पॉलिटॉक्स न्यूज़/राजस्थान. कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्षा सोनिया गांधी ने सोमवार को मजदूरों की घर वापसी का खर्च कांग्रेस द्वारा उठाये जाने की घोषणा करते हुए एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की. सोनिया गांधी ने प्रदेश कांग्रेस कमेटियों को निर्देश देते हुए कहा कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने यह निर्णय लिया है कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी की हर इकाई हर जरूरतमंद श्रमिक व कामगार के घर लौटने की रेल यात्रा का टिकट खर्च वहन करेगी व इस बारे में जरूरी कदम उठाएगी. सोनिया गांधी के फैसले के तुरन्त बाद राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अधिकारियों के साथ जारी एक वीडियो कांफ्रेंस में ही एलान किया कि प्रवासी मजदूरों के आवागमन का पूरा खर्चा राज्य सरकार वहन करेगी. सोनिया गांधी की घोषणा के बाद राजनीतिक बयानबाजी का दौर भी शुरू हो गया. बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष ने इसे सोनिया-राहुल गांधी का कोरा झूठ बताते हुए लोगों से कांग्रेस के फैलाए इस भ्रम में न आने की बात कही.
सोनिया गांधी के बयान के बाद जहां मुख्यमंत्री गहलोत ने फैसला लेते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी के निर्देश पर हमने फैसला किया है कि राजस्थान से अन्य राज्यों में भेजे जाने वाले प्रवासी श्रमिकों के किराये का भुगतान रेलवे को राज्य सरकार करेगी. वहीं उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने कहा सोनिया गांधी जी का फैसला स्वागत योग्य हैं. श्रमिकों को मुश्किल और चुनौतीपूर्ण पूर्ण समय में हम पूरी सहायता करने के लिए तैयार हैं. वहीं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि रेल से लाए जाने वाले प्रवासियों से केन्द्र सरकार द्वारा किराए लेने के सम्बन्धी सोनिया गांधी का बयान अतिनिन्दनीय और झूठा है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सतीश पूनियां ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के रेल से लाए जाने वाले प्रवासियों से किराया लेने के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि संकट की इस घड़ी में भी कांग्रेसी झूंठ फ़ैला रही है. पूनियां ने रेलवे द्वारा जारी निर्देश पत्र का हवाला देते हुए कहा की रेलवे ने पहले ही दिन कह दिया था कि लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए यात्रा के खर्च में रेलवे 85 प्रतिशत की रियायत देगा, बाक़ी 15 प्रतिशत राज्य सरकारें वहन करेंगी.
सतीश पूनियां ने कहा कि जब सब कुछ स्पष्ट है तो फिर सोनिया-राहुल दान दाताओं के सहयोग से कांग्रेस द्वारा किसका खर्च उठाने की बात कह रहें है. ये कोरा झूंठ है और प्रवासियों को कांग्रेस के फैलाये भ्रम में नहीं आना चाहिए. संकट के इस समय इस तरह की अनर्गल बात करने के बजाय ज़्यादा अच्छा हो सोनिया गांधी राज्य की गहलोत सरकार को कहें की वो अपने हिस्से का 15 प्रतिशत भुगतान करे और यह भी सुनिश्चित करे की उनकी पार्टी द्वारा शासित राज्य में आने वाले प्रवासियों को किसी तरह की कोई असुविधा नहीं हो.
वहीं प्रदेश के उपमुख्यमंत्री व पीसीसी चीफ सचिन पायलट ने श्रमिकों के किराये को लेकर कहा कि इस देश को मजबूत बनाने के लिए हमारे श्रमिक दिन रात मेहनत करते है. आज लॉकडाउन के तहत वो पिछले 40 दिनों से अपने घर से दूर अलग अलग राज्यों में भूखे प्यासे तड़प रहे हैं. अंतत: जाकर उनको अपने घर वापिस आने की परमिशन मिली हैं वो रेलों से वापिस आ रहे हैं उसका किराया भी श्रमिकों से वसूला जाय यह अशोभनीय हैं. इसकी हम निंदा करते हैं. श्रमिकों की घर वापसी का पूरा किराया केंद्र सरकार को वहन करना चाहिए. पायलट ने आगे कहा कि जब विदेशों से चार्टर्ड प्लेन करके हम लोगों को वापिस ला सकते हैं तो यह गरीब मजदूर जो फंसे हुए हैं उनको वापिस लाने का खर्चा केंद्र सरकार को वहन करना चाहिए.
पायलट ने आगे कहा कि मैं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी जी के फैसले का स्वागत करता हूं. सोनिया गांधी ने आज जो फैसला लिया की केंद्र सरकार यदि श्रमिकों का ख़र्चा वहन नहीं करेगी तो कांग्रेस पार्टी उनका पूरा किराया वहन करेगी. हम इस मुश्किल घडी में इन गरीब लोगों को अकेला नही छोड़ सकते. सोनिया गांधी जी का फैसला स्वागतयोग्य हैं श्रमिकों को इस मुश्किल और चुनोतीपूर्ण समय मे हम पूरी सहायता करने के लिए तैयार हैं.