जवाबदेही के बयान पर रघु शर्मा का PWD मंत्री सचिन पायलट पर पलटवार, जब अस्पताल की छत टपक रही थी तब कहां था पीडब्लूडी

रघु शर्मा ने पायलट पर आरोप लगाते हुए कहा कि RMRS की बैठकों में नहीं आते जनप्रतिनिधि, बैठकों में आते तो पता होता किस अस्पताल में क्या कमियां हैं, जवाबदेही क्या केवल चिकित्सा विभाग की है, क्या इसमें और विभागों की जिम्मेदारी नहीं बनती

पॉलिटॉक्स ब्यूरो. राजस्थान में मुख्यमंत्री गहलोत और पीसीसी चीफ सचिन पायलट के बीच की खींचतान एक बार फिर खुलकर सामने आ गई है. शनिवार को कोटा के जेके लोन अस्पताल में हुई बच्चों की मौत के मामले में सचिन पायलट ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके खास माने जाने वाले चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा पर जमकर निशाना साधा था. अब मंत्री रघु शर्मा ने उपमुख्यमंत्री के साथ राज्य के पीडब्ल्यूडी मंत्री सचिन पायलट को घेरते हुए कहा कि जब अस्पताल की छत टपक रही थी और खिड़कियां टूटी हुई थी तो अस्पताल प्रशासन पीडब्ल्यूडी विभाग को लिख रहा था तब विभाग ने ठीक करने के लिए कदम क्यों नहीं उठाए गए? वहीं जवाबदेही के सवाल पर रघु शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा पीडब्ल्यूडी की भी जवाबदेही तय हो. बार-बार कहने के बावजूद पीडब्ल्यूडी विभाग ने क्यों नहीं की अस्पताल की मरम्मत. रघु शर्मा ने पायलट पर आरोप लगाते हुए कहा कि RMRS की बैठकों में नहीं आते जनप्रतिनिधि, बैठकों में आते तो पता होता किस अस्पताल में क्या कमियां हैं.

चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि अस्पतालों को लेकर आरएमआरएस की नियमित बैठकें होती हैं, यहां पायलट को घेरते हुए शर्मा ने कहा, जनप्रतिनिधि अब सवाल उठा रहे हैं अगर वो आरएमआरएस की मीटिंग में नियमित रूप से जाते तो उन्हें पता चल जाता कि अस्पताल क्या कमियां हैं. अगर जनप्रतिनिधि खुद बैठकों में नहीं जा सकते तो कम से कम अपने प्रतिनिधी को भेजते तो उन्हें पता चलता कि इस अस्पताल में क्या कमियां, क्या उपकरण खरीदें जाने चाहिए, 6 करोड़ रुपए आरएमआरएस में हैं वो पैसा खर्च भी होता.

रघु शर्मा ने रविवार को समाचार एजेंसी ANI के थ्रू मीडिया में बयान जारी कर कहा कि जवाबदेही सभी की तय होनी चाहिए और जो दोषी है उसे सजा भी मिले, लेकिन जवाबदेही क्या केवल चिकित्सा विभाग की है, क्या इसमें और विभागों की जिम्मेदारी नहीं बनती. रघु शर्मा ने कहा कि ये सवाल भी उठे थे कि कोटा के जेकेलॉन अस्पताल में खिड़की-दरवाजे टूटे हुए हैं, सीवरेज का पानी आ रहा है, छत टपक रही है. बार-बार अस्पताल के प्रशासनिक अधिकारियों ने सार्वजनिक निर्माण विभाग को मरम्मत के लिए लिखा, लेकिन एक बार भी पीडब्ल्यूडी ने मरम्मत की जहमत नहीं उठाई. क्या पीडब्लू्डी की जिम्मेदारी नहीं बनती थी कि समय पर अस्पतालों की मरम्मत हो जाए.

स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने कहा कि यह हर आदमी का दायित्व है, ये ऐसा मसला है कि कोई आदमी अपनी जिम्मेदारी से नहीं बच सकता. मैं भी किसी क्षेत्र का जनप्रतिनिधि हूं और मेरे क्षेत्र में जितने अस्पताल है, अगर आरएमआरएस का मेंबर हूं तो मुझे भी जानकारी होनी चाहिए कि कौनसे अस्पताल में क्या-क्या कमियां हैं. बता दें, शनिवार को डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने अस्पताल का दौरा कर रघु शर्मा पर निशाना साधते हुए कहा था कि पहले की सरकार ने क्या किया और क्या नहीं किया इसको छोड़कर हमें जवाबदेही तय करनी पड़ेगी.

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गौरतलब है कि राजस्थान के कोटा जेके लोन अस्पताल में बच्चों के मरने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है. जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का आंकड़ा बढ़कर रविवार को 110 पहुंच गया है. वहीं अस्पताल में 100 से ज्यादा बच्चों की मौत के बाद सरकार ने जांच पैनल नियुक्त किया था. विशेषज्ञों की टीम ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि हाइपोथर्मिया (शरीर का तापमान असंतुलित हो जाना) के कारण बच्चों की मौत हुई है. अस्पताल में बुनियादी सुविधाओं की कमी भी इसकी बड़ी वजह बताई जा रही है. गहलोत सरकार की ओर से बच्चों की मौत के कारणों का पता लगाने के लिए गठित समिति ने अपनी रिपोर्ट में पुष्टि की है कि हाइपोथर्मिया के कारण शिशुओं की मौत हुई है.

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