुभांशु शुक्ला की एक्सिओम मिशन-4 में भूमिका
शुभांशु शुक्ला वर्तमान में अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर चल रहे एक्सिओम मिशन 4 में एक मिशन पायलट के तौर पर अपनी सेवा दे रहे हैं. शुभांशु कमांडर पैगी व्हिटसन के नेतृत्व वाले चालक दल का हिस्सा हैं. उनके साथ इसरो अंतरिक्ष यात्री प्रशांत नायर को बैकअप चालक दल के सदस्य के रूप में तैनात किया गया है. यात्रा से पहले दोनों ने अमरीका के ह्यूस्टन में नासा के जॉनसन स्पेस सेंटर में प्रशिक्षण लिया था.
अंतरिक्ष में मानव को भेजने वाले इस कठिन मिशन का संचालन नासा, स्पेसएक्स और इसरो के बीच सहयोग से हो रहा है. इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष उड़ान सहयोग को मजबूत करना और अंतरिक्ष यात्रा को और अधिक समझना है.
शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय है. इससे 41 वर्ष पहले 1984 में अंतरिक्ष यात्री राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष की यात्रा की थी. शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन जाने वाले पहले भारतीय भी बन गए है. क्योकि इससे पहले भारत का कोई भी व्यक्ति अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आई एस एस) नहीं पहुंचा था.
इस लेख में हमने आपको ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला की जीवनी (Shubhanshu Shukla Biography in Hindi) के बारे में जानकारी दी है. अगर आपका कोई सुझाव है तो हमें कमेंट करके जरूर बताएं.