पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है. सोमवार को हुई 2 और बच्चों की मौत के बाद यहां बच्चों की मौत का आंकड़ा पहुंचकर 112 हो गया है. भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया ने राजस्थान में अस्पताल में बच्चों की हो रहीं मौतों के बाद सरकार के नुमाइंदों की आपस में छिड़ी सियासी बयानबाजी पर मुख्यमंत्री गहलोत पर निशाना साधते हुए कहा कि गहलोत सरकार की गुड गर्वेनेस की पोल खुल गई है. इनकी और इनके मंत्रियों की आपसी अंर्तकलह खुल कर सामने आ गई है. इनकी इस प्रकार की सियासत से अराजकता फैल रहीं है. आपसी अंर्तकलह के कारण राजस्थान की जनता का नुकसान हो रहा है, इसलिए अब यह शब्द युद्ध बंद हो और जनता के हित में काम होना चाहिए.
बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां ने कांग्रेस द्वारा राजस्थान में हुई बच्चों की मौत की तुलना गुजरात व तेलंगाना में हुई बच्चों की मौत से करने पर कड़ा ऐतराज जताते हुये कहा कि बच्चों की मौत होना ही दुखदः घटना है. इसमें प्रतिस्पर्धा उचित नहीं है, आंकड़ों में उलझाकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकती. वहीं पूनियां ने उपमुख्यमंत्री के कोटा दौरे के दौरान दिए गए बयान का हवाला देते हुए गहलोत सरकार पर आरोप लगाया कि अपने उपमुख्यमंत्री की दी हुई सलाह को ना मानकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड रही है.
गौरतलब है कि कोटा स्थित जेके लोन अस्पताल में नवजात बच्चों की मौत ओर एक के बाद एक नेताओं की बयानबाजी का दौर थम नहीं रहा है. पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पिछले सालों में हुई बच्चों की मौतों के आंकड़े बताते हुए पिछली वसुंधरा सरकार पर आरोप लगाने में व्यस्त रहे. लेकिन जब पूरा घटनाक्रम पूरे देश की मीडिया की सुर्खियों में छा गया तो कांग्रेस आलाकमान सोनिया गांधी ने प्रदेश प्रभारी अविनाश पांडे को तलब कर गहलोत सरकार के प्रति अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की. इसके तुरंत बाद अगले ही दिन चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा और कोटा जिला प्रभारी मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास कोटा अस्पताल पहुँचे.
उसके अगले ही दिन यानि बीते शनिवार को पीसीसी चीफ एवं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट भी अस्पताल का निरीक्षण करने कोटा पहुँचे और पूरे घटनाक्रम पर अपनी ही सरकार के मंत्री द्वारा पिछली वसुंधरा सरकार पर लगाए गए आरोप को दरकिनार करते हुए घटना पर जवाबदेही तय करने की बात कही. पायलट के इस बयान का चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने रविवार को जवाब देते हुए कहा कि जवाबदेही सभी की तय होनी चाहिए अकेले चिकित्सा विभाग की नहीं. अस्पताल की जो खिड़की टूटी है, छतों से पानी टपक रहा है उसके लिए पीडब्ल्यूडी विभाग को अस्पताल प्रशासन द्वारा पत्र लिखा गया था इस पर पीडब्ल्यूडी की भी जवाबदेही तय होनी चाहिए.
बता दें उपमुख्यमंत्री होने के साथ-साथ सचिन पायलट पीडब्ल्यूडी विभाग के मंत्री भी हैं. यानी प्रदेश के सरकारी अस्पतालों में हो रही बच्चों की अकाल मौतों को रोकने के लिए कोई स्थायी समाधान निकाले जाने के बजाए सत्ता पक्ष और विपक्ष केवल सियासी बयानबाजी में घिर कर रह गया है.